Gold Price : अगर आप सोने में निवेश करने का मन बना रहे हैं या बस यह जानने में दिलचस्पी रखते हैं कि भविष्य में सोने का भाव क्या रहने वाला है, तो यह खबर आपके लिए है! सोना हमेशा से भारतीयों के लिए निवेश और बचत का एक पसंदीदा और भरोसेमंद जरिया रहा है। आर्थिक उतार-चढ़ाव के दौर में इसे ‘सुरक्षित निवेश’ (Safe Haven) माना जाता है। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि आने वाले समय में, खासकर अगले 5 सालों में सोने का भाव क्या रहेगा और 10 ग्राम सोने की कीमत कहाँ तक पहुँच सकती है।
बाजार के जानकारों और वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि आज से अगले 5 सालों में सोने की कीमतों में अच्छी खासी तेजी देखने को मिल सकती है। कई फैक्टर्स ऐसे हैं जो सोने के दाम को ऊपर ले जाने का काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
क्यों बढ़ सकते हैं सोने के दाम?
सोने की कीमतों पर कई चीजों का असर पड़ता है, जैसे:
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महंगाई (Inflation): जब चीजों के दाम बढ़ते हैं और पैसे की खरीद शक्ति कम होती है, तो लोग सोने में निवेश करते हैं क्योंकि इसे महंगाई के खिलाफ बचाव माना जाता है।
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आर्थिक अनिश्चितता (Economic Uncertainty): दुनिया भर में जब आर्थिक हालात स्थिर नहीं होते, मंदी का डर होता है, तो निवेशक शेयर बाजार या दूसरी risky संपत्तियों से पैसा निकालकर सोने में लगाते हैं।
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भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tensions): देशों के बीच तनाव या युद्ध जैसी स्थिति होने पर सोने को सुरक्षित माना जाता है और इसकी डिमांड बढ़ जाती है।
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सेंट्रल बैंकों की खरीद (Central Bank Buying): कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने रिजर्व में सोना खरीद रहे हैं, जिससे इसकी डिमांड बनी रहती है।
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ब्याज दरें (Interest Rates): जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो लोग फिक्स्ड डिपॉजिट या बॉन्ड से हटकर सोने जैसे विकल्पों में निवेश करने लगते हैं।
इन सभी फैक्टर्स को देखते हुए, विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 5 सालों में 10 ग्राम सोने का भाव मौजूदा स्तर से काफी ऊपर जा सकता है। कुछ अनुमान तो यह भी लगाते हैं कि यह ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के स्तर को भी पार कर सकता है!
हालांकि, यह सिर्फ अनुमान हैं और बाजार की परिस्थितियाँ कभी भी बदल सकती हैं। लेकिन ज्यादातर एक्सपर्ट्स लंबी अवधि में सोने को लेकर पॉजिटिव दिख रहे हैं।
तो अगर आप लंबी अवधि के निवेश की सोच रहे हैं, तो सोने पर विचार कर सकते हैं। लेकिन याद रखें, किसी भी निवेश से पहले पूरी रिसर्च ज़रूर करें और चाहें तो किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह भी ले लें।