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Join Nowcheque bounce: यदि आप किसी को चेक से पेमेंट (cheque payment) करते हैं, तो भुगतान करते समय रकम (amount) बहुत ध्यान से भरें. जरा सी चूक भी आपको मुसीबत में डाल सकती है, क्योंकि चेक बाउंस (cheque bounce) होने पर आपकी मुश्किलें कई गुना बढ़ सकती हैं.
चेक बाउंस से जुड़े मामलों (cheque bounce cases) की गंभीरता को समझते हुए, सरकार ने 1 जुलाई 2025 से नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 (Negotiable Instruments Act, 1881) में बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव लागू किए हैं. इन नए नियमों (new rules) का मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी को रोकना (prevent fraud), भुगतान प्रणाली (payment system) को अधिक पारदर्शी (transparent) बनाना और शिकायतों का जल्द समाधान (quick resolution of complaints) सुनिश्चित करना है. आइए इन बदलावों (changes) और आम आदमी पर इनके असर (impact on people) के बारे में विस्तार से जानते हैं.
अब पहले से होगी कड़ी सजा: दोगुना जुर्माना और जेल का प्रावधान!
नए कानून के तहत, चेक बाउंस होने पर दोषी (convict in cheque bounce) को अब पहले से कहीं अधिक कड़ी सज़ा (stricter punishment) मिलेगी. एनआई एक्ट की धारा 138 (Section 138 of NI Act) के तहत, यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है, तो उसे दो साल तक की जेल (up to two years of jail) की सज़ा हो सकती है और उस पर चेक की दोगुनी राशि तक का जुर्माना (fine up to double the cheque amount) भी लगाया जा सकता है.
सरकार ने चेक बाउंस मामलों को तेजी से निपटाने (expedite cheque bounce cases) के लिए एक डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम (digital tracking system) भी लागू किया है. अब फास्ट-ट्रैक कोर्ट (fast-track court) में सुनवाई होने से फैसलों में भी तेजी आएगी. यह बदलाव चेक बाउंस मामलों में तेजी और सख़्ती (speed and strictness in cheque bounce matters) लाएगा.
शिकायत करने की समय सीमा बढ़ाई गई: अब मिलेगा ज़्यादा समय!
पहले चेक बाउंस होने पर शिकायतकर्ता को शिकायत दर्ज कराने के लिए केवल एक महीने (one month) का समय मिलता था. लेकिन नए नियमों के अनुसार, इस समय सीमा को बढ़ाकर तीन महीने (three months) कर दिया गया है. इसका मतलब है कि शिकायतकर्ता को अपना पक्ष रखने और शिकायत दर्ज कराने के लिए अधिक समय (more time) मिलेगा.
इसी के साथ, अब चेक बाउंस से जुड़ी शिकायतें ऑनलाइन (online complaints) भी की जा सकेंगी और डिजिटल एविडेंस (digital evidence) को भी मान्यता दी जाएगी. इससे शिकायत दर्ज कराना आसान (easier to file a complaint) हो जाएगा और प्रक्रिया अधिक सुलभ बनेगी.
सभी बैंकों के लिए एक जैसी प्रक्रिया लागू
अब चेक बाउंस का मामला (cheque bounce matter) चाहे किसी भी बैंक से जुड़ा हो, कार्रवाई एक ही तरीके से (action will be taken in the same manner) की जाएगी. यह बैंकों के लिए एक समान प्रक्रिया (uniform procedure for banks) सुनिश्चित करेगा. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि किसी व्यक्ति का चेक लगातार तीन बार बाउंस (cheque bounces consecutively three times) होता है, तो बैंक उस खाते को फ्रीज (account freeze) भी कर सकता है.
कैसे खुद को चेक बाउंस से बचाएं? (How to Protect Yourself from Cheque Bounce?)
- खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें (Maintain sufficient balance in your account): सुनिश्चित करें कि आपके बैंक खाते में हमेशा इतनी धनराशि हो कि आपका चेक बाउंस न हो.
- चेक पर जानकारी सही भरें (Fill cheque details correctly): चेक पर तारीख, राशि और प्राप्तकर्ता का नाम स्पष्ट और सही ढंग से भरें.
- अच्छी क्वालिटी की स्याही का प्रयोग करें (Use good quality ink): चेक लिखने के लिए हमेशा काली या नीली (black or blue) अच्छी क्वालिटी की स्याही का इस्तेमाल करें ताकि वह फेड न हो.
- समय-समय पर बैंक स्टेटमेंट चेक करें (Check bank statements periodically): अपने बैंक स्टेटमेंट को नियमित रूप से जांचते रहें ताकि आपको अपने खाते की स्थिति का पता रहे.
चेक बाउंस करना अब गंभीर अपराध है!
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत, चेक का बाउंस होना एक गंभीर अपराध (serious offense) है. इसके परिणामस्वरूप दो साल तक की कैद और चेक की दोगुनी रकम तक का जुर्माना हो सकता है. इसमें कोर्ट फीस (court fees) और अन्य कानूनी खर्चे (legal expenses) भी शामिल हो सकते हैं. इसके अतिरिक्त, बैंक भी चेक बाउंस होने पर 100 से 750 रुपये तक का अतिरिक्त जुर्माना (additional penalty of Rs 100 to Rs 750) लगा सकता है.
ये नए नियम (new regulations) यह सुनिश्चित करेंगे कि लोग भुगतान करते समय अधिक जिम्मेदार बनें और वित्तीय लेनदेन (financial transactions) में पारदर्शिता बनी रहे.