CIBIL Score: जानें RBI का ये नया नियम कैसे दिलाएगा आपको झटपट लोन और ‘एवरग्रीनिंग’ पर कसेगा नकेल

Published On: June 25, 2025
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CIBIL Score: जानें RBI का ये नया नियम कैसे दिलाएगा आपको झटपट लोन और 'एवरग्रीनिंग' पर कसेगा नकेल

CIBIL Score: भारतीय वित्तीय प्रणाली (Indian Financial System) में पारदर्शिता (Transparency) और दक्षता (Efficiency) बढ़ाने के उद्देश्य से, भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India – RBI) ने क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम (Credit Reporting System) को मजबूत करने के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण और बड़ा बदलाव (Major Change by RBI) किया है। अब से, सभी बैंकों (Banks) और फाइनेंशियल संस्थानों (Financial Institutions) को प्रत्येक 15 दिन (Every 15 Days) में एक बार ग्राहकों से संबंधित डेटा (Customer Data Update) को क्रेडिट ब्यूरो (Credit Bureau – CIBIL, Experian, Equifax, Highmark) को अपडेट (Data Update) करना अनिवार्य होगा। पहले यह अपडेट मासिक आधार पर (Monthly Updates) होता था, जिससे जानकारी में देरी और गलतफहमी की संभावना रहती थी। यह नया नियम (RBI New Update) आज, 1 तारीख से (Effective from 1st of the Month) ही लागू हो गया है, जिससे वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में तेज़ी आएगी।

नए नियमों का क्या होगा असर? (Impact of New RBI Rules):

यह महत्वपूर्ण बदलाव क्रेडिट स्कोर (Credit Score Calculation) की गणना (Calculation) और उसे अपडेट (Credit Score Update Process) करने की प्रक्रिया को अधिक तेज (Faster) और कहीं ज़्यादा सटीक (More Accurate) बना देगा। इससे सीधे तौर पर ग्राहकों (Loan Applicants) और बैंकों (Lenders) दोनों को ही व्यापक लाभ मिलेंगे:

  1. क्रेडिट स्कोर का त्वरित सुधार (Faster Credit Score Improvement): अब लोन चुकाने (Loan Repayment) की जानकारी 15 दिन के भीतर ही क्रेडिट ब्यूरो में अपडेट हो जाएगी (Data Update Within 15 Days), जिससे क्रेडिट स्कोर (Credit Score) की गणना और सुधार तेज़ और सटीक हो जाएगा। पहले की देरी (Previous Delays) के कारण उधारकर्ताओं (Borrowers) को अपने क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव (Negative Impact on Credit Score) पड़ता था और उन्हें नया लोन लेने में परेशानी (Difficulty Getting New Loans) होती थी। अब इस बदलाव से यह समस्या दूर होगी (Problem Solved) और उन्हें अपने क्रेडिट स्कोर में जल्द सुधार दिखेगा (Faster Score Improvement Seen).
  2. बैंकों को सटीक और हालिया डेटा (Accurate and Recent Data for Banks): बैंक और फाइनेंशियल संस्थान लोन (Loan Decision) देने से पहले अधिक सटीक और हालिया क्रेडिट (Credit Information) जानकारी (Up-to-Date Information) के आधार पर फैसला ले सकेंगे। यह उन्हें जोखिम (Risk Assessment) का बेहतर आकलन करने (Better Risk Assessment) में मदद करेगा और डिफॉल्ट (Default Risk) होने की संभावना कम होगी।
  3. डिफॉल्ट और लोन फ्रॉड पर बेहतर कंट्रोल (Better Control Over Default and Loan Fraud): पहले मंथली रिपोर्टिंग (Monthly Reporting Delays) में 40 दिन तक की देरी हो सकती थी (Up to 40 Days Delay in Reporting), जिससे बैंक गलत फैसले (Wrong Lending Decisions) ले सकते थे या धोखेबाजों को पहचान नहीं पाते थे। अब यह प्रक्रिया तेज़ (Faster Process) होगी और उधारकर्ताओं के फाइनेंशियल बिहेवियर (Financial Behavior Monitoring) पर बेहतर नज़र रखी जा सकेगी, जिससे डिफ़ॉल्ट और लोन फ्रॉड (Loan Fraud Prevention) पर प्रभावी रूप से अंकुश लगेगा।
  4. ‘एवरग्रीनिंग’ पर रोक (Curbing ‘Evergreening’): ‘एवरग्रीनिंग’ (What is Evergreening) एक ऐसी कुप्रथा है जहां पुराने कर्ज (Old Debts) को चुकाने के लिए नया लोन (New Loan to Repay Old) लिया जाता है। यह एक अस्थिर वित्तीय आदत (Unstable Financial Habit) है। नए नियम (New RBI Rule for Evergreening) से इस पर भी अंकुश लगेगा (Check Evergreening) और लोन का सही मूल्यांकन (Correct Loan Evaluation) हो सकेगा, जिससे बैंकों की बैलेंस शीट (Bank Balance Sheets Health) में भी सुधार आएगा।

क्रेडिट स्कोर की केटेगरी: समझें अपना स्कोर! (Credit Score Categories: Understand Your Score!)

आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score Range), जिसे सिबिल स्कोर (CIBIL Score) भी कहा जाता है, 300 से 900 के बीच (Score Between 300-900) होता है। आमतौर पर, 700 से ऊपर (Above 700 Score) का स्कोर अच्छा (Good Credit Score) माना जाता है, जिससे लोन मिलना आसान हो जाता है।

यहां क्रेडिट स्कोर की विभिन्न श्रेणियां दी गई हैं:

  • 300–579: खराब (Poor Credit Score) – इस स्कोर पर लोन मिलना बहुत मुश्किल होता है या बहुत ऊंची दरों पर मिलता है।
  • 580–669: औसत (Average Credit Score) – लोन मिलने की संभावना है, लेकिन दरें थोड़ी ज़्यादा हो सकती हैं।
  • 670–739: अच्छा (Good Credit Score) – आसानी से लोन मिलता है और दरें भी ठीक मिलती हैं।
  • 740–799: बहुत अच्छा (Very Good Credit Score) – यह स्कोर बेहतर दरों पर लोन मिलने का द्वार खोलता है।
  • 800+: बेस्ट (Best Credit Score) – ऐसे स्कोर वाले व्यक्ति सबसे अच्छे लोन ऑफर और शर्तों (Best Loan Offers) के हकदार होते हैं।

नए नियमों के फायदे (Benefits of New RBI Rules):

RBI के इन नए और कड़े नियमों (Advantages of New RBI Guidelines) से ग्राहकों और वित्तीय संस्थानों दोनों को कई लाभ मिलेंगे:

  • त्वरित क्रेडिट स्कोर अपडेट (Quick Credit Score Update): समय पर पेमेंट (Timely Payments Benefit) करने वाले उधारकर्ताओं को जल्द ही बेहतर क्रेडिट स्कोर मिलेगा, जिससे वे बिना देरी के नए वित्तीय उत्पादों के लिए आवेदन कर सकेंगे।
  • सटीक और अपडेटेड डेटा (Accurate and Updated Data): अब बैंकों को पुराना डेटा देखने (No Old Data for Banks) के बजाय हर 15 दिनों के भीतर अपडेटेड डेटा (Updated Data in 15 Days) मिलेगा, जिससे उनकी लेंडिंग प्रक्रिया (Lending Process) में सटीकता (Accuracy) और पारदर्शिता (Transparency) आएगी।

ग्राहकों के लिए सलाह (Advice for Customers):

अपनी वित्तीय सेहत (Financial Health) को दुरुस्त रखने और क्रेडिट स्कोर (Check Credit Score Regularly) के लाभ उठाने के लिए, ग्राहकों को नियमित रूप से अपने क्रेडिट स्कोर (Regular Credit Score Check) की जांच करनी चाहिए। यदि आपको अपनी क्रेडिट रिपोर्ट (Credit Report) में कोई गलती (Error in Credit Report) मिलती है, तो तुरंत क्रेडिट ब्यूरो (Complain to Credit Bureau) में शिकायत दर्ज कराएं और उसे ठीक करवाएं। यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी वित्तीय जानकारी (Financial Information) हमेशा सटीक रहे और आप अपने उच्च क्रेडिट स्कोर (Maintain High Credit Score) का अधिकतम लाभ उठा सकें। यह वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) का एक महत्वपूर्ण कदम है।

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