IT Return में Fake Deductions? तो हो जाइए सावधान, आयकर विभाग की रेड, 200 मामलों में बड़ी कार्रवाई

Published On: July 19, 2025
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IT Return में Fake Deductions? तो हो जाइए सावधान, आयकर विभाग की रेड, 200 मामलों में बड़ी कार्रवाई

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IT Return: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का समय आ गया है, और लाखों टैक्सपेयर्स (Taxpayers) अपने रिटर्न दाखिल भी कर चुके हैं। लेकिन इस सीज़न में एक बड़ा अलर्ट जारी हुआ है! विशेषज्ञों की सलाह है कि आप अंतिम तारीख का इंतज़ार न करें और समय रहते अपना ITR फाइल करें। इससे भी बड़ी और चिंताजनक बात यह है कि टैक्स बचाने के लिए नकली कटौतियों (Fake Deductions) का दावा करने वाले टैक्सपेयर्स के खिलाफ आयकर विभाग (Income Tax Department) अब बेहद सख़्त हो गया है। 14 जुलाई को आयकर विभाग ने इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) के विभिन्न धाराओं के तहत फर्जी डिडक्शन क्लेम (Fake Deduction Claim) करने वालों पर देशव्यापी छापेमारी की है, जिससे हड़कंप मच गया है।

फर्जीवाड़ा में मदद करने वालों पर भी गिरेगी गाज! ⚖️

आयकर विभाग ने न केवल उन टैक्सपेयर्स पर शिकंजा कसा है जिन्होंने खुद फर्जी कटौती का दावा किया है, बल्कि उन लोगों पर भी कार्रवाई की है जिन्होंने इसमें उनकी मदद की है। सूत्रों के अनुसार, कुछ मामलों में तो धारा 80GGC (Section 80GGC) के तहत किए गए फर्जी राजनीतिक चंदे (Fake Political Donations) के दावों का भी खुलासा हुआ है। इसके अलावा, कई टैक्सपेयर्स ने ट्यूशन फीस (Tuition Fees) और मेडिकल इंश्योरेंस (Medical Insurance) पर भी गलत तरीके से कटौतियों का दावा किया था। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे फर्जी दावों से टैक्स बचाने का फायदा होने के बजाय भारी नुकसान हो सकता है, जिसमें भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई भी शामिल है।

सेक्शन 80GGC: राजनीतिक चंदे का दुरुपयोग और फर्जी बिलों का खेल! 🧾

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इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 80GGC उन टैक्सपेयर्स को राहत देता है जो किसी रजिस्टर्ड पॉलिटिकल पार्टी (Registered Political Party) या इलेक्टोरल ट्रस्ट (Electoral Trust) को डोनेशन (Donation) देते हैं। इस सेक्शन के तहत, उन्हें अपने टैक्सेबल इनकम (Taxable Income) से डोनेशन की राशि घटाने की अनुमति मिलती है, जिससे उनके टैक्स का बोझ कम होता है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि कुछ टैक्सपेयर्स इस सुविधा का दुरुपयोग कर रहे हैं। वे फर्जी बिलों (Fake Bills) का इस्तेमाल करके या अनरजिस्टर्ड संस्थाओं को दिए गए डोनेशन पर भी डिडक्शन क्लेम कर रहे हैं। यह सरकार के राजस्व (Revenue) को भारी नुकसान पहुंचा रहा है और विभाग ऐसे मामलों को गंभीरता से ले रहा है।

200 फर्जी मामलों की पहचान के बाद हुई छापेमारी: क्या आपने भी किया ऐसा? 🚨

आयकर विभाग ऐसे करदाताओं, उनके अकाउंटेंट्स (Accountants) और बिचौलियों (Intermediaries) पर पैनी नज़र रखे हुए है, जिन्होंने फर्जी बिलों का सहारा लेकर गलत तरीके से टैक्स कटौती का दावा किया या ऐसे फर्जीवाड़े में सहायता की। विभाग ने ऐसे लगभग 200 मामलों की पहचान की है और उनके खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई की है। सूत्रों का कहना है कि छापेमारी से पहले, विभाग ने इन करदाताओं को संशोधित रिटर्न (Revised Return) दाखिल करने के लिए कई बार रिमाइंडर (Reminder) भी भेजे थे, लेकिन कई लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने के बाद भी नहीं मिली राहत? 🤷‍♀️

आयकर विभाग ने पाया कि निर्देशों के बावजूद, कई टैक्सपेयर्स ने संशोधित या अपडेटेड रिटर्न (Updated Return) फाइल नहीं किए। इससे यह स्पष्ट होता है कि वे अपनी गलती स्वीकार करने और उसे सुधारने के लिए तैयार नहीं थे। सूत्रों का कहना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाई आगे भी उन लोगों के खिलाफ जारी रहेगी जो फर्जी डिडक्शन क्लेम करने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि अब इनकम टैक्स विभाग ITR प्रोसेसिंग (ITR Processing) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है। ये नई टेक्नोलॉजी फर्जीवाड़े के मामलों को बहुत आसानी से पकड़ लेती है, जिससे टैक्स चोरी करने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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