HDB Financial Services: HDB फाइनेंशियल सर्विसेज ने लॉन्च किया ₹12,500 करोड़ का IPO, आज ही लगाएं दाँव

Published On: June 21, 2025
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HDB Financial Services: HDB फाइनेंशियल सर्विसेज ने लॉन्च किया ₹12,500 करोड़ का IPO, आज ही लगाएं दाँव

HDB Financial Services: भारतीय पूंजी बाजार (Indian Capital Market) में आजकल आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (Initial Public Offering – IPO) का ज़ोरदार माहौल है, और निवेशकों को लगातार नए और बड़े अवसर मिल रहे हैं। इसी कड़ी में, शुक्रवार (20 जून, 2025) को HDB फाइनेंशियल सर्विसेज (HDB Financial Services) ने ₹12,500 करोड़ (₹12,500 Crore IPO) का एक विशाल आईपीओ (Mega IPO Launch) लॉन्च किया है। यह आईपीओ कई निवेशकों के लिए बेहद खास माना जा रहा है, भले ही इसके व्यापार को लेकर कुछ नियामक मुद्दे (Regulatory Issues for NBFCs) अभी भी बरकरार हैं।

आईपीओ का विवरण और मूल्य बैंड (IPO Details and Price Band):

HDB फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने इस विशाल फंड-रेज़ (Fundraise Price Band) के लिए ₹700 से ₹740 प्रति शेयर (₹700-740 per Share) का मूल्य बैंड (Price Band for IPO) तय किया है। एक दिलचस्प बात यह है कि ग्रे मार्केट (Grey Market Premium) में शेयर की मौजूदा कीमत की तुलना में यह आईपीओ कथित तौर पर 66 प्रतिशत (66% Discount on Grey Market Price) की बड़ी छूट पर आ रहा है, जो निवेशकों के लिए लिस्टिंग गेन (Listing Gains Expectation) का एक अच्छा अवसर प्रस्तुत कर सकता है।

इस आईपीओ (HDB Financial IPO Structure) की संरचना में दो प्रमुख हिस्से हैं:

  1. फ्रेश कैपिटल रेज़ (Fresh Capital Raise): इसमें ₹2,500 करोड़ (₹2,500 Crore Fresh Capital) का नया पूंजी जुटाना शामिल है, जिसका उपयोग कंपनी अपने व्यापारिक विस्तार और वित्तीय जरूरतों के लिए करेगी।
  2. ऑफर फॉर सेल (OFS – Offer for Sale): यह ₹10,000 करोड़ (₹10,000 Crore OFS) का ऑफर फॉर सेल है, जो इसकी मूल कंपनी एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank OFS) द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। इस OFS के कारण प्रमोटर शेयरधारिता (Promoter Shareholding Dilution) में 20 प्रतिशत की कमी (20% Reduction in Promoter Stake) आएगी, जिससे यह घटकर 75 प्रतिशत (75% Promoter Stake after IPO) हो जाएगी। यह कंपनी को सेबी के सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों (SEBI Public Shareholding Norms) के अनुरूप लाएगा।

RBI के लिस्टिंग आदेश और नियामक मुद्दे (RBI Listing Mandate and Regulatory Concerns):

HDB फाइनेंशियल (HDB Financial Assets Under Management) के पास मार्च 2025 तक ₹1 लाख करोड़ (₹1 Lakh Crore AUM) से अधिक की संपत्ति (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट – AUM) थी, जो इसे देश की एक बड़ी एनबीएफसी (NBFCs in India) बनाती है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI Mandate for NBFCs) के बड़े एनबीएफसी (Larger NBFCs) के लिए अनिवार्य लिस्टिंग (Mandatory Listing of NBFCs) आदेश के तहत, HDB फाइनेंशियल को इस साल सितंबर तक (HDB Financial Listing by September) स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध (Stock Exchange Listing) होना आवश्यक है।

हालांकि, सेंट्रल बैंक के अक्टूबर 2025 के व्यावसायिक रूपों पर प्रस्ताव (RBI October 2025 Proposal on Business Forms) निवेशकों के लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है। आरबीआई (RBI Circular) के इस सर्कुलर के अनुसार, एक बैंक (Bank Subsidiary Rules) को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी कोई भी अनुषंगी (Subsidiary) वही गतिविधियां न करे जो बैंक स्वयं करता है। यदि कोई बैंक इस तरह की व्यवस्था (Holding Company Structure) जारी रखना चाहता है, तो एनबीएफसी में उसकी हिस्सेदारी (Bank Shareholding in NBFC Cap) 20 प्रतिशत तक सीमित (Capped at 20%) की जाती है। यह नियामक दिशानिर्देश एचबी फाइनेंशियल और एचडीएफसी बैंक (HDB Financial HDFC Bank Relation) के रिश्ते पर संभावित रूप से प्रभाव डाल सकता है।

कंपनी और विशेषज्ञों का क्या कहना है? (Company and Experts’ Viewpoints):

HDB फाइनेंशियल के नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन (Non-Executive Chairman HDB Financial), अरिजीत बसु (Arijit Basu) ने कहा है कि एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank and HDB Financial) और आईपीओ-बाउंड कंपनी के बीच “कुछ भी असामान्य नहीं” (Nothing Uncommon Between Bank and NBFC) है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आरबीआई के प्रस्तावों (RBI Proposals Impact on HDB Financial) का HDB फाइनेंशियल पर कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह जिम्मेदारी बैंक पर है कि वह किसी व्यवसाय को जारी रखना चाहता है या नहीं।

HDB फाइनेंशियल के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी (CEO), रमेश जी (Ramesh G – HDB Financial CEO) ने बताया कि HDB फाइनेंशियल ने 2008 से (HDB Financial Operations Since 2008) अपने व्यवसाय को जमीनी स्तर (Built Business from Ground-Up) पर बनाया है, जिसमें एंटरप्राइज़ लोन (Enterprise Loans), कंज्यूमर लोन (Consumer Loans) और एसेट फाइनेंस (Asset Finance) शामिल हैं। उन्होंने जोर दिया कि कंपनी इस तरह से स्वतंत्र रूप से काम करती है कि कोई भी सोर्सिंग प्रमोटर (No Sourcing from Promoter) से नहीं होती है और इसकी टेक्नोलॉजी स्टैक (Technology Stack) भी अलग है। यह दर्शाता है कि HDB की अपनी मजबूत परिचालन क्षमता है।

कम मूल्यांकन और निवेशकों की रुचि (Low Valuations and Investor Interest):

कम मूल्यांकन (Low IPO Valuations) पर एक बैंकर (Banker on IPO Pricing) ने स्पष्ट किया कि आमतौर पर ग्रे मार्केट या अलॉटमेंट लिस्टिंग (Grey Market Expectations) की उम्मीदें किसी इश्यू के मूल्य निर्धारण (IPO Pricing) को प्रभावित नहीं करतीं। जब नियामक अनिश्चितताओं (Regulatory Uncertainties on IPO Price) के सवाल पर बात की गई, तो एक अन्य बैंकर (Banker on Regulatory Impact) ने स्वीकार किया कि इस पर चर्चा हुई थी, और पिछले कुछ दिनों में व्यापक निवेशक रोड शो (Investor Roadshows for IPO) के बाद कीमत (Price Band Determination) तय की गई है। यह दर्शाता है कि कीमत का निर्धारण बहुत सोच-समझकर किया गया है।

बैंकर ने यह भी दावा किया कि म्यूचुअल फंड (Mutual Funds), बीमा कंपनियाँ (Insurance Companies) और विदेशी संस्थागत निवेशक (Foreign Institutional Investors – FIIs) इस इश्यू को सब्सक्राइब (FIIs Subscribing to HDB Financial) करने के लिए उत्सुक हैं। उनका अनुमान है कि अगले मंगलवार को विवरण जारी होने पर HDB फाइनेंशियल में एंकर निवेशक (Anchor Investor Allotment HDB Financial) का आवंटन (Allotment) सबसे अच्छा होगा, जो बड़े संस्थानों के भरोसे को दर्शाता है।

सार्वजनिक इश्यू की तारीखें और भविष्य की प्राथमिकताएँ (Public Issue Dates and Future Priorities):

₹10 अंकित मूल्य (₹10 Face Value Shares) वाले इस सार्वजनिक इश्यू के शेयर 20 के गुणकों (Multiples of 20 Shares) में सब्सक्राइब किए जा सकेंगे, और यह 25 से 27 जून तक (IPO Open June 25-27) खुला रहेगा। यह निवेशकों के पास निवेश का एक सुनहरा अवसर है।

कंपनी प्रबंधन (Company Management) ने कहा कि आगे चलकर परिसंपत्ति गुणवत्ता (Asset Quality Improvement) में सुधार करना उनकी शीर्ष प्राथमिकताओं (Top Priorities for HDB Financial) में से एक होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी एक स्वस्थ वित्तीय स्थिति बनाए रखे और ग्राहकों के साथ लंबे समय तक विश्वास का रिश्ता बनाए रखे।

हालिया समय के सबसे बड़े आईपीओ में से एक (One of the Biggest IPOs Recently):

HDB फाइनेंशियल का यह आईपीओ (HDB Financial IPO Ranking) पिछले तीन सालों (Biggest IPO in Last 3 Years) में दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ है, जो दक्षिण कोरियाई वाहन निर्माता हुंडई (Hyundai IPO India) के ₹27,000 करोड़ के इश्यू के बाद आया है। इसके अलावा, HDB फाइनेंशियल के प्रतियोगी टाटा कैपिटल (Tata Capital IPO), कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी एलजी (LG IPO India), और भारतीय स्टार्टअप फोनपे (Phonepe IPO) और लेंसकार्ट (Lenskart IPO) जैसे अन्य प्रमुख इश्यू भी बाजार में सूचीबद्ध होने के लिए तैयार हैं। यह भारतीय बाजार के लिए एक व्यस्त आईपीओ वर्ष (Busy IPO Year India) होने का संकेत है।

रमेश जी ने स्वीकार किया कि सितंबर तक लिस्टिंग के आरबीआई के जनादेश (RBI Listing Mandate and IPO Timing) का इस इश्यू के समय पर कुछ असर पड़ा। यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी नियामक आवश्यकताओं को पूरा करे।

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