Gold Rate : साल 2025 में सोने की चमक लगातार बढ़ रही है, बल्कि यूँ कहें कि इसने सभी को चौंका दिया है। सोने के दाम इतनी तेज़ी से बढ़ रहे हैं कि आम आदमी के लिए इसे खरीदना मुश्किल होता जा रहा है। खास बात ये है कि इस साल के शुरुआती कुछ महीनों में ही सोने ने पिछले पूरे साल के मुकाबले कहीं ज़्यादा रिटर्न दिया है और ये निवेशकों की पहली पसंद बन गया है। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि आखिर सोने के दाम में ये उछाल क्यों आ रहा है और साल के अंत तक ये कहां तक जा सकता है? विशेषज्ञों की राय भी अब सामने आ गई है।
सोने के दामों में बेतहाशा उछाल
साल 2025 में सोने के दाम नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। कीमतों में इतनी बड़ी बढ़ोतरी हुई है कि हर कोई हैरान है। लोग शेयर बाज़ार जैसे पारंपरिक निवेशों से निकलकर सोने में पैसा लगा रहे हैं, क्योंकि इस समय सोना निवेशकों के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्प बन गया है।
आखिर क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम?
सोने के दामों में इस साल जो ज़बरदस्त उछाल आया है, उसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में छाई अनिश्चितता। जब दुनिया भर में आर्थिक या राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है, तो निवेशक शेयर बाज़ार जैसे रिस्की निवेशों से पैसा निकालकर सोने जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली संपत्ति में लगाते हैं। हाल ही में, अमेरिका द्वारा कई देशों पर नए टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की घोषणा और खासकर अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुए ट्रेड वॉर ने इस अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है। जैसे-जैसे ट्रेड वॉर गहराया, सोने में निवेश तेज़ी से बढ़ा और इसकी कीमतें आसमान छूने लगीं।
एक छोटी गिरावट के बाद फिर तेज़ी
हालांकि सोने के दाम लगातार नहीं बढ़े हैं, इसमें थोड़ी उथल-पुथल भी देखने को मिली। 22 अप्रैल को सोना ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के बेहद करीब पहुँच गया था (कुछ रिपोर्ट के अनुसार इसे पार भी कर गया था)। इसके बाद 23 अप्रैल से इसमें गिरावट शुरू हुई और मई के शुरुआती दो दिनों तक सोना लगभग 7% तक गिर गया। लेकिन यह गिरावट ज़्यादा समय तक नहीं टिकी। देखते ही देखते सोने के दाम फिर से बढ़ने लगे और कुछ ही दिनों में ₹2400 से ज़्यादा की बढ़त दर्ज की गई।
निवेशकों की पहली पसंद बना सोना
इस समय सोना निवेशकों के लिए सोने की खान साबित हो रहा है। पिछले दस सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि भारत में निवेश के तौर पर सोने की मांग में 7% की बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तरफ, कीमतें इतनी ज़्यादा होने के कारण आम ग्राहकों की मांग में भारी कमी आई है। पिछले 16 सालों में पहली बार साल की पहली तिमाही में ग्राहकों की मांग 25% तक घट गई है। यह स्पष्ट दिखाता है कि अभी सोना मुख्य रूप से निवेश का साधन बना हुआ है, न कि गहने खरीदने का।
क्या चल रहे हैं आज के सोने के दाम?
इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार, सोने के दाम पिछले एक सप्ताह से लगातार बढ़ रहे हैं। मई की शुरुआत में आई गिरावट के बाद 3 मई को 24 कैरेट सोने का दाम ₹93,954 प्रति 10 ग्राम था, जो 10 मई को बढ़कर ₹96,416 हो गया। यानी एक सप्ताह में ही सोने के भाव में ₹2,462 की बढ़ोतरी हुई है।
पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुना बढ़ा भाव
अगर इस साल हुई बढ़ोतरी को देखें तो ये वाकई चौंकाने वाली है। 1 जनवरी 2025 को 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव लगभग ₹76,162 था। जो अब (10 मई तक) ₹96,416 पर पहुँच गया है। यानी इन शुरुआती चार महीनों में ही सोने के दाम में ₹20,254 की ज़बरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इसकी तुलना में, पूरे साल 2024 में सोने के दाम में सिर्फ़ ₹12,810 की बढ़ोतरी हुई थी। इसका मतलब है कि 2025 के शुरुआती कुछ महीनों में ही सोने ने पिछले पूरे साल की बढ़ोतरी का लगभग दोगुना रिटर्न दे दिया है।
साल के अंत तक कहां तक जा सकता है सोने का भाव?
अब सवाल है कि सोने का भाव आगे कहां जाएगा? इस पर गोल्डमैन सैक्स जैसे बड़े एक्सपर्ट्स का अनुमान सामने आया है। उनका मानना है कि साल 2025 के अंत तक अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में सोने का भाव 3700 डॉलर से 4500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है। उनके अनुसार, अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर के बढ़ने और दुनिया भर में मंदी की आशंकाओं के चलते सोने की कीमतों में तेज़ी बनी रहेगी। अगर इस अनुमान को भारतीय रुपये में बदलें, तो साल के अंत तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव ₹1 लाख 10 हज़ार से लेकर ₹1 लाख 38 हज़ार रुपये तक पहुँच सकता है।