Income Tax Notice : यह खबर सभी टैक्सपेयर्स (taxpayers) के लिए बेहद ज़रूरी (Extremely Important) है। दरअसल, हम आपको बताना चाहते हैं कि आयकर विभाग (Income Tax Department) कुछ खास तरह के वित्तीय लेन-देन (Financial Transactions) और लेन-देन (Transaction) पर बहुत कड़ी नज़र (Close Watch) रखता है। यदि आप जाने-अनजाने में भी इस तरह के लेन-देन (Transaction) करते हैं, तो संभावना है कि आपको अचानक आयकर नोटिस (Income Tax Notice) मिल जाए, भले ही आपको इसकी जानकारी न हो। इसलिए, आपको सावधान (Alert) और सतर्क (Vigilant) रहने की सख्त जरूरत है, खासकर जब बात बड़े वित्तीय लेन-देन (Large Financial Transactions) की हो।
आज के आधुनिक युग में जहाँ ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) और डिजिटल लेन-देन (Digital Transactions) को प्राथमिकता दी जाती है, वहीं अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो शायद टैक्स रडार (Tax Radar) से बचने के लिए या अन्य कारणों से नकद लेन-देन (Cash Transactions) को अधिक पसंद करते हैं। हालाँकि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि आयकर विभाग (Income Tax Department) के पास उच्च मूल्य वाले लेन-देन (High-Value Transactions) की जानकारी (Information) हासिल करने के कई तरीके हैं। यदि आप ऐसी ट्रांजैक्शन (Transaction) करते हैं जो नियमों के दायरे में आती हैं, तो यह पूरी तरह संभव है कि आपको बिना किसी पूर्व सूचना (Without Prior Notice) के सीधे आपके घर पर आयकर नोटिस (Income Tax Notice) भेज दिया जाए और आपसे उस लेन-देन (Transaction) के बारे में स्पष्टीकरण (Explanation) मांगा जाए।
आयकर विभाग की पैनी नज़र (Sharp Eye of Income Tax Department) से सुरक्षित रहने और नोटिस (Notice) से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप अपने सभी बड़े लेन-देन (Large Transactions) का उचित रिकॉर्ड (Record) रखें, अपनी आय (Income) का सही ब्योरा (Details) अपने आयकर रिटर्न (Income Tax Return) में दें, और टैक्स नियमों (Tax Rules) का पालन करें। आइए जानते हैं कि इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) के रडार (Radar) पर आमतौर पर कौन-कौन से लेन-देन (Transaction) होते हैं, जिन पर आपको खास ध्यान देना चाहिए।
इन विशेष लेन-देन पर रहती है आयकर विभाग की नज़र (Income Tax Department Keeps an Eye on These Special Transactions):
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) द्वारा जारी किए गए नियमों (Rules) और विभिन्न वित्तीय संस्थानों से प्राप्त होने वाली जानकारी (Information) के आधार पर, आयकर विभाग (Income Tax Department) कुछ खास तरह के उच्च मूल्य वाले लेन-देन (High-Value Transactions) पर लगातार निगरानी (Monitoring) रखता है। इनमें से कुछ प्रमुख ट्रांजैक्शन (Transaction) निम्नलिखित हैं, जिन पर आपको सावधान (Alert) रहना चाहिए, क्योंकि ये सीधे आयकर नोटिस (Income Tax Notice) का कारण बन सकते हैं:
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बैंक खातों में बड़ी नकद जमा (Large Cash Deposits in Bank Accounts): यह एक बहुत ही सामान्य लेन-देन (Transaction) है जो आयकर विभाग (Income Tax Department) की नज़र (Watch) में आता है। CBDT नियमों (CBDT Rules) के अनुसार, यदि आप एक वित्तीय वर्ष (Financial Year) के दौरान अपने बचत खातों (Savings Accounts) या चालू खातों (Current Accounts) (चाहे एक हो या एक से अधिक) में कुल 10 लाख रुपये (10 Lakh Rupees) या उससे अधिक की नकद राशि जमा (Cash Deposit) करते हैं, तो इस जानकारी (Information) को बैंकों (Banks) द्वारा आयकर विभाग (Income Tax Department) के साथ साझा किया जाता है। यदि आपके आयकर रिटर्न (Income Tax Return) में घोषित आय (Income) इस जमा राशि से मेल नहीं खाती, या आपने इसका स्रोत (Source) नहीं बताया है, तो विभाग (Department) आपको नोटिस (Notice) भेजकर जमा किए गए पैसों के स्रोत (Source of Funds) का स्पष्टीकरण (Explanation) मांग सकता है।
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नकद में बड़ी सावधि जमा (Large Fixed Deposit in Cash): यदि आप बैंक (Bank) या डाकघर (Post Office) में 1 लाख रुपये (1 Lakh Rupees) या उससे अधिक की सावधि जमा (Fixed Deposit) यानी FD (FD) नकद (Cash) में करवाते हैं, तो यह लेन-देन (Transaction) भी आयकर विभाग (Income Tax Department) की निगरानी (Monitoring) में आ सकता है। वित्तीय संस्थाएं इस तरह के नकद जमा (Cash Deposit) की रिपोर्ट (Report) करती हैं। विभाग आपको नोटिस (Notice) भेजकर इस नकद राशि (Cash Amount) के स्रोत (Source) के बारे में जानकारी (Information) मांग सकता है।
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प्रॉपर्टी खरीदते समय बड़ा नकद भुगतान (Large Cash Payment When Buying Property): प्रॉपर्टी (Property) की खरीद-फरोख्त हमेशा से आयकर विभाग (Income Tax Department) के लिए एक संवेदनशील क्षेत्र रहा है। यदि आप कोई प्रॉपर्टी (Property) खरीदते समय 30 लाख रुपये (30 Lakh Rupees) या उससे अधिक का नकद भुगतान (Cash Payment) करते हैं, तो इसकी सूचना (Information) प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार कार्यालय (Property Registrar Office) द्वारा सीधे आयकर विभाग (Income Tax Department) को दी जाती है। इतने बड़े नकद लेन-देन (Large Cash Transaction) की वजह से, आयकर विभाग (Income Tax Department) आपसे निश्चित रूप से यह पूछ सकता है कि आपके पास इतना बड़ा अमाउंट (Large Amount) नकद (Cash) में कहाँ से आया और क्या यह आपकी घोषित आय (Income) से मेल खाता है। आपको इस पैसे के स्रोत (Source of Money) का संतोषजनक जवाब और साक्ष्य (Evidence) देना पड़ सकता है।
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क्रेडिट कार्ड बिल का बड़ा नकद भुगतान (Large Cash Payment of Credit Card Bill): यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का 1 लाख रुपये (1 Lakh Rupees) या उससे अधिक का बिल (Bill) नकद (Cash) में चुकाते हैं, तो यह लेन-देन (Transaction) भी क्रेडिट कार्ड कंपनियों (Credit Card Companies) द्वारा आयकर विभाग (Income Tax Department) को रिपोर्ट (Report) किया जाता है। यह लेन-देन (Transaction) आपकी खर्च करने की क्षमता (Spending Capacity) को दर्शाता है और यदि यह आपकी घोषित आय (Income) से काफी अधिक है, तो विभाग (Department) आपसे इस नकद राशि (Cash Amount) के स्रोत (Source) के बारे में जानकारी (Information) मांग सकता है।
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किसी भी माध्यम से बड़ी रकम का भुगतान/लेन-देन (Large Amount Payment/Transaction Through Any Mode): यह केवल नकद (Cash) की बात नहीं है। यदि किसी वित्तीय वर्ष (Financial Year) में आप किसी भी माध्यम से (जैसे बैंक ट्रांसफर, चेक, ऑनलाइन पेमेंट आदि) कुल 10 लाख रुपये (10 Lakh Rupees) या उससे अधिक का भुगतान (Payment) करते हैं या ऐसे लेन-देन (Transaction) करते हैं जिनकी रिपोर्ट (Report) विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जाती है (जैसे शेयर ट्रेडिंग में बड़ा निवेश, म्यूचुअल फंड में निवेश, बॉन्ड खरीदना आदि), तो आपको आयकर नोटिस (Income Tax Notice) प्राप्त हो सकता है। विभाग इन लेन-देन (Transaction) के पीछे के पैसे के स्रोत (Source of Funds) और उनके आपकी आय (Income) से संबंध के बारे में जानकारी (Information) और स्पष्टीकरण (Explanation) मांग सकता है।
इन लेन-देन (Transaction) के अलावा भी कई अन्य तरह के उच्च मूल्य वाले लेन-देन (High-Value Transactions) हैं जिन पर आयकर विभाग (Income Tax Department) की नज़र (Watch) रहती है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि आप सभी बड़े वित्तीय लेन-देन (Large Financial Transactions) को transparent रखें, उनका रिकॉर्ड (Record) रखें, और अपनी वास्तविक आय (Income) की घोषणा (Declaration) करें। ऐसा करके आप आयकर नोटिस (Income Tax Notice) और उनसे जुड़ी परेशानियों (Troubles) से बच सकते हैं।