Home Loan EMI : होम लोन EMI वालों के लिए चेतावनी! 3 किस्तें चूकीं तो खैर नहीं, जानिए बैंक कब जब्त कर लेगा आपकी प्रॉपर्टी और क्या होगा NPA होने पर…

Published On: June 11, 2025
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Home Loan EMI : होम लोन EMI वालों के लिए चेतावनी! 3 किस्तें चूकीं तो खैर नहीं, जानिए बैंक कब जब्त कर लेगा आपकी प्रॉपर्टी और क्या होगा NPA होने पर...
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Home Loan EMI : आज के दौर में अपना सपना का घर खरीदना एक बड़ा लक्ष्य होता है, और इसे पूरा करने के लिए लंबे समय का लोन, खासकर होम लोन (गृह ऋण), सबसे आम तरीका है। होम लोन की रकम अक्सर बहुत बड़ी होती है, जिसके कारण हर महीने चुकाई जाने वाली EMI (मासिक किस्त) भी अच्छी खासी बनती है। इस बड़ी ईएमआई को 15-20 साल या उससे भी अधिक समय तक लगातार चुकाना अपने आप में एक जिम्मेदारी भरा काम है। जीवन में कई बार अप्रत्याशित परिस्थितियां आ जाती हैं – जैसे नौकरी चले जाना, स्वास्थ्य संबंधी आपातकाल या कोई अन्य वित्तीय संकट – जिसकी वजह से लोग अपनी लोन की EMI चुकाना चूक जाते हैं। यह स्थिति किसी भी होम लोन लेने वाले के लिए बड़ी वित्तीय मुश्किलें खड़ी कर सकती है।

अगर आपकी एक या दो EMI मिस हो जाए, तो अक्सर लोग अपने वित्तीय प्रबंधन या परिवार/दोस्तों की मदद से किसी तरह मैनेज कर लेते हैं। बैंक भी आमतौर पर इस पर तुरंत कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करते। वे समझते हैं कि कभी-कभी छोटी-मोटी चूक हो सकती है। लेकिन, अगर आपने 3 EMI लगातार मिस कर दीं, तो समझ लीजिए कि आप सीधे बैंक की रडार पर आ चुके हैं। यह वह खतरनाक मोड़ है जहां से स्थिति गंभीर होना शुरू हो जाती है। लगातार 3 किस्तें छूटने के बाद बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर देता है और आपके लोन अकाउंट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर देता है। आइए जानते हैं कि होम लोन डिफॉल्टर बनने के बाद आपके साथ क्या-क्या हो सकता है और बैंक लोन रिकवरी के लिए क्या कदम उठाता है।

पहली किस्‍त मिस होने पर क्या करता है बैंक?

जैसे ही आपकी होम लोन की पहली EMI चूक जाती है, बैंक तुरंत कोई सख्त कदम नहीं उठाता। ज्यादातर बैंक ऐसे मामलों में शुरुआत में नरमी बरतते हैं। वे पहले समस्या का समाधान करने की कोशिश करते हैं ताकि स्थिति इतनी न बिगड़े कि उन्हें संपत्ति को वापस लेने (Property Seizure) और नीलाम करने (Property Auction) की नौबत आए। आमतौर पर, पहली EMI मिस होने पर बैंक इसे ग्राहक की एक छोटी सी चूक या भूल मानकर बहुत गंभीरता से नहीं लेते। वे शायद आपको एक साधारण एसएमएस (SMS) या ईमेल (Email) भेजकर सिर्फ एक रिमाइंडर देते हैं कि आपकी किस्त बकाया है। इस स्टेज पर घबराने की बजाय, अगर संभव हो तो तुरंत बैंक से संपर्क करके बताएं कि किस कारण से चूक हुई और आप भुगतान कब तक कर पाएंगे।

दूसरी किस्‍त मिस होने पर क्या करता है बैंक?

जब ग्राहक की लगातार दो EMI मिस हो जाती हैं, तब बैंक थोड़ा गंभीर होता है। इस स्थिति में बैंक ग्राहक को नोटिस करता है और बकाया ईएमआई (EMI) भरने के लिए थोड़े सख्त लहजे में रिमाइंडर भेजता है। बैंक आपको कॉल भी कर सकता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आपको क्या समस्या आ रही है। अगर आपको ये नोटिस मिलते हैं, तो इसे हल्के में न लें। यह महत्वपूर्ण है कि आप तुरंत उधारकर्ता के तौर पर बैंक से संपर्क करें और उनके साथ बैठकर इस समस्या का जल्दी समाधान निकालने का प्रयास करें। बैंक इस चरण में भी अक्सर ग्राहकों को भुगतान का विकल्प या अस्थायी राहत देने पर विचार कर सकता है, बशर्ते ग्राहक सहयोग करे।

लगातार 3 किस्तें मिस होने पर लोन बन जाता है NPA!

यह सबसे महत्वपूर्ण और खतरनाक चरण है। जब दूसरी किस्त छूटने के बाद बैंक के नोटिस और रिमाइंडर के बावजूद ग्राहक की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जाता या वे भुगतान नहीं करते हैं, और तीसरी किस्‍त भी मिस हो जाती है, तो बैंक के पास कोई और विकल्प नहीं बचता। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, 90 दिनों से अधिक समय तक बकाया रहने पर कोई भी लोन अकाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित कर दिया जाता है। इस स्थिति में, बैंक आपके लोन अकाउंट को NPA मान लेता है और आपको आधिकारिक तौर पर डिफॉल्‍टर घोषित कर देता है। डिफॉल्टर बनना आपके क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) के लिए बेहद हानिकारक होता है। आपका सिबिल स्कोर तेजी से गिरता है, जिससे भविष्य में आपको कोई भी नया लोन या क्रेडिट कार्ड मिलना लगभग नामुमकिन हो जाता है।

डिफॉल्‍टर बनने के बाद भी तुरंत नीलामी नहीं होती, मिलता है एक और मौका

खुशखबरी यह है कि आपके लोन के NPA बन जाने और आपको डिफॉल्टर घोषित किए जाने के बाद भी बैंक एकदम से आपकी प्रॉपर्टी की नीलामी नहीं कर देता। बैंक होम लोन डिफॉल्टर को सरफेसी एक्ट (SARFAESI Act) जैसे कानूनों के तहत कानूनी कार्रवाई का नोटिस (Legal Notice) भेजता है। इस नोटिस में स्पष्ट रूप से बताया जाता है कि आपका खाता एनपीए हो गया है और आपको बकाया भुगतान करने के लिए 60 दिनों यानी 2 महीने तक का समय दिया जाता है। यह डिफॉल्टर के लिए अपनी गलती सुधारने और सब कुछ ठीक करने का आखिरी मौका होता है। अगर आप इस 2 महीने की अवधि के भीतर अपनी सभी बकाया EMI और अन्य शुल्क चुका देते हैं, तो आपका लोन अकाउंट फिर से नियमित हो सकता है।

कब आती है प्रॉपर्टी नीलामी की नौबत?

अगर कानूनी नोटिस (Legal Notice) मिलने के बाद भी उधारकर्ता की ओर से बैंक को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता, या वे बकाया भुगतान नहीं करते हैं, तब बैंक के पास लोन रिकवरी के लिए संपत्ति की नीलामी (Property Auction) करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। बैंक अपनी प्रक्रिया के तहत संपत्ति को जब्त (Asset Seizure) कर लेता है और उसकी नीलामी के लिए कदम आगे बढ़ाता है।

नीलामी से पहले बैंक जारी करता है सार्वजनिक नोटिस

बैंकों को संपत्ति की नीलामी करने से पहले पारदर्शिता बनाए रखने और संभावित खरीदारों तक पहुंचने के लिए सार्वजनिक सूचना जारी करनी होती है। यह नीलामी नोटिस (Auction Notice) आमतौर पर प्रमुख समाचार पत्रों (हिंदी और अंग्रेजी दोनों में) में प्रकाशित किया जाता है। इस नोटिस में परिसंपत्ति (Asset) का पूरा विवरण, उसका उचित मूल्य (Fair Value of Asset), बैंक द्वारा तय किया गया आरक्षित मूल्य (Reserve Price) (जिससे कम पर नीलामी शुरू नहीं होगी), और नीलामी की तारीख व समय जैसी सभी महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होती है। अगर उधारकर्ता को लगता है कि बैंक द्वारा उनकी परिसंपत्ति का मूल्यांकन कम किया गया है (Undervaluation of Asset), तो उनके पास इस नीलामी को चुनौती देने का कानूनी अधिकार होता है। वे अदालत के माध्यम से नीलामी को रोकने या रद्द करवाने का प्रयास कर सकते हैं।

होम लोन EMI का समय पर भुगतान करना बेहद महत्वपूर्ण है। एक या दो किस्तें छूटने पर बैंक थोड़ी नरमी बरत सकता है, लेकिन लगातार 3 EMI मिस करना सीधे तौर पर आपके लोन अकाउंट को NPA बना देता है और आपको डिफॉल्टर की श्रेणी में खड़ा कर देता है। इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है और भविष्य की वित्तीय योजनाओं को बर्बाद कर सकता है। अगर आप किसी वित्तीय मुश्किल का सामना कर रहे हैं और ईएमआई चुकाने में दिक्कत आ रही है, तो घबराने या नजरअंदाज करने के बजाय तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें। अपनी स्थिति बताएं और समाधान खोजने का प्रयास करें। बैंक अक्सर लोन पुनर्गठन (Loan Restructuring) या अस्थायी राहत के विकल्प देते हैं। समय पर उठाया गया कदम आपको प्रॉपर्टी की नीलामी जैसी अप्रिय स्थिति से बचा सकता है। अपनी वित्तीय जिम्मेदारी को समझें और लोन डिफॉल्ट के गंभीर परिणामों से बचें।

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