Gold Price: सोने के दामों में आई बेहिसाब और ऐतिहासिक तेजी (Historic Rise in Gold Price) ने न केवल आम ग्राहकों और ज्वैलरी खरीदारों, बल्कि बड़े-बड़े निवेशकों (Investors) और बाजार विशेषज्ञों को भी हैरान कर दिया है। जिस रफ्तार से सोने का भाव (Gold Rate) ऊपर चढ़ रहा है, उसे देखकर लग रहा है जैसे सोने के दाम गिरने (Gold Price Fall) वाली पिछली सारी भविष्यवाणियां (Gold Price Prediction) धरी की धरी रह गई हैं। सोना तो जैसे रातों-रात एक झटके में ही आसमान पर पहुंच गया है, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। पिछले कई दिनों से ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम (₹1 Lakh Gold) के जादुई आंकड़े के आसपास मंडरा रहा सोना, अब उसे पार कर चुका है और एक नया रिकॉर्ड (Gold Record High) बना दिया है।
आखिर क्यों लगी है सोने के दाम में अचानक आग?
सोने के भाव (Sone ka Bhav) में इस विस्फोटक उछाल के पीछे कई बड़े कारण बताए जा रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख और तात्कालिक कारण है मध्य पूर्व में बढ़ता हुआ भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tension)। इजराइल और ईरान के बीच सीधे सैन्य टकराव (Israel-Iran Conflict) ने वैश्विक अनिश्चितता (Global Uncertainty) को एकदम से बढ़ा दिया है। जब भी दुनिया में इस तरह का संकट आता है, तो निवेशक हमेशा डॉलर (USD) या बॉन्ड (Bonds) जैसे पारंपरिक विकल्पों से हटकर सोने जैसे ‘सुरक्षित निवेश विकल्प’ (Safe Haven Asset) की ओर भागते हैं। इस ‘डर’ और अनिश्चितता के माहौल ने सोने की मांग (Gold Demand) को अचानक बढ़ा दिया है, जिससे कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। बाजार विश्लेषकों (Market Analysts) का मानना है कि सोने की कीमतों में यह अचानक और तेज वृद्धि सीधे तौर पर मध्य पूर्व के मौजूदा हालात का नतीजा है।
सोने के दाम बढ़ने का दूसरा बड़ा कारण:
सोने के दाम (Gold Price) बढ़ने का एक और स्थायी कारण अमेरिका और चीन (US-China Trade War) के बीच जारी ‘ट्रेड वॉर’ और अन्य आर्थिक संघर्ष (Economic Conflict) हैं। दो बड़ी वैश्विक शक्तियों के बीच यह तनाव वैश्विक व्यापार (Global Trade) और अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम पैदा करता है। निवेशक ऐसे जोखिम भरे माहौल में शेयर बाजारों (Stock Market) और अन्य संपत्तियों से पैसा निकालकर सोने में लगाना पसंद करते हैं, क्योंकि इसे संकट के समय में मूल्य का विश्वसनीय भंडार (Store of Value) माना जाता है। जब तक अमेरिका और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण रहेंगे, ‘ट्रेड वॉर’ की चिंताएं बनी रहेंगी, जो सोने की कीमतों को लगातार सहारा देती रहेंगी। यह एक दीर्घकालिक कारण (Long Term Factor) है जो सोने की रैली में योगदान दे रहा है।
क्या चल रहा है सोने का भाव? MCX का लेटेस्ट रेट:
आइए जानते हैं शुक्रवार को भारतीय वायदा बाजार, एमसीएक्स (MCX Gold) पर सोने का भाव क्या रहा और कैसे इसने इतिहास रचा। एमसीएक्स पर सोने का वायदा भाव (Gold Futures) पहली बार ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक आंकड़े को पार कर गया! इसने ₹100681 प्रति 10 ग्राम का एक नया सर्वकालिक उच्च स्तर (All-Time High – ATH) छुआ, जो भारतीय सोने के बाजार (Indian Gold Market) के लिए एक मील का पत्थर है। शुक्रवार को सुबह बाजार ₹99500 पर खुला था, जो पिछले बंद भाव ₹99358 से काफी ऊपर था। यानी दिन की शुरुआत ही एक नए रिकॉर्ड के साथ हुई थी। दिन भर की उठापटक के बाद, कारोबार के अंत में, सोना ₹100314 के स्तर पर बंद हुआ, जो इसकी मजबूत तेजी को दर्शाता है। अब वीकेंड होने के कारण एमसीएक्स पर सोने का कारोबार दो दिनों के लिए बंद रहेगा, लेकिन इस रिकॉर्ड स्तर पर बंद होना यह बताता है कि तेजी का माहौल बना हुआ है।
अगले दो महीने में कहां तक जाएगा सोने का भाव? चौंकाने वाला अनुमान!
सोने की इस बेकाबू दौड़ को देखते हुए अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि यह रैली कहां जाकर रुकेगी और सोने का भाव (Sone ka Dam) अगले कुछ महीनों में कहां तक जा सकता है? इस पर सर्राफा बाजार (Bullion Market) के विशेषज्ञों की राय क्या है? प्रमुख सर्राफा कारोबारी राहुल सोनी का मानना है कि इजराइल के हालिया हमलों के बाद मध्य पूर्व (Middle East) में आई अचानक हलचल बेहद महत्वपूर्ण है और यही सोने की आगे की चाल तय करेगी। उनके अनुसार, सोने का भविष्य काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि यह संघर्ष किस दिशा में जाता है और डॉलर (USD), कच्चे तेल (Crude Oil) और वैश्विक बाजारों (Global Markets) पर इसका क्या असर पड़ता है।
उनका चौंकाने वाला अनुमान है कि अगर यह युद्ध लंबा खिंचता है और इसमें अन्य देश भी सीधे तौर पर शामिल होते हैं, जिससे भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ता है, तो अगले दो महीनों के भीतर ही सोना ‘सातवें आसमान’ पर पहुंच सकता है! उनका मानना है कि इस स्थिति में सोने के दाम (Gold Rate Prediction) ₹1 लाख 10 हजार प्रति 10 ग्राम (₹1,10,000) तक जा सकते हैं। यह अनुमान मौजूदा भाव से काफी ऊपर है और दिखाता है कि वैश्विक हालात सोने की कीमतों को अप्रत्याशित ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।
कुल मिलाकर, सोने की मौजूदा तेजी वैश्विक अस्थिरता और आर्थिक चिंताओं का सीधा परिणाम है। जहां यह निवेशकों के लिए अल्पकालिक लाभ का अवसर हो सकता है, वहीं आम ग्राहकों के लिए इसने सोने को खरीदना और भी मुश्किल बना दिया है। राहुल सोनी जैसे विशेषज्ञों के अनुमान बताते हैं कि अगर वैश्विक परिस्थितियां नहीं सुधरतीं, तो सोने की कीमतों में और भी बड़ी उछाल देखने को मिल सकती है। सोने का बाजार (Gold Market) फिलहाल बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रहा है और इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।