Gold Rate : सोने के दामों में आई बेतहाशा तेजी ने पिछले कुछ महीनों में हर किसी को हैरान और परेशान कर रखा है। जिस रफ्तार से सोने के भाव (Gold Rate) आसमान छू रहे हैं, उसने न केवल आम खरीदारों की जेब पर भारी बोझ डाला है, बल्कि निवेशकों और बाजार विश्लेषकों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। सोने की कीमत (Gold Price) इस कदर बढ़ी है कि कभी हर घर में आसानी से पहुंचने वाला सोना अब एक महंगी और दूर की चीज लगने लगा है। इस चौंकाने वाली रफ्तार के बीच, अब एक नया अनुमान सामने आया है जो बताता है कि अगले 12 महीनों में सोने का भाव कहां तक जा सकता है – और यह आंकड़ा आपकी उम्मीदों से कहीं ज्यादा बड़ा हो सकता है!
आखिर क्यों लगी है सोने के दाम में आग?
शुक्रवार को भारतीय वायदा बाजार, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने ने एक ऐतिहासिक पड़ाव पार किया। पहली बार सोने का भाव ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के जादुई आंकड़े को छुआ और उसे पार कर गया। यह भारतीय सोने के बाजार के इतिहास में एक अभूतपूर्व उछाल माना जा रहा है। सोने के दाम (Sone ka Dam) में इस जबरदस्त तेजी के पीछे कई वैश्विक और आर्थिक कारण जिम्मेदार हैं, आइए उन्हें विस्तार से समझते हैं:
- वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tensions): सोने की कीमतों में इस उछाल का एक बड़ा और तात्कालिक कारण दुनिया भर में बढ़ता हुआ भू-राजनीतिक तनाव है। खास तौर पर मध्य पूर्व में इजराइल और ईरान के बीच बढ़ता सैन्य टकराव और अन्य क्षेत्रीय अस्थिरता ने निवेशकों के बीच डर का माहौल बना दिया है। ऐसे अनिश्चित समय में निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्प (Safe Haven Asset) के तौर पर सोने की ओर भागते हैं, जिससे इसकी मांग और कीमतें बढ़ जाती हैं।
- कम अमेरिकी मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद (Lower US Inflation & Rate Cut Hopes): दूसरा महत्वपूर्ण कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जुड़े संकेत हैं। हालिया कम अमेरिकी मुद्रास्फीति (US Inflation) के आंकड़े अमेरिकी केंद्रीय बैंक (फेडरल रिजर्व) द्वारा जल्द ही ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ा रहे हैं। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो बॉन्ड और बचत खातों पर रिटर्न कम हो जाता है, जिससे सोना (जिस पर कोई ब्याज नहीं मिलता) निवेशकों के लिए तुलनात्मक रूप से अधिक आकर्षक बन जाता है।
- इक्विटी बाजारों में अनिश्चितता (Equity Market Uncertainty): वैश्विक शेयर बाजारों (Stock Market) में मौजूदा अनिश्चितता और अस्थिरता का माहौल भी सोने की ओर निवेश (Gold Investment) बढ़ा रहा है। इजराइल द्वारा ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हालिया हमलों जैसी घटनाओं ने इक्विटी मार्केट में घबराहट पैदा की है, जिससे निवेशक सुरक्षित माने जाने वाले सोने में पैसा लगा रहे हैं।
- टैरिफ और ट्रेड वॉर की चिंताएं (Tariff & Trade War Concerns): पुरानी टैरिफ और ट्रेड वॉर की चिंताएं अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम पैदा करती हैं। यह भी एक कारण है कि निवेशक जोखिम भरे बाजारों से दूर रहकर सोने जैसे स्थिर माने जाने वाले एसेट में निवेश बढ़ा रहे हैं।
- केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीदारी (Central Bank Buying): दुनियाभर के कई देशों के केंद्रीय बैंक भी लगातार अपने सोने के भंडार (Gold Reserves) में इजाफा कर रहे हैं। वे अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। केंद्रीय बैंकों की यह मजबूत खरीदारी सोने की वैश्विक मांग को बनाए रखती है और कीमतों को ऊपर धकेलती है।
शुक्रवार को क्या रहा सोने का भाव? (MCX Gold Rate)
शुक्रवार का दिन भारतीय सोने के बाजार (Indian Gold Market) के लिए वाकई ऐतिहासिक रहा। MCX पर सोना 99,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर खुला, जो पिछले दिन के बंद भाव 98,392 रुपये से 1,108 रुपये या 1.12% अधिक था। दिन के कारोबार के दौरान, सोने ने तेजी का सिलसिला जारी रखा और 1,00,403 रुपये के उच्चतम स्तर को छुआ। हालांकि, यह तेजी यहीं नहीं थमी। देर रात के कारोबार में सोना अपने अब तक के उच्चतम स्तर (All-Time High – ATH) 100681 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। अंततः, हल्की गिरावट के बाद, सोना 100,314 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ, जो इस साल की बेमिसाल रैली को दर्शाता है।
अगले 12 महीनों में कहां तक जाएगा सोने का भाव? (Gold Price Prediction)
सोने की मौजूदा रफ्तार को देखते हुए अब सभी की निगाहें इसके भविष्य के सफर पर टिकी हैं। इस संबंध में, प्रमुख वैश्विक निवेश बैंक बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) ने एक चौंकाने वाला अनुमान जारी किया है। BofA के मुताबिक, अगले 12 महीनों के भीतर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव $4,000 प्रति औंस तक पहुंच सकता है!
इस आंकड़े को भारतीय रुपये में बदलें तो यह और भी अविश्वसनीय लगता है। अगर आज के डॉलर-रुपये एक्सचेंज रेट के हिसाब से देखें, तो $4,000 प्रति औंस का मतलब होगा भारत में प्रति 10 ग्राम सोने का भाव ₹1,23,214 रुपये से भी अधिक! यह मौजूदा भाव से एक बड़ी छलांग होगी। बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि साल के अंत (2025 के आखिर) तक सोना $3,700 प्रति ट्रॉय औंस और 2026 के मध्य (mid-2026) तक $4,000 के स्तर को छू सकता है।
कुल मिलाकर, सोने की कीमतों में मौजूदा उछाल वैश्विक अस्थिरता, आर्थिक संकेतों और बढ़ती मांग का सीधा परिणाम है। जबकि यह तेजी निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकती है, आम उपभोक्ताओं के लिए इसने चिंता बढ़ा दी है। अगर बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान सही साबित होता है, तो आने वाले 12 महीने सोने के बाजार के लिए बेहद रोमांचक और ऐतिहासिक साबित हो सकते हैं, लेकिन साथ ही आम आदमी की पहुंच से सोना और भी दूर हो जाएगा। सोने का यह नया रिकॉर्ड भाव और भविष्य की ये भविष्यवाणियां दर्शाती हैं कि सोने का बाजार अभी खबरों में बना रहेगा और इसकी चाल पर सबकी नजर रहेगी।