8th Pay Commission : 8वें वेतन आयोग के गठन को कैबिनेट की मंजूरी, जानें न्यूनतम सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी

Published On: May 30, 2025
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8th Pay Commission : 8वें वेतन आयोग के गठन को कैबिनेट की मंजूरी, जानें न्यूनतम सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी
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8th Pay Commission : देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) और पेंशनभोगियों (Pensioners) के लिए एक बहुत बड़ी और बेहद महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। केंद्र सरकार (Central Government) ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है। इस आयोग का मुख्य काम केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन (Salary), पेंशन (Pension) और भत्तों (Allowances) में संशोधन (Revision) की सिफारिशें देना होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नए वेतन आयोग (Pay Commission) की सिफारिशों के आधार पर न्यूनतम बेसिक सैलरी (Minimum Basic Salary) में भारी बढ़ोतरी (Hike) हो सकती है। मौजूदा ₹18,000 की न्यूनतम बेसिक सैलरी फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के ज़रिए बढ़कर एक नए स्तर पर पहुंच सकती है, जैसा कि चर्चा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। यह एक ऐसा कदम है जिसका लाखों कर्मचारी और पेंशनभोगी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। यह महत्वपूर्ण घोषणा केंद्रीय बजट 2025 (Budget 2025) से ठीक पहले हुई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने इस फैसले की पुष्टि की है। माना जा रहा है कि इस आयोग के गठन से केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों (Employees) और लगभग 65 लाख पेंशनभोगियों (Pensioners) को बड़ी वित्तीय राहत मिलेगी।

आठवां वेतन आयोग क्या है? (What is 8th Pay Commission?)

आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) एक ऐसा निकाय है जिसका गठन केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा अपने कर्मचारियों (Central Govt Employees) और रिटायर हो चुके पेंशनभोगियों (Pensioners) के वेतन (Salary), महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) और पेंशन (Pension) की संरचना की समीक्षा करने और उसमें बदलावों की सिफारिश करने के लिए किया जाता है। इस आयोग का काम यह सुनिश्चित करना भी है कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वित्तीय लाभ महंगाई (Inflation) के साथ तालमेल बिठा सकें।

कितनी बढ़ेगी सैलरी? (How much will Salary Increase?)

हालांकि सरकार ने अभी तक वेतन वृद्धि (Salary Hike) के किसी आधिकारिक प्रतिशत (Official Percentage) का ऐलान नहीं किया है, लेकिन रिपोर्ट्स और विभिन्न अनुमानों (Estimates) के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) में बदलाव के आधार पर न्यूनतम बेसिक सैलरी (Minimum Basic Salary) में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। वर्तमान न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 है। रिपोर्ट्स की मानें तो, यह बढ़कर ₹51,480 तक हो सकती है। यह बढ़ोतरी 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के मुकाबले काफी बड़ी होगी।

फिटमेंट फैक्टर क्या है? (What is Fitment Factor?)

फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) एक गुणक (Multiplier) है जिसका उपयोग पिछले वेतन आयोग (Previous Pay Commission) की सिफारिशों से नए वेतनमान पर स्विच करते समय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी (Basic Salary) तय करने के लिए किया जाता है। इसे वेतन और पेंशन (Pension) की गणना का आधार (Basis of Calculation) माना जाता है। फिटमेंट फैक्टर तय करते समय कई कारकों (Factors) जैसे महंगाई दर (Inflation Rate), देश की आर्थिक स्थिति (Economic Situation) और सरकारी कर्मचारियों की जरूरतों (Employee Needs) को ध्यान में रखा जाता है।

किसे मिलेगा फायदा? (Who will Benefit?)

  • लगभग 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी (Central Govt Employees), जिनमें रक्षा कर्मी (Defence Personnel) भी शामिल हैं।

  • करीब 65 लाख पेंशनर्स (Pensioners), जिनमें रक्षा क्षेत्र से सेवानिवृत्त (Defence Retired) लोग भी शामिल हैं।

कब लागू होगा आठवां वेतन आयोग? (When will 8th Pay Commission be implemented?)

रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का गठन 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। ऐसी उम्मीद है कि इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 (1st January 2026) से लागू (Implemented) हो जाएंगी।

वेतन आयोग का काम क्या होता है? (What is the work of Pay Commission?)

भारत में, वेतन आयोग (Pay Commission) का गठन हर 10 साल में किया जाता है। इस आयोग का प्राथमिक कार्य सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) के वेतन (Salary), भत्तों (Allowances), पेंशन (Pension) और बोनस (Bonus) की समग्र संरचना की समीक्षा (Review) करना होता है। आयोग महंगाई दर (Inflation), देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति (Economic Condition) और सरकारी खजाने (Government Treasury) पर पड़ने वाले संभावित भार जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार करता है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए, आयोग अपनी विस्तृत सिफारिशें (Detailed Recommendations) केंद्र सरकार (Central Government) को सौंपता है।

पहले भी हो चुके हैं 7 वेतन आयोग (Previous 7 Pay Commissions)

भारतीय स्वतंत्रता के बाद से अब तक सात वेतन आयोग (7 Pay Commissions) गठित हो चुके हैं। पहला वेतन आयोग 1946 में स्थापित हुआ था और सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 (1st January 2016) से लागू हैं। केंद्र सरकार का आठवें वेतन आयोग के गठन का यह नया कदम, इस 10-वर्षीय चक्र (10-year cycle) को आगे बढ़ाता है और केंद्रीय कर्मचारियों (Central Employees) व पेंशनभोगियों (Pensioners) के लिए एक नई उम्मीद जगाता है। अब देखना यह होगा कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें किस प्रकार सामने आती हैं और उनका आम आदमी की जेब (Common Man’s Pocket) पर क्या असर पड़ता है।

यह खबर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वित्तीय भविष्य की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि न्यूनतम सैलरी में कितनी बड़ी बढ़ोतरी होगी और नए वेतनमान कैसे तय किए जाएंगे।

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