Home Loan EMI

Home Loan EMI : 5 की उम्र के बाद ले रहे हैं होम लोन? रखें इन 5 जरूरी बातों का ध्यान, आसानी से मिलेगा अप्रूवल

Home Loan EMI : क्या 45 साल की उम्र के बाद भी अपना घर खरीदना मुमकिन है और उसके लिए होम लोन मिल सकता है? कई लोगों को लगता है कि उम्र के इस पड़ाव में लोन लेना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन घबराइए नहीं! अगर आप कुछ खास बातों का ध्यान रखें, तो आप न सिर्फ आसानी से होम लोन पा सकते हैं, बल्कि उसकी EMI भी बिना किसी परेशानी के चुका सकते हैं।

आइए, जानते हैं वो 5 ज़रूरी बातें कौन सी हैं, जो आपकी होम लोन की राह को आसान बना सकती हैं:

  1. क्रेडिट स्कोर (Credit Score) पर करें फोकस:
    बैंक लोन देते समय सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर ही चेक करते हैं, खासकर 45 से ज़्यादा उम्र वालों के लिए। आपका स्कोर जितना अच्छा होगा (कोशिश करें कि ये 750 या उससे ज़्यादा हो), आपको लोन उतनी आसानी से मिलेगा और ब्याज दर भी कम लगेगी। क्रेडिट स्कोर अच्छा रखने के लिए ज़रूरी है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड बिल और बाकी लोन की किस्तें हमेशा टाइम पर चुकाएं। अगर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई गलती है, तो उसे फौरन ठीक करवाएं।

  2. स्थिर आय (Stable Income) है बेहद ज़रूरी:
    बैंक ये देखना चाहते हैं कि आपके पास EMI चुकाने के लिए हर महीने एक फिक्स इनकम आ रही है या नहीं। चाहे आप नौकरी करते हों या बिज़नेस, आपकी नियमित और स्थिर कमाई बहुत मायने रखती है। अगर आपकी इनकम थोड़ी ऊपर-नीचे होती है, तो आप अपने पति/पत्नी या बच्चों (जिनकी अच्छी आय हो) को सह-आवेदक (Co-applicant) बनाकर लोन मिलने की संभावना बढ़ा सकते हैं। बैंक को यकीन होना चाहिए कि आप समय पर भुगतान कर पाएंगे।

  3. लोन की अवधि (Tenure) सोच समझकर चुनें:
    ज़्यादा उम्र में बहुत लंबी अवधि (जैसे 25-30 साल) का होम लोन लेने से बचें। बैंक इसे अप्रूव करने में हिचक सकते हैं क्योंकि उनकी नज़र में लोन चुकाने की अवधि आपकी रिटायरमेंट उम्र से काफी आगे निकल जाएगी। कम अवधि (जैसे 10-15 साल) का लोन लेना ज़्यादा समझदारी होगी। इससे हालांकि EMI थोड़ी ज़्यादा हो सकती है, लेकिन लोन जल्दी खत्म हो जाएगा और कुल मिलाकर आपको ब्याज भी कम देना पड़ेगा।

  4. डाउन पेमेंट (Down Payment) जितना हो सके, ज़्यादा करें:
    अक्सर 45 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को बैंक लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेश्यो थोड़ा कम ऑफर करते हैं। इसका मतलब है कि आपको प्रॉपर्टी की कुल कीमत का ज़्यादा हिस्सा (जैसे 20-30% या उससे ज़्यादा) खुद डाउन पेमेंट के तौर पर देना पड़ सकता है। आप अपनी बचत, FD या दूसरे निवेशों का इस्तेमाल करके डाउन पेमेंट बढ़ा सकते हैं। ज़्यादा डाउन पेमेंट देने का सीधा फायदा ये होगा कि आपको लोन कम लेना पड़ेगा, जिससे ब्याज का बोझ और आपकी हर महीने की EMI भी कम हो जाएगी।

  5. ब्याज दरों (Interest Rates) की तुलना ज़रूर करें:
    लोन लेने से पहले सिर्फ एक बैंक में न रुकें। अलग-अलग बैंकों और वित्तीय संस्थानों से संपर्क करें और उनकी ब्याज दरों, प्रोसेसिंग फीस और अन्य शर्तों की अच्छे से तुलना करें। कुछ बैंक खासकर उम्रदराज लोगों के लिए या रिटायरमेंट के बाद की आय को ध्यान में रखकर खास होम लोन स्कीम्स ऑफर करते हैं। सरकारी बैंकों की ब्याज दरें अक्सर थोड़ी कम होती हैं, इसलिए उन्हें ज़रूर चेक करें। थोड़ी रिसर्च आपको सबसे बेहतर डील दिला सकती है।

एक और ज़रूरी बात: 45 की उम्र के बाद होम लोन इंश्योरेंस (Home Loan Insurance) लेना एक बहुत समझदारी भरा कदम हो सकता है। यह न सिर्फ आपको और आपके परिवार को अप्रत्याशित घटनाओं से बचाता है, बल्कि बैंक को भी भरोसा दिलाता है कि किसी भी सूरत में उनका लोन चुकाया जाएगा। यह आपकी लोन एप्लीकेशन को मजबूत बना सकता है।

तो देखा आपने, उम्र सिर्फ एक नंबर है। अगर आप इन बातों का ध्यान रखते हैं और सही प्लानिंग करते हैं, तो 45 की उम्र के बाद भी अपना सपनों का घर खरीदने का सपना आसानी से पूरा कर सकते हैं।