ITR Filing: जैसे ही जुलाई माह (July Month Start) की शुरुआत हो जाएगी, आयकर रिटर्न (ITR – Income Tax Return) फाइल करने की अंतिम तिथि (ITR Filing Deadline) भी करीब आती जाएगी। प्रत्येक पाएं अधिकतम टैक्स छूट!**
जुलाई माह की शुरुआत होने वाली है, और इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR – Income Tax Return) फाइल करने की डेडलाइन (ज़रूर, यहाँ दिए गए कंटेंट का एक विस्तृत, स्वाभाविक और SEO-अनुकूलित हिंदी अनुवाद है, जो भारतीय, अमेरिकी और ब्रिटिश दर्शकों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
लेकिन, अब ऐसा नहीं है! यदि आप भी 2024- लिए अब नहीं होगी CA की ज़रूरत! बस ये 8 डॉक्यूमेंट तैयार रखें, खुद भरें अपना इनकम टैक्स रिटर्न!
2. **डेडलाइन आ रही है पास! ITR Filing 2024-25: इस वर्ष अपना ITR (ITR 2024-25) फाइल करने के बारे में सोच रहे हैं और इस प्रक्रिया को सुगम बनाना चाहते हैं, तो इस खबर में हम आपको ऐसे 8 महत्वपूर्ण दस्तावेजों (8 Important Documents for ITR) के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं, जिन्हें तैयार करने के बाद आपको अपना आईटीआर (ITR Filing Documents) भरने के लिए शायद किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA – Chartered Accountant) की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी, और आप खुद ही अपना रिटर्न आसानी से फाइल (Self ITR Filing) कर सकेंगे। आइए, जानते हैं इन 8 दस्तावेज़ों (Documents for ITR) के बारे में।
ITR फाइलिंग के लिए 8 ज़रूरी दस्तावेज़ (82025 के लिए ITR (ITR for Assessment Year 2024-25) फाइल करने के बारे में सोच रहे हैं, तो इस ख़बर में हम आपको ऐसे 8 सबसे महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट (8 Essential Documents for ITR) के बारे में बताने वाले हैं, जिन्हें तैयार करने के बाद आपको आईटीआर (ITR Filing Documents) भरने के लिए किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA’s Help for ITR) की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी। ये फॉरेन इनकम से लेकर AIS-26AS तक, ये दस्तावेज़ हैं सबसे जरूरी, अभी जानें सब!**
3. पैसे बचेंगे, CA का खर्चा बचेगा! घर बैठे ITR फाइल करने का सबसे आसान तरीका, ये 8 डॉक्यूमेंट आपके पास हैं तो टेंशन खत्म!
4. फॉर्म 16, TDS, कैपिटल गेन और बहुत कुछ! ITR फाइल करने से पहले जानें ये गुप्त दस्तावेज, नहीं तो अटक सकती है आपकी रिटर्न!
जुलाई आ गई, ITR फाइल करने की डेडलाइन भी पास! खुद भरें अपना इनकम टैक्स रिटर्न, बस ये 8 दस्तावे Mandatory Documents for ITR Filing):
1. फॉर्म 16: नौकरीपेशा लोगों के लिए ब्रह्मास्त्र! (Form 16: Must-have for Salaried Individuals!):
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ फॉर्म-16 (Form-16 for ITR) है, जो नौकरीपेशा लोगों (Salaried Employees) के लिए बेहद ज़रूरी है। यह दस्तावेज़ आपके नियोक्ता (Employer) द्वारा जारी किया जाता है और इसमें दस्तावेज़ आपकी सभी आय (Income Details), खर्चों (Expense Details) और निवेशों (Investment Proofs) का हिसाब-किताब रखते हैं, जिससे आपका ITR भरना सरल और सटीक हो जाएगा।
1. फॉर्म 16: नौकरीपेशा लोगों का सबसे अहम दस्तावेज़ (Form 16: Most Important Document for Salaried):
सबसे पहले, नौकरीपेशा (Salaried Individuals) लोगों के लिए फॉर्म-16 (Form-16 Kya Hai) बेहदज़ कर लें तैयार, CA की ज़रूरत नहीं पड़ेगी!**
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR – Income Tax Return) फाइल करने की डेडलाइन (ITR Filing Deadline) अब धीरे-धीरे करीब आ रही है। जुलाई महीने की शुरुआत (July Month Beginning) के साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए (FY 2024-25 ITR Filing) आईटीआर (ITR) भरने का समय शुरू हो जाता है। यदि आप भी इस वित्तीय वर्ष के लिए अपना ITR फाइल (ITR Filing) करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है! इस लेख में, हम आपको ऐसे 8 सबसे महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट (8 Essential Documents for I आपकी सैलरी (Salary Details in Form 16) का पूरा विवरण, स्रोत पर काटे गए कर (TDS – Tax Deducted at Source) की जानकारी, और अन्य कटौतियों (Deductions) का पूरा लेखा-जोखा होता है। फॉर्म-16 क्या है (What is Form-16)? यह आपकी आय (Income) और टैक्स (Tax) के प्रमाण का सबसे प्रामाणिक स्रोत (Authentic Proof of Income and Tax) है।
2. टीडीएस सर्टिफिकेट्स (TDS Certificates): कटे हुए टैक्स का प्रमाण (Proof of Tax Deducted at Source):
फॉर्म-16 के साथ-साथ, आपको विभिन्न टीडीएस सर्टिफिकेट्स (TDS Certificates for ज़रूरी दस्तावेज़ (Most Important ITR Document) होता है। यह फॉर्म आपके नियोक्ता (Employer) द्वारा जारी किया जाता है और इसमें आपकी सैलरी (Salary Details in Form 16), वेतन से काटे गए टैक्स (Taxes Deducted from Salary), यानी TDS (Tax Deducted at Source), और आयकर कानून की धारा 80C (Section 80C Deductions) के तहत मिलने वाली टैक्स छूट (Tax Exemptions) की पूरी जानकारी होती है। फॉर्म 16 आपकी आय और टैक्स का सटीक ब्योरा होता है।
2. विभिन्न TDS सर्टिफिकेट्स (Various TDS Certificates):
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR Filling) फाइल करने के लिए फॉर्म 16 (अगर लागू हो), फॉर्म 16TR) के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं, जिन्हें तैयार करने के बाद आपको आईटीआर (ITR Filing Documents) भरने के लिए किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) (No Need for CA for ITR) की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी, और आप खुद अपना टैक्स आसानी से फाइल (Self-file ITR) कर पाएंगे।
आइए, विस्तार से जानते हैं इन 8 आवश्यक दस्तावेजों (8 ITR Documents) के बारे में:
1. फॉर्म 16 (Form 16): नौकरीपेशा लोगों का सबसे ज़रूरी दस्तावेज़ (Most Important Document for Salaried Individuals)!
सबसे पहले तो, नौकरीपेशा लोगों (Salaried Employees) के लिए **फॉर्म-16 (Form ITR) की भी आवश्यकता होगी। इनमें शामिल हैं:
- फॉर्म 16A (Form 16A): यदि आपकी आय (आय वेतन के अलावा जैसे ब्याज, किराया आदि) पर TDS कटा है।
- फॉर्म 16B (Form 16B): यदि प्रॉपर्टी बेचने (Property Sale TDS) पर TDS कटा है।
- फॉर्म 16C (Form 16C): यदि किराए पर TDS कटा है (Rent TDS)。
- फॉर्म 16D (Form 16D): कुछ विशिष्ट आय स्रोतों (Specific Income Sources TDS) के लिए।
ये तमाम सर्टिफिकेट (All TDS Certificates for ITR) होना बेहद ज़रूरी है, जिनमें आपके द्वारा चुकाए गए या काटे गए TDS (TDS Information) की पूरी जानकारी होती है।
3. कैपिटल गेन स्टेटमेंट (Capital Gain Statement): निवेश की कमाई पर हिसाब!
यदि आपने वित्तीय वर्ष (Financial Year) के दौरान शेयरA (Form 16A), फॉर्म 16B (Form 16B), फॉर्म 16C (Form 16C) और फॉर्म 16D (Form 16D) जैसे तमाम TDS सर्टिफिकेट्स (TDS Certificates for ITR) होना भी बेहद ज़रूरी है।
- फॉर्म 16A: सैलरी के अलावा अन्य स्रोतों (Other Income Sources) जैसे प्रोफेशनल फीस (Professional Fees), रेंटल इनकम (Rental Income) या लॉटरी जीत (Lottery Winnings) से कटे TDS की जानकारी।
- फॉर्म 16B: प्रॉपर्टी बेचने पर (TDS on Property Sale) अगर TDS कटा है तो।
- फॉर्म 16-16 Meaning) एक बेहद ज़रूरी दस्तावेज होता है। यह आपके नियोक्ता (Employer) द्वारा जारी किया जाता है। इस दस्तावेज में आपकी कुल सैलरी (Salary Details in Form 16) का ब्रेकअप, काटे गए टैक्स की पूरी जानकारी (TDS Details in Form 16) और विभिन्न कटौतियों (Deductions Claimed) का विस्तृत विवरण होता है। यह ITR भरने के लिए प्राथमिक आधार (Primary Basis for ITR Filing) है।
2. TDS सर्टिफिकेट्स (TDS Certificates): कटे हुए टैक्स का प्रमाण!
आईटीआर फिल (ITR Filing Process) करने के लिए, आपको कई तरह के TDS (Tax Deducted at Source) सर्टिफिकेट्स (TDS Certificates for ITR) की ज़रूरत पड़ेगी। इनमें फॉर्म 16A (Form 16A for TDS on Non-Salary Income) (वेतन के अलावा अन्य स्रोतों से टीडीएस जैसे एफडी ब्याज), **फॉर्म 16B (Share Market Investments) या म्यूचुअल फंड (Mutual Fund Investments) बेचे हैं (Sale of Shares or Mutual Funds), और उन पर आपको पूंजीगत लाभ (Capital Gain) हुआ है, तो ब्रोकर (Broker) या फंड हाउस (Fund House) से कैपिटल गेन स्टेटमेंट (Capital Gain Statement for ITR) जरूर ले लें। इस दस्तावेज़ में आपके खरीदे और बेचे गए शेयरों/म्यूचुअल फंड (Bought and Sold Securities) की जानकारी और उन पर हुए लाभ या हानि (Profit or Loss on Investments) का पूरा विवरण होता है। आपके पास कैपिटल गेन स्टेटमेंट (Capital Gain Statement) का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके बिना पूंजीगत लाभ कर (Capital Gain Tax) की गणना मुश्किल होगी।
4. AIS और फॉर्म 26AS के फायदे (Benefits of AIS and Form 26AS): टैक्स रिकॉर्ड्स का एकीकरण!
जब भी आप ITR (ITR Filing Tips) भरC:** किरायेदार द्वारा TDS काटा गया हो तो (TDS by Tenant on Rent)।
- फॉर्म 16D: TDS/TCS से संबंधित भुगतान।
इन सभी में आपके स्रोत पर कटे गए टैक्स (TDS Information) की जानकारी होती है, जिससे आप सही क्रेडिट क्लेम कर सकें।
3. कैपिटल गेन स्टेटमेंट (Capital Gain Statement): शेयर और म्यूचुअल फंड के लिए!
यदि आपने वित्तीय वर्ष के दौरान शेयर (Share Market Investments) या म्यूचुअल फंड (Mutual Fund Investments) में निवेश किया है और उन्हें बेचा है, जिससे आपको लाभ (Capital Gains) या हानि (Capital Losses) हुई है, तो आपके ब्रोकर (Brokerage Statement) या फंड हाउस (Fund House Statement) से कैपिटल गेन स्टेटमेंट (Capital Gain Statement) लेना बहुत ज़रूरी है। यह दस्तावेज़ आपके खरीद-बिक्री (Buy-Sell Transactions) के विवरण, खरीद मूल्य (Purchase Price), बिक्री मूल्य (Sale Price), (Form 16B for TDS on Property Sale)** (संपत्ति की बिक्री पर टीडीएस), फॉर्म 16C (Form 16C for TDS on Rent) (किराए पर टीडीएस), और फॉर्म 16D (Form 16D for TDS by specified individuals) जैसे तमाम सर्टिफिकेट होना बेहद जरूरी है। ये दस्तावेज़ दर्शाते हैं कि आपकी ओर से सरकार को कितना टैक्स (TDS Paid) जमा किया जा चुका है।
3. कैपिटल गेन स्टेटमेंट (Capital Gain Statement): निवेश की कमाई पर हिसाब!
यदि आपने वित्तीय वर्ष (Financial Year) के दौरान शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश किया है (जैसे स्टॉक, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स) या कोई म्यूचुअल फंड (Mutual Fund Sales) बेचे हैं, तो आपको अपने ब्रोकर (Brokerage Statement) या फंड हाउस (Fund House Statement) से कैपिटल गेन स्टेटमेंट (Capital Gain Statement) लेना बेहद ज़रूरी है। यह दस्तावेज़ आपके निवेश रहे हैं, तो इनकम टैक्स वेबसाइट (Income Tax Website) से AIS (Annual Information Statement) और फॉर्म 26AS (Form 26AS) को अवश्य डाउनलोड कर लें।
- फॉर्म 26AS (Form 26AS): यह आपकी आय, TDS, TCS (Tax Collected at Source) और विभिन्न प्रकार के उच्च मूल्य वाले लेनदेन (High Value Transactions) की जानकारी का एक consolidated statement (कंसोलिडेटेड स्टेटमेंट) होता है।
- AIS (Annual Information Statement): यह एक अधिक व्यापक स्टेटमेंट (More Comprehensive Statement) है जो आपकी आय (Income), कर (Tax), और विभिन्न प्रकार के खर्च (Expenses) की पूरी जानकारी को एक साथ प्रस्तुत करता है। यह आपके ITR में किसी भी आय स्रोत (Missing Income Sources) के छूटने की संभावना को कम करता है।
5. विदेशी इनकम और अनलिस्टेड शेयर की जानकारी (Foreign Income and Unlisted Share Information):
यदि आपके पास और उससे हुए लाभ/हानि (Profit/Loss Calculation) को दर्शाता है। यह ITR (ITR for Capital Gains) में कैपिटल गेन (Capital Gains Tax) की सही गणना और रिपोर्टिंग के लिए आवश्यक है।
4. AIS और फॉर्म 26AS के फायदे (Benefits of AIS and Form 26AS):
जब भी आप ITR (ITR Filing Tips) भर रहे हैं, तो इनकम टैक्स वेबसाइट (Income Tax Website) से AIS (Annual Information Statement) और फॉर्म 26AS (Form 26AS) को डाउनलोड (Download AIS and 26AS) कर लें। ये दोनों दस्तावेज़ ITR भरने की प्रक्रिया को बहुत आसान बनाते हैं:
- फॉर्म 26AS (Form 26AS Benefits): यह आपकी TDS, TCS (Tax Collected at Source) और जमा किए गए टैक्स (Self-Assessment Tax, Advance Tax) की एक व्यापक समरी है। इसमें आपको अपनीों पर हुए लाभ (Capital Gains) या हानि (Capital Losses) का विवरण देता है, जो आपके ITR में कैपिटल गेन्स इनकम (Capital Gains Income) के तहत दिखाना अनिवार्य होता है।
4. AIS और फॉर्म 26AS के फायदे: आपके आय और टैक्स का पूरा ब्यौरा! (Benefits of AIS and Form 26AS):
जब भी आप आईटीआर (ITR Filing Tips) भर रहे हैं, तो इनकम टैक्स वेबसाइट (Income Tax Website Download) से AIS (Annual Information Statement – AIS) और फॉर्म 26AS (Form 26AS Download) को डाउनलोड कर लें। ये दोनों दस्तावेज़ अब बेहद महत्वपूर्ण हो गए हैं और आपके सभी प्रकार की आय (Income Details), काटे गए टैक्स (Tax Details), और उच्च मूल्य के खर्च (High-Value Expenses) की पूरी जानकारी रखते हैं। AIS (AIS for ITR Filing) विशेष रूप से आपकी लगभग हर वित्तीय गतिविधि (Financial Activity Tracking) को दर्शाता है, जिससे विदेशी कंपनी (Foreign Company Shares) के शेयर्स (Overseas Shares) हैं, विदेशी बैंक खाते (Foreign Bank Accounts) हैं, या विदेश में अर्जित कोई अन्य आय (Foreign Income) है, तो उसकी जानकारी भी ITR में (Declare Foreign Income in ITR) दाखिल करनी अनिवार्य है। हाल के कड़े नियमों (Stricter Rules for Foreign Assets) को देखते हुए, इससे जुड़े दस्तावेज (Documents for Foreign Assets) भी आपके पास होने बेहद जरूरी हैं। इसी तरह, यदि आपके पास अनलिस्टेड शेयरों (Unlisted Shares) में कोई निवेश है, तो उसकी भी पूरी जानकारी ITR (Unlisted Share Declaration in ITR) में देनी होगी, और संबंधित दस्तावेज (Unlisted Share Documents) संभाल कर रखने होंगे।
6. ब्याज सर्टिफिकेट और बैंक स्टेटमेंट का सर्टिफिकेट (Interest Certificate and Bank Statement Certificate):
यदि आपने बैंकों (Bank Deposits) या पोस्ट ऑफिस (Post Office Deposits) में पैसा जमा किया है, और उस पर आपको ब्याज (Interest Earned) मिला है, तो आप संबंधित वित्तीय संस्थान से ब्याज सर्टिफिकेट (Interest Certificate) अवश्य ले लें। यह बचत खाते (Savings Account Interest), सावधि जमा (FD Interest) या आवर्ती जमा (RD Interest) पर मिले टैक्स देनदारी का (Tax Liability Check) एक स्पष्ट चित्र मिलता है।
- AIS (AIS Benefits): AIS एक नया और अधिक विस्तृत स्टेटमेंट (More Detailed Statement) है, जिसमें आपकी सभी वित्तीय लेनदेन (All Financial Transactions) की जानकारी होती है, जैसे वेतन (Salary), ब्याज (Interest Income), स्टॉक ट्रांजैक्शन (Stock Transactions), प्रॉपर्टी सेल (Property Sale) आदि। AIS (AIS for ITR) में आपकी इनकम, टैक्स और खर्च (Income, Tax, Expenses in AIS) की पूरी जानकारी होती है। इन्हें ITR से मिलान करना त्रुटियों से बचने के लिए महत्वपूर्ण है।
5. विदेशी इनकम और अनलिस्टेड शेयर की जानकारी (Foreign Income and Unlisted Shares Details):
यदि आप भारतीय निवासी (Indian Resident Taxpayer) हैं और आपके पास विदेशी कंपनी (Foreign Company Shares) के शेयर्स, या विदेशी बैंक खाते (Foreign Bank Accounts) हैं, तो उनकी जानकारी (Foreign Asset Disclosure) ITR में दाखिल (Mand ITR में किसी भी जानकारी का छूट जाना (Missing Income Details) लगभग असंभव हो जाता है।
5. विदेशी इनकम और अनलिस्टेड शेयर की जानकारी (Foreign Income and Unlisted Shares Details):
यदि आपके पास विदेशी कंपनी के शेयर्स (Foreign Company Shares) या विदेशी बैंक खाते (Foreign Bank Accounts) हैं, तो उसकी जानकारी भी ITR में दाखिल (Disclose Foreign Income in ITR) करनी अनिवार्य है। ये जानकारी ‘फॉरेन एसेट रिपोर्टिंग’ (Foreign Asset Reporting – FAR) के तहत देनी होती है। इस वजह से इससे जुड़े दस्तावेज़ (Unlisted Share Documents), जैसे विदेशी ब्रोकर स्टेटमेंट या बैंक स्टेटमेंट, भी आपके पास होने बेहद जरूरी हैं। भारतीय नागरिकों (Indian Residents with Foreign Assets) को ऐसे सभी विदेशी निवेश (Foreign Investments) की घोषणा करनी होती है, चाहे उस पर टैक्स बनता हो या न बनता हो।
6. ब्याज सर्टिफिकेट और बैंक स्टेटमेंट का सर्टिफिकेट (Interest Certificate and Bank Statement):
यदि आपने विभिन्न बैंकों (Banks) या पोस्ट ऑफिस (Post Office) में पैसे जमा (Deposits in Bank and Post Office) किए हैं (जैसे एफडी, सेविंग अकाउंट), तो आप उनसे जुड़ा ब्याज सर्टिफिकेट (Interest Certificate) अवश्य ब्याज का प्रमाण होता है। इसके अलावा, आपके सभी बैंक अकाउंट की डिटेल्स (Bank Account Details) और उनके पिछले वित्तीय वर्ष के बैंक स्टेटमेंट (Bank Statement Download) भी ज़रूर डाउनलोड कर लें, क्योंकि इनमें आपकी आय-व्यय का पूरा रिकॉर्ड होता है।
7. खर्चों के दस्तावेज भी है ज़रूरी (Expense Documents Are Also Important):
यदि आप पुराने टैक्स सिस्टम (Old Tax System) में ITR भरते हैं, जिसमें आप कटौतियों (Deductions under Old Tax Regime) का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको धारा 80C (Section 80C) (जैसे LIC, PPF, ELSS), धारा 80D (Section 80D) (स्वास्थ्य बीमा), और अन्य संबंधित धाराओं (Other Section Deductions) के तहत किए गए निवेश (Investments) और खर्च (Expenses) के सभी दस्तावेज़ (Expense Documents for ITR) (जैसे बीमा प्रीमियम रसीदें, लोनatory Disclosure) करना अनिवार्य है। इसके अलावा, यदि आपके पास किसी अनलिस्टेड भारतीय कंपनी (Unlisted Indian Company Shares) के शेयर्स हैं, तो उससे जुड़ी जानकारी (Details of Unlisted Shares) भी ITR में देनी होगी। इस वजह से, इनसे जुड़े दस्तावेज़ (Unlisted Share Documents) और विदेशी संपत्ति (Foreign Asset Documents) के प्रमाण आपके पास होने बेहद ज़रूरी हैं। इन्हें छिपाना आयकर कानूनों का उल्लंघन (Violation of IT Laws) हो सकता है।
6. ब्याज सर्टिफिकेट और बैंक स्टेटमेंट का सर्टिफिकेट (Interest Certificate and Bank Statement):
अगर आप बैंकों (Bank Deposits) या पोस्ट ऑफिस (Post Office Deposits) में पैसा जमा (Depositing Money) करते हैं (जैसे बचत खाता, एफडी), तो आपको उनसे जुड़ा ब्याज सर्टिफिकेट (Interest Certificate from Bank/Post Office) अवश्य लेना चाहिए। यह आपके बचत और एफडी (FD Interest) से हुई ब्याज आय का प्रमाण होता है। इसके अलावा, अपनी आय और खर्चों का सटीक ब्योरा (Accurate Record of Income & Expenses) सुनिश्चित करने के लिए अपना बैंक स्टेटमेंट (Bank Statement Download) भी जरूर डाउनलोड कर लें। ये आपको अपनी आय का मिलान करने और डिडक्शंस (Deductions) क् ले लें। यह सर्टिफिकेट दिखाता है कि आपको एक वित्तीय वर्ष में कितना ब्याज (Interest Earned) मिला है। इसके अलावा, आपके सभी बैंक अकाउंट की बैंक स्टेटमेंट (Bank Statement Download) भी जरूर डाउनलोड कर लें, क्योंकि इनमें आपकी आय और खर्च का विस्तृत रिकॉर्ड (Income and Expense Record) होता है।
7. खर्चों के दस्तावेज भी हैं जरूरी (Expense Documents are Also Important):
यदि आप पुराने टैक्स सिस्टम (Old Tax Regime) में ITR भरते हैं, तो आपको टैक्स कटौती (Tax Deductions) का लाभ उठाने के लिए विभिन्न धारा 80C (Section 80C Investments), धारा 80D (Section 80D Expenses) आदि के तहत किए गए निवेश (Investment Documents) और खर्च के दस्तावेज़ (Expense Documents for ITR) को सुरक्षित रखना बहुत ज़रूरी है। इन दस्तावेजों में जीवन बीमा (Life Insurance Premium), स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance Premium), PPF (PPF Contributions), होम लोन ब्याज प्रमाण (Home Loan Interest Certificate) आदि शामिल हो सकते हैं। नए टैक्स सिस्टम (New Tax Regime) में इन कटौतियों की आवश्यकता कम होती है।
**8. पैन, आधार और बैंक अकाउंट की जानकारी (PAN, Aadhaar, रीपेमेंट स्टेटमेंट आदि) सुरक्षित रखने चाहिए। नई कर प्रणाली (New Tax Regime) में कटौती के लाभ कम हैं, लेकिन पुराने सिस्टम में इनका बहुत महत्व है।
8. पैन, आधार और बैंक अकाउंट की जानकारी (PAN, Aadhaar, and Bank Account Information):
आईटीआर फिल (ITR Filing Tips) करते समय, यह सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आपका पैन कार्ड (PAN Card) और आधार कार्ड (Aadhaar Card) आपस में लिंक (PAN-Aadhaar Link) होने चाहिए। इसके बिना आप अपना ITR सफलतापूर्वक फाइल नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही, आपके सभी बैंक अकाउंट की डिटेल्स (All Bank Account Details) – जैसे अकाउंट नंबर, IFSC कोड, बैंक का नाम – भी तैयार रखें, क्योंकि इन डिटेल्स की ITR फाइल करते समय आवश्यकता (Bank Details for ITR) पड़ेगी। ITR फाइल करने से पहले अपने सभी बैंक खातों की जानकारी को क्रॉस-चेक (Crossलेम करने में मदद करते हैं।
7. खर्चों के दस्तावेज़ भी हैं जरूरी (Expense Documents are Also Important):
यदि आप पुराने टैक्स सिस्टम (Old Tax Regime) में ITR भरते हैं और विभिन्न छूटों (Tax Exemptions) का दावा करते हैं, तो आयकर कानून की धारा 80C (Section 80C Investments) (जैसे लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, पीपीएफ, ईएलएसएस – Life Insurance, PPF, ELSS), धारा 80D (Section 80D for Health Insurance) (स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम – Health Insurance Premium) आदि के तहत किए गए निवेश (Investment Proofs) और खर्च (Expense Documents) के सभी दस्तावेज़ (Investment Proof Documents) संभाल कर रखें। इन दस्तावेज़ों (Expense Documents for ITR) के बिना आप इन कटौतियों का लाभ नहीं ले पाएंगे, जिससे आपकी टैक्स लायबिलिटी (Tax Liability) बढ़ सकती है।
8. पैन, आधार और बैंक अकाउंट की जानकारी (PAN, Aadhaar and Bank Account Details):
आईटीआर (ITR Filling Tips) फाइल करते समय, यह सुनिश्चित करना सबसे पहली और अनिवार्य बात है कि आपका पैन (PAN Card) और आधार (A and Bank Account Details):
यदि आप आईटीआर फाइल (ITR Filing Process) कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपका पैन कार्ड (PAN Card) और आधार कार्ड (Aadhaar Card) लिंक (PAN Aadhaar Link for ITR) हों, क्योंकि अब यह ITR भरने के लिए अनिवार्य है। इसके साथ ही, आपके पास अपने सभी बैंक अकाउंट (Bank Account Details for ITR) की सही डिटेल्स (जैसे अकाउंट नंबर, IFSC कोड) तैयार रखें, क्योंकि इन डिटेल्स की आईटीआर फाइल करते समय ज़रूरत (Required for ITR Filing) पड़ेगी। गलत बैंक जानकारी आपके रिफंड (Tax Refund Delay) में देरी कर सकती है।
इन सभी 8 दस्तावेजों को तैयार रखने के बाद, आप खुद ही अपने आईटीआर (Self-file ITR) को सफलतापूर्वक फाइल कर पाएंगे और टैक्स अनुपालन (Tax Compliance) को आसानी से सुनिश्चित कर पाएंगे, जिससे आपका समय और CA का खर्च (Save CA Fees) दोनों बचेंगे। अपनी आय और टैक्स का समय पर भुगतान (Timely Tax Payment) आपकी वित्तीय जिम्मेदारी का परिचय है।