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Join NowReuters: अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स (Reuters) की एक बड़ी घटना ने दुनिया भर के पत्रकारों और तकनीक प्रेमियों के बीच हलचल मचा दी है। मशहूर समाचार एजेंसी का आधिकारिक X हैंडल (@Reuters), जिसे पहले ट्विटर (Twitter) के नाम से जाना जाता था, फिलहाल भारत में बंद (Blocked in India) कर दिया गया है। जब भी कोई भारतीय यूजर इस अकाउंट को एक्सेस करने की कोशिश करता है, तो उसे एक विशेष नोटिस दिखाई देता है जिसमें लिखा है कि यह अकाउंट भारत में एक कानूनी मांग (legal demand in India) के कारण उपलब्ध नहीं है। इस अचानक कदम ने पत्रकारिता की स्वतंत्रता (journalistic freedom) और डिजिटल अधिकारों (digital rights) को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। ऐसे में, भारत सरकार ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया जारी की है।
सरकार का बड़ा बयान: “हमने ब्लॉक करने का आदेश नहीं दिया!”
भारत सरकार के एक प्रवक्ता ने इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत सरकार ने रॉयटर्स के एक्स हैंडल को ब्लॉक करने के लिए कोई नया आदेश (blocking order) जारी नहीं किया है। प्रवक्ता ने यह भी जोड़ा कि सरकार एक्स (Twitter) के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने का प्रयास कर रही है। सरकार का मानना है कि यह संभवतः पुराने सरकारी आदेश पर देर से हुई कार्रवाई (delayed action on an old order) का नतीजा हो सकता है, जिसकी वर्तमान में कोई प्रासंगिकता बची ही नहीं है। यह बयान उस नोटिस से बिल्कुल उलट है जो यूजर्स को दिखाई दे रहा है, जिससे मामले में और भी संदेह और अनिश्चितता पैदा हो गई है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का कनेक्शन: क्या था रॉयटर्स का निशाना?
समाचार एजेंसी पीटीआई (PTI) से मिली जानकारी के अनुसार, 7 मई, 2025 को भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के तहत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सैकड़ों आपत्तिजनक सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने का अनुरोध किया था। खास बात यह है कि उस समय रॉयटर्स के किसी भी हैंडल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। अब इस बात की पक्की संभावना जताई जा रही है कि X/Twitter ने उसी पुराने आदेश को विलंबित कार्रवाई (belated action) के तौर पर लिया हो या फिर किसी तकनीकी भूल के कारण यह ब्लॉक हुआ हो।
एक अधिकारी ने इस घटना को प्लेटफॉर्म की ओर से एक गलती करार दिया है और यह भी बताया कि सरकार ने अब X से इस सेंसरशिप को हटाने और स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। यह सवाल उठता है कि आखिर क्यों एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी के हैंडल को बिना किसी वर्तमान प्रासंगिकता के ब्लॉक किया गया है, और क्या इसमें किसी तरह की गलतफहमी (misunderstanding) शामिल है।
भारत में कौन से रॉयटर्स हैंडल्स प्रभावित हुए हैं?
यह जानना महत्वपूर्ण है कि यह पूर्ण प्रतिबंध नहीं है, बल्कि एक चयनात्मक (selective) और आंशिक ब्लॉकिंग (partial blocking) प्रतीत होती है। फिलहाल भारत में @Reuters (मुख्य हैंडल) और @ReutersWorld ये दो अकाउंट्स बंद हैं। हालांकि, इसके विपरीत, रॉयटर्स के अन्य कई महत्वपूर्ण हैंडल जैसे @ReutersAsia, @ReutersTech, और @ReutersFactCheck सुचारू रूप से काम कर रहे हैं और आसानी से एक्सेस किए जा सकते हैं। यह अंतर इस ओर संकेत करता है कि यह किसी खास सामग्री या चैनल को लक्षित कर किया गया है, या फिर यह X प्लेटफॉर्म की ओर से हुई एक आंशिक विफलता है।
X की नीति और बढ़ता विवाद: कौन जिम्मेदार?
X प्लेटफॉर्म की अपनी नीति के अनुसार, यदि उन्हें किसी देश की सरकार या अदालत से कोई वैध कानूनी आदेश (legal order) मिलता है, तो वे उस देश के भीतर संबंधित कंटेंट या अकाउंट को प्रतिबंधित कर सकते हैं। सवाल यह उठता है कि यदि भारत सरकार ने ऐसा कोई नया कानूनी आदेश जारी नहीं किया है, जैसा कि उनका दावा है, तो यह ब्लॉकिंग किस आधार पर की गई है? क्या यह किसी पुरानी कानूनी मांग का अवशेष है जो अब अप्रासंगिक हो गई है, या फिर सरकार और X के बीच संचार की कमी है जिसने यह स्थिति पैदा की है? यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सूचना के प्रसार के अधिकार पर एक महत्वपूर्ण प्रकाश डालता है, और यह दर्शाता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सामग्री को कैसे नियंत्रित किया जाता है।
यह घटनाक्रम भारत के डिजिटल स्पेस की स्वतंत्रता और विदेशी मीडिया की पहुँच को लेकर भी महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े करता है। जहां सरकार इस घटना को एक भूल मान रही है, वहीं यूजर्स और पत्रकारों के मन में कई अनसुलझे सवाल हैं जिनके जवाब की तलाश जारी है।
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