RBI Guidelines: क्या आपने अपनी किसी ज़रूरत के लिए लोन लिया है? और क्या आप कभी लोन की EMI समय पर न चुका पाने की चिंता से परेशान हुए हैं? अगर हाँ, तो यह खबर आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। अक्सर देखा गया है कि ज़रा सी देरी होने पर या बैंक से किसी बात पर असहमति होने पर लोन रिकवरी एजेंट ग्राहकों को परेशान करने लगते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा! भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए बैंकों और रिकवरी एजेंटों पर नकेल कस दी है।
क्यों ज़रूरी थे ये नए नियम?
कई बार लोन लेने वाले लोगों को रिकवरी एजेंटों के बुरे बर्ताव का सामना करना पड़ता है। ये एजेंट parfois:
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कर्जदारों को फ़ोन पर धमकाते हैं।
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अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
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घर या ऑफिस आकर बेइज्जत करते हैं।
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मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने की कोशिश करते हैं।
ऐसी हरकतें गैर-कानूनी हैं और RBI ने इसी को रोकने के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। दुःख की बात है कि कई एजेंट इन नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हैं, जिससे लोन लेने वालों की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।
RBI के सख्त निर्देश: क्या हैं आपके अधिकार?
RBI ने साफ कर दिया है कि रिकवरी एजेंट अपनी मनमानी नहीं कर सकते। आपके अधिकारों को जानना बेहद ज़रूरी है:
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कॉल करने का समय: रिकवरी एजेंट आपको सिर्फ सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही कॉल कर सकते हैं। इसके पहले या बाद में कॉल करना नियमों का उल्लंघन है।
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बदसलूकी नहीं: एजेंट आपसे किसी भी तरह की बदसलूकी, गाली-गलौज या अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते। न ही वे आपको धमकी भरे या आपत्तिजनक मैसेज भेज सकते हैं।
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कोई ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं: एजेंट आपको शारीरिक या मानसिक रूप से परेशान नहीं कर सकते। वे आपके घर या काम की जगह पर आकर हंगामा या बेइज्जत नहीं कर सकते।
अगर रिकवरी एजेंट परेशान करें तो क्या करें? उठाएं ये कदम!
अगर कोई रिकवरी एजेंट RBI के नियमों को तोड़ता है और आपको परेशान करता है, तो चुप न रहें। आपके पास कई रास्ते हैं:
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सबूत जुटाएं: एजेंट की कॉल रिकॉर्डिंग (अगर संभव हो), मैसेज, ईमेल, सब कुछ संभाल कर रखें। यह आपकी शिकायत का सबसे मज़बूत आधार बनेगा।
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बैंक से शिकायत करें: सबसे पहले अपने लोन देने वाले बैंक या NBFC में शिकायत दर्ज कराएं। सबूतों के साथ लोन अधिकारी या बैंक मैनेजर से मिलें और एजेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग करें।
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पुलिस में FIR: अगर बैंक कार्रवाई नहीं करता या एजेंट का बर्ताव गंभीर है (जैसे धमकी देना, मारपीट करना), तो तुरंत नज़दीकी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराएं।
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अदालत का दरवाज़ा खटखटाएं: यदि पुलिस भी मदद नहीं करती है, तो आप सीधे अदालत जा सकते हैं। आप एजेंट के बुरे बर्ताव के लिए मुआवज़े की मांग कर सकते हैं और तत्काल राहत के लिए अपील कर सकते हैं। अगर एजेंट ने आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है, तो मानहानि का मुकदमा भी किया जा सकता है।
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RBI से सीधी शिकायत: अगर कहीं सुनवाई न हो, तो आप सीधे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के शिकायत निवारण पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। RBI संबंधित बैंक को उस इलाके में रिकवरी एजेंट नियुक्त करने से रोक सकता है या अन्य कड़ी कार्रवाई कर सकता है।
याद रखें: बैंक भी हैं ज़िम्मेदार!
RBI ने स्पष्ट किया है कि बैंक अपने द्वारा नियुक्त किए गए रिकवरी एजेंटों की हरकतों के लिए पूरी तरह ज़िम्मेदार होंगे। ये नियम सभी कमर्शियल बैंकों, सहकारी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs), एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (ARCs) और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों पर लागू होते हैं।
इसलिए, अगर आपने लोन लिया है और EMI चुकाने में कोई परेशानी आ रही है, तो बैंक से बात करें। लेकिन अगर कोई रिकवरी एजेंट आपको डराए-धमकाए या परेशान करे, तो अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें और तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। RBI आपके साथ है!