Joint Home Loan : हर किसी का सपना होता है अपना घर। और इस सपने को पूरा करने के लिए अक्सर हमें होम लोन की ज़रूरत पड़ती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होम लोन लेते समय एक स्मार्ट तरीका आपको लाखों की बचत करवा सकता है?
जी हाँ, अगर आप अपनी पत्नी के साथ मिलकर जॉइंट होम लोन (Joint Home Loan) लेते हैं, तो सिर्फ लोन आसानी से नहीं मिलता, बल्कि ब्याज में छूट और इनकम टैक्स में बड़ा फायदा भी होता है। तो अगली बार जब आप होम लोन की प्लानिंग करें, तो अपनी पत्नी को साथ लेना न भूलें!
आइए जानते हैं जॉइंट होम लोन के सबसे बड़े फायदे क्या हैं:
1. ब्याज दर में छूट: मिलेगा थोड़ा सस्ता होम लोन!
आमतौर पर, जब होम लोन के लिए महिला सह-आवेदक (Co-applicant) होती है, तो बैंक थोड़ी रियायत देते हैं। कई बैंक महिलाओं को लोन देने पर ब्याज दर में 0.05% (यानी 5 बेसिस पॉइंट्स) तक की छूट देते हैं।
यह छूट भले ही छोटी लगे, लेकिन लंबे समय के लिए लिए गए होम लोन में यह आपकी कुल चुकाई जाने वाली रकम और EMI (मासिक किस्त) में थोड़ी कमी ला सकती है।
ज़रूरी शर्त: इस छूट का फायदा तभी मिलता है जब खरीदी जा रही प्रॉपर्टी में पत्नी का भी मालिकाना हक हो (अकेले या जॉइंटली)। सिर्फ को-एप्लीकेंट होने से यह फायदा नहीं मिलेगा।
2. टैक्स में होगी मोटी बचत – ₹7 लाख तक का फायदा!
जॉइंट होम लोन का सबसे बड़ा और आकर्षक फायदा मिलता है इनकम टैक्स में छूट के रूप में। और जब लोन जॉइंट हो, तो यह फायदा दोगुना हो जाता है!
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मूलधन (Principal Amount) पर छूट: आयकर कानून की धारा 80C के तहत, होम लोन के मूलधन के पुनर्भुगतान पर हर व्यक्ति (पति और पत्नी दोनों, अगर सह-आवेदक हैं) ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट क्लेम कर सकता है। यानी, अकेले लोन लेने पर जहाँ आप ₹1.5 लाख तक छूट ले सकते थे, वहीं जॉइंट लोन में आप दोनों मिलकर ₹3 लाख तक की छूट पा सकते हैं।
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ब्याज (Interest) पर छूट: इसी तरह, धारा 24 के तहत होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर भी छूट मिलती है। पति और पत्नी, दोनों अलग-अलग, ₹2 लाख तक के ब्याज पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं, अगर प्रॉपर्टी सेल्फ-ऑक्यूपाइड (खुद के रहने के लिए) है। इस तरह, ब्याज पर दोनों को मिलाकर ₹4 लाख तक की टैक्स छूट मिल सकती है।
कुल मिलाकर: मूलधन और ब्याज दोनों पर मिलने वाली छूट को जोड़ दें (₹3 लाख + ₹4 लाख = ₹7 लाख), तो आप एक वित्तीय वर्ष में होम लोन पर ₹7 लाख तक की टैक्सेबल इनकम पर छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसका मतलब है कि आपकी ₹7 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा, जिससे आपकी जेब में लाखों रुपये बचेंगे। हालांकि, यह आपके लोन अमाउंट और आय पर निर्भर करता है।
3. लोन अप्रूवल में आसानी और ज़्यादा लोन अमाउंट:
जब पति और पत्नी दोनों मिलकर लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक के लिए उनकी संयुक्त आय (Combined Income) देखी जाती है। इससे बैंक को लगता है कि लोन चुकाने की क्षमता ज़्यादा है।
नतीजतन, आपके होम लोन का आवेदन जल्दी और आसानी से अप्रूव होने की संभावना बढ़ जाती है, और अक्सर आपको आपकी जरूरत के हिसाब से ज़्यादा लोन अमाउंट भी मिल सकता है, क्योंकि बैंक को आपकी पुनर्भुगतान क्षमता (Repayment Capacity) ज़्यादा दिखती है।
तो देर किस बात की? अगर आप घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो अपनी पत्नी को जॉइंट होम लोन में शामिल करना न सिर्फ स्मार्ट है, बल्कि आर्थिक रूप से बेहद फायदेमंद भी है। यह आपको सस्ता लोन दिलाने में मदद करता है, लोन अप्रूवल आसान बनाता है और सबसे बढ़कर, टैक्स में लाखों की बचत करवाता है। अपने सपनों का घर खरीदने के इस सफर में अपनी जीवनसाथी को साथ लें और इन फायदों का लाभ उठाएं!