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Khan Sir Success Story: IAS से लेकर IPS तक छूते हैं पैर, गरीबी से उठकर कैसे ‘कोचिंग किंग’ बने खान सर? जानें पूरी कहानी

Priyanshi
May 27, 2025 4 Mins Read
Khan Sir Success Story: IAS से लेकर IPS तक छूते हैं पैर, गरीबी से उठकर कैसे 'कोचिंग किंग' बने खान सर? जानें पूरी कहानी

Khan Sir Success Story: पटना के मशहूर शिक्षक खान सर (Khan Sir Patna) आज सिर्फ छात्रों के बीच ही नहीं, बल्कि आईएएस-आईपीएस (IAS IPS) अधिकारियों तक में बेहद लोकप्रिय हैं, जो उनके पढ़ाने के तरीके और सादगी के कायल हैं। उनकी सादगी और पढ़ाने का अनोखा तरीका लाखों युवाओं को प्रेरित करता है। हाल ही में उनकी शादी (Khan Sir Marriage News) की खबर इंटरनेट पर काफी वायरल हुई, जिसके बाद लोग उनके जीवन और संघर्ष के बारे में और जानना चाहते हैं। तो आइए, विस्तार से जानते हैं कि एक औसत छात्र कैसे बन गया ‘कोचिंग किंग’ और उनका यह अद्भुत सफर कैसे शुरू हुआ।

कोचिंग जगत (Coaching Industry) में खान सर (Khan Sir) की एक अलग ही पहचान है। उनका जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था। खान सर के पिता भारतीय सेना (Indian Army) में थे और उनके बड़े भाई भी सेना में ही हैं। खान सर का भी बचपन से ही सेना में जाने का सपना था, लेकिन मेडिकल टेस्ट (Medical Test) में हाथों के सीधे न होने (Not being declared fit due to hands) के कारण उन्हें अयोग्य (Disqualified from Army) घोषित कर दिया गया था। यह उनके लिए एक बड़ा झटका था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। हाल ही में खान सर की शादी की खबर इंटरनेट पर आग की तरह फैली है, जिसने एक बार फिर लोगों का ध्यान उनकी ओर खींचा है। आइए जानते हैं खान सर का पूरा सफर।

पटना के मशहूर शिक्षक खान सर (Famous Teacher Khan Sir) आज लाखों छात्रों (Millions of Students) के लिए प्रेरणा बन चुके हैं, लेकिन उनका यहां तक पहुंचने का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा। एक वक्त ऐसा भी था जब उनके पास अच्छी पेंसिल खरीदने तक के लिए पैसे (Financial Struggle) नहीं होते थे। खुद एक इंटरव्यू (Khan Sir Interview) में उन्होंने बताया कि वो पढ़ाई में औसत छात्र (Average Student) थे और उन्होंने इंजीनियरिंग (Engineering), एनडीए (NDA) और भारतीय सेना की भर्ती परीक्षा (Army Recruitment Exam) जैसी कई प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exams) में हिस्सा लिया, लेकिन हर बार उन्हें असफलता (Failure) का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।