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Join NowIncome Tax Return : इस साल इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return – ITR) भरने की आखिरी तारीख नज़दीक Bharat Bandh: ‘भारत बंद’ आज, 25 करोड़ से ज़्यादा कर्मचारी सड़क परआ रही है! पिछले साल जहाँ यह तारीख 31 जुलाई थी, वहीं इस बार 15 सितंबर 2025 तक आप अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं. यदि आप इनकम टैक्स स्लैब (income tax slab) के दायरे में आते हैं, तो आपके लिए ITR भरना अनिवार्य (mandatory) है. अगर आप भी इस श्रेणी में आते हैं और आपने अभी तक अपना रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो इसे जल्द से जल्द पूरा कर लें ताकि किसी भी तरह की पेनाल्टी से बचा जा सके. टैक्स फाइलिंग (tax filing) को गंभीरता से लेना आपकी वित्तीय योजना (financial planning) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
ITR रिफंड में हो सकती है देरी: घबराएं नहीं, समझें क्या है वजह!
इस वर्ष इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) मिलने की प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो सकती है. विभाग इस बार फाइल किए गए सभी टैक्सपेयर्स (taxpayers) की जानकारियों की बारीकी से जांच (thorough scrutiny) कर रहा है. इसका सीधा मतलब यह है कि आपके रिफंड को प्रोसेस होने में सामान्य से थोड़ा अधिक समय लग सकता है. हालांकि, अगर आपको देर से रिफंड मिलता है (delayed refund), तो इसमें एक अच्छी बात यह भी है कि आपको अपने पैसों पर अधिक ब्याज (more interest on your money) मिल सकता है. यह उन करदाताओं के लिए एक तरह का मुआवज़ा हो सकता है जिन्हें रिफंड मिलने में देर हो रही है.
कौन से ITR फॉर्म हो रहे हैं जल्दी प्रोसेस? और क्यों हो रही है सख्ती से चेकिंग?
इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) इस बात की लगातार जांच कर रहा है कि करदाताओं ने कौन सा ITR फॉर्म (ITR form) भरा है. आमतौर पर, ITR-1 या ITR-4 जैसे सरल फॉर्म, ITR-2 या ITR-3 जैसे जटिल फॉर्मों की तुलना में कम समय में प्रोसेस हो जाते हैं. इसके अलावा, यदि आपने अधिक रिफंड क्लेम (claiming higher refund) किया है, तो विभाग द्वारा इस पर सख्ती से चेकिंग (strict checking) की जा रही है ताकि किसी भी तरह की धोखाधड़ी या गलत क्लेम को रोका जा सके. कर अनुपालन (tax compliance) सुनिश्चित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है.
रिफंड में देरी पर मिलेगा ज्यादा ब्याज: जानें क्या है आयकर अधिनियम का नियम!
आयकर अधिनियम की धारा 244A (Section 244A of Income Tax Act) के तहत, यदि कर वापसी (रिफंड) में देरी होती है, तो सरकार करदाताओं को 0.5 प्रतिशत प्रति माह की दर से ब्याज (interest at the rate of 0.5 percent per month) देती है. यह ब्याज उस तारीख से गिना जाता है जब आपका रिटर्न दाखिल किया गया था या मूल्यांकन वर्ष (Assessment Year) समाप्त हुआ था, जो भी बाद में हो. हालांकि, यह ब्याज केवल तभी देय होता है जब वापसी की राशि आपके कुल कर (total tax) के 10% से अधिक हो. यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि करदाताओं को उनकी मेहनत की कमाई पर सरकार द्वारा की गई देरी का उचित मुआवजा मिले.
आपको बता दें कि अभी तक 75 लाख से अधिक टैक्स पेयर्स (over 75 lakh taxpayers) ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (Income Tax Return File) सफलतापूर्वक कर लिया है. वहीं, अभी तक करीब 71.1 लाख रिटर्न – ई-वेरीफाई (e-verified) किए जा चुके हैं. यह दिखाता है कि अधिकांश करदाता समय पर टैक्स फाइलिंग (timely tax filing) के महत्व को समझ रहे हैं. यदि आप भी इस सूची में शामिल होना चाहते हैं और अपने टैक्स रिफंड (tax refund) को सुरक्षित करना चाहते हैं, तो 15 सितंबर 2025 की डेडलाइन का ध्यान रखें. भारत (India), यूएसए (USA), और यूके (UK) जैसे देशों में भी समय पर टैक्स फाइलिंग का महत्व समान है.