RBI – गोल्ड लोन लेना हुआ आसान? RBI के नए नियमों पर वित्त मंत्रालय ने दी ये बड़ी सलाह

Published On: May 31, 2025
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RBI - गोल्ड लोन लेना हुआ आसान? RBI के नए नियमों पर वित्त मंत्रालय ने दी ये बड़ी सलाह
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RBI –  अगर आप भविष्य में लोन लेने की सोच रहे हैं, या कभी गोल्ड लोन (Gold Loan) ले चुके हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद ज़रूरी है। दरअसल, हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन से जुड़े कुछ अहम नए नियम बनाने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन इन नियमों पर वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने चिंता जताई है और कुछ सुझाव दिए हैं। आइए, समझते हैं पूरा मामला क्या है और इससे आपको क्या फर्क पड़ सकता है।

वित्त मंत्रालय को क्यों हुई चिंता?

RBI ने मुख्य रूप से सोने के बदले लोन (Gold Loan) देने वाले नियमों में सख्ती लाने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन वित्त मंत्रालय का मानना है कि RBI के नए नियम छोटे और ग्रामीण इलाकों के कर्जदारों (borrowers) के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। ये वो लोग होते हैं जो अक्सर छोटी-मोटी ज़रूरतों के लिए अपना सोना गिरवी रखकर फटाफट लोन लेते हैं।

इसी चिंता को देखते हुए, वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाले वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) को गोल्ड लोन पर तैयार किए गए अपने ड्राफ्ट नियमों (Draft Rules) पर कुछ अहम सुझाव भेजे हैं। इन सुझावों का मकसद खासकर छोटे लोन लेने वालों (small borrowers) के हितों की रक्षा करना है।

DFS ने क्या सुझाव दिया है?

डीएफएस (DFS) ने आरबीआई (RBI) से साफ तौर पर कहा है कि 2 लाख रुपये से कम के गोल्ड लोन (Gold Loan below ₹2 lakh) को इन नए और सख्त नियमों से छूट (exemption) दी जाए। उनका मानना है कि ऐसा करने से छोटे किसानों, दुकानदारों और ज़रूरत पड़ने पर फौरन पैसा चाहने वालों को आसानी से और तेज़ी से गोल्ड लोन मिल सकेगा। यह उन लोगों के लिए बड़ी राहत होगी जो छोटी रकम के लिए ही अपना सोना गिरवी रखते हैं।

कब लागू हो सकते हैं नए नियम?

सिर्फ नियमों में बदलाव का सुझाव ही नहीं, बल्कि डीएफएस ने आरबीआई से इन नए नियमों को लागू करने की तारीख को आगे बढ़ाने की सिफारिश भी की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि इन्हें 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाए। ऐसा इसलिए ताकि बैंकों और NBFCs (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों) को इन ज़रूरी बदलावों और सुधारों को अपनाने के लिए पर्याप्त समय (sufficient time) मिल सके। यह सभी सुझाव केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) के मार्गदर्शन में तैयार किए गए हैं।

RBI ने ये नए नियम क्यों जारी किए?

RBI ने अप्रैल 2025 में गोल्ड लोन के लिए ड्राफ्ट नियम जारी किए थे। दरअसल, हाल ही में हुई एक समीक्षा के दौरान गोल्ड लोन देने की प्रक्रिया में कई तरह की अनियमितताएं (irregularities) सामने आई थीं। इनमें शामिल हैं:

  • लोन की रकम और सोने की कीमत के अनुपात (LTV रेश्यो) की ठीक से निगरानी न होना।

  • जोखिम का सही आकलन न करना (Risk Valuation)।

  • लोन एजेंटों द्वारा गलत तरीकों का इस्तेमाल।

  • गिरवी रखे सोने की नीलामी की प्रक्रिया का पारदर्शी न होना।

इन्हीं कमियों को दूर करने और ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए RBI ने बैंकों और NBFCs के लिए सख्त दिशानिर्देश लाने का फैसला किया।

क्या हैं ड्राफ्ट नियमों के मुख्य बिंदु?

ड्राफ्ट नियमों के अनुसार, गोल्ड लोन के लिए कुल लोन पीरियड में LTV (Loan-to-Value) रेश्यो, यानी लोन की राशि ब्याज सहित, सोने की कुल कीमत के 75% से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। इसका मतलब है कि आप जितने का सोना गिरवी रखेंगे, उसकी कीमत के 75% से ज़्यादा का लोन आपको नहीं मिल पाएगा (ब्याज जोड़कर)। ‘बुलेट रिपेमेंट’ (जहां लोन पीरियड के अंत में एक साथ पूरा पैसा चुकाते हैं) वाले लोन में तो यह राशि और भी कम होकर 55-60% तक सीमित हो सकती है। EMI (किस्त) आधारित लोन में थोड़ी ज़्यादा LTV मिल सकती है। साथ ही, बैंकों के कुल लोन पोर्टफोलियो में गोल्ड लोन का कितना हिस्सा हो, इसकी भी समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।

अब आगे क्या होगा?

फिलहाल, आरबीआई जनता और वित्तीय संस्थानों से मिले फीडबैक (feedback) की समीक्षा कर रहा है, जिसमें डीएफएस (DFS) के अहम सुझाव भी शामिल हैं। इन सभी विचारों पर गौर करने के बाद ही अंतिम नियम (final rules) तय होंगे। अगर डीएफएस के सुझावों को मान लिया जाता है, तो खासकर छोटे कर्जदारों को बड़ी राहत मिल सकती है और लोन लेना थोड़ा आसान बना रह सकता है।


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