Savings Account : हम में से ज़्यादातर लोग अपनी मेहनत की कमाई और बचत को सुरक्षित रखने के लिए बैंक में सेविंग अकाउंट (बचत खाता) खुलवाते हैं। इसमें पैसा जमा करना और निकालना रोज़मर्रा की बात है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आप एक बार में या एक साल में कितना कैश अपने खाते में जमा कर सकते हैं या निकाल सकते हैं, ताकि इनकम टैक्स विभाग की नज़र आप पर न पड़े? अगर नहीं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद ज़रूरी है!
बैंक खाते से जुड़े कुछ नियम जानना बहुत ज़रूरी है, वरना अनजाने में हुई गलती आपको मुश्किल में डाल सकती है। आइए, समझते हैं सेविंग अकाउंट से जुड़े कैश लेन-देन के महत्वपूर्ण नियमों को।
सेविंग अकाउंट में कैश जमा करने/निकालने की सीमा क्या है?
इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है:
-
सालाना लिमिट (Financial Year Limit): एक वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) के दौरान, अगर आप अपने एक या एक से ज़्यादा सेविंग अकाउंट्स को मिलाकर कुल 10 लाख रुपये या उससे ज़्यादा कैश जमा करते हैं, तो बैंक इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देता है। यही नियम कैश निकालने पर भी लागू होता है, अगर आप साल में 10 लाख रुपये से ज़्यादा कैश निकालते हैं।
-
बड़ी रकम का लेन-देन (PAN Requirement): अगर आप एक दिन में 50,000 रुपये से ज़्यादा कैश जमा करते हैं या निकालते हैं, तो आपको अपना पैन कार्ड (PAN Card) नंबर देना अनिवार्य है। अगर पैन नहीं है, तो फॉर्म 60/61 भरना पड़ सकता है।
कब आ सकता है इनकम टैक्स का नोटिस?
-
जब टूटेगी 10 लाख की लिमिट: जैसे ही एक वित्तीय वर्ष में आपके सेविंग अकाउंट में कुल कैश जमा 10 लाख रुपये की सीमा को पार करता है, इसे ‘हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन’ (High-Value Transaction) माना जाता है। बैंक आयकर अधिनियम, 1962 की संबंधित धाराओं के तहत इसकी सूचना इनकम टैक्स विभाग को देने के लिए बाध्य है।
-
विभाग मांगेगा हिसाब: इसके बाद, इनकम टैक्स विभाग आपसे इस पैसे के स्रोत (Source of Income) के बारे में पूछ सकता है और आपको नोटिस भेज सकता है।
अगर इनकम टैक्स नोटिस आए तो क्या करें? घबराएं नहीं!
इनकम टैक्स नोटिस मिलने का मतलब यह नहीं है कि आपने कुछ गलत किया है। विभाग केवल यह जानना चाहता है कि आपके पास यह पैसा कहाँ से आया। आपको बस नोटिस का सही तरीके से जवाब देना है:
-
सबूत तैयार रखें: आपको यह साबित करना होगा कि यह पैसा आपकी वैध आय (जैसे सैलरी, व्यापार का मुनाफ़ा, प्रॉपर्टी बेचना, किसी से मिला उपहार या लोन आदि) से आया है। इसके लिए पुख्ता सबूत तैयार रखें।
-
क्या हो सकते हैं सबूत: बैंक स्टेटमेंट, सैलरी स्लिप, बिक्री के दस्तावेज़ (Sale Deed), लोन एग्रीमेंट, गिफ्ट डीड, निवेश के रिकॉर्ड, या विरासत से जुड़े कागज़ात आपके काम आ सकते हैं।
-
जवाब दें: नोटिस में दिए गए समय के भीतर अपना जवाब सबूतों के साथ जमा करें।
-
सलाह लें: अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि क्या करना है, तो घबराएं नहीं। किसी अच्छे टैक्स सलाहकार (Tax Advisor) या चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) से सलाह लेना सबसे बेहतर है। वे आपको सही मार्गदर्शन देंगे।
अपने सेविंग अकाउंट में कैश लेन-देन करते समय इन नियमों का ध्यान रखना ज़रूरी है। 10 लाख रुपये की सालाना कैश लिमिट और 50,000 रुपये की डेली ट्रांजैक्शन पर पैन की अनिवार्यता को याद रखें। जानकारी होने पर आप बेवजह की परेशानी और इनकम टैक्स नोटिस से बच सकते हैं।