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Join NowDixon Technologies: इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने वाली भारत की दिग्गज कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजीज (Dixon Technologies) ने एक ऐसा मेगा प्लान तैयार किया है जो आने वाले समय में कंपनी की पूरी तस्वीर बदल सकता है। कंपनी को उम्मीद है कि नए कंपोनेंट व्यवसाय के पूरी तरह से शुरू हो जाने के बाद वित्त वर्ष 2026 में उसके ऑपरेटिंग मार्जिन में 120-130 बेसिस पॉइंट्स (1.2% से 1.3%) की शानदार बढ़ोतरी होगी, और वित्त वर्ष 2027 में यह और भी ज़्यादा हो जाएगा। सबसे दिलचस्प बात यह है कि कंपनी यह सब अगले साल खत्म हो रही सरकारी पीएलआई (Production-Linked Incentive) स्कीम से होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई करने के बाद हासिल करने का लक्ष्य बना रही है।
तिमाही नतीजों ने किया हैरान, मोबाइल बिजनेस ने भरी तिजोरी
डिक्सन के हालिया वित्तीय परिणाम जबरदस्त रहे हैं। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (जून 2025 में समाप्त) में कंपनी के मोबाइल बिजनेस से होने वाला राजस्व सालाना आधार पर 125% बढ़कर 11,663 करोड़ रुपये हो गया, जबकि ऑपरेटिंग प्रॉफिट 131% बढ़कर 395 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। डिक्सन के कुल 12,838 करोड़ रुपये के राजस्व में अकेले मोबाइल बिजनेस का योगदान 91% रहा। हालांकि, कंपनी का EBITDA मार्जिन सालाना आधार पर 10 बेसिस पॉइंट घटकर 3.8% रह गया, लेकिन तिमाही के लिए शुद्ध लाभ दोगुना होकर 280 करोड़ रुपये हो गया, जो कंपनी की मजबूत ग्रोथ को दर्शाता है।
कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग में बड़ा कदम
डिक्सन के एमडी, अतुल लल्ल ने मंगलवार को एक अर्निंग कॉल में बताया कि कंपनी सरकार की 22,000 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत इस वित्त वर्ष के अंत तक कैमरा मॉड्यूल और डिस्प्ले असेंबली बनाना शुरू कर देगी। इसके बाद अगले वित्त वर्ष से प्रेसिजन मैकेनिकल कंपोनेंट्स का निर्माण भी शुरू किया जाएगा।
इस विस्तार के लिए डिक्सन ने एक बड़ी निवेश योजना बनाई है। वित्त वर्ष 2026 में कैमरा मॉड्यूल और डिस्प्ले असेंबली बिजनेस के लिए 750-800 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, अपने मुख्य इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) व्यवसाय में क्षमता विस्तार के लिए 300-400 करोड़ रुपये का और निवेश होगा।
चीन की कंपनी का अधिग्रहण और सरकार की मंजूरी का इंतजार
अपने कंपोनेंट बिजनेस को मजबूत करने के लिए, डिक्सन दुनिया के पांच सबसे बड़े कैमरा मॉड्यूल निर्माताओं में से एक, कुनशान क्यू-टेक माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स (Kunshan Q-Tech Microelectronics) के भारतीय परिचालन में 400 करोड़ रुपये में बहुमत हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर रही है। इसके अलावा, कंपनी ने डिस्प्ले असेंबली के लिए HKC के साथ एक संयुक्त उद्यम (Joint Venture) भी बनाया है, जिसकी फैक्ट्री अगले 45 दिनों में तैयार हो जाएगी।
हालांकि, ये संयुक्त उद्यम सौदे और अधिग्रहण फिलहाल सरकार के ‘प्रेस नोट 3’ के तहत मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। यह नियम पड़ोसी देशों, खासकर चीन से आने वाले निवेश के लिए मंत्रालयी मंजूरी को अनिवार्य बनाता है। अतुल लल्ल ने कहा कि इन सौदों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया अच्छी चल रही है।
निर्यात (Exports) में बड़ी छलांग लगाने की तैयारी
कंपनी को इस त्योहारी सीजन से पहले ऑर्डरों में 15% की क्रमिक वृद्धि की उम्मीद है, और अपने प्रमुख ग्राहक मोटोरोला (Motorola) के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में निर्यात की मात्रा में भी बड़ी वृद्धि की उम्मीद है। लल्ल ने कहा कि कंपनी एक और वैश्विक ब्रांड के लिए एक बड़े निर्यात अवसर पर भी बातचीत कर रही है।
यदि निर्यात सौदा सफल होता है, तो चालू वर्ष के लिए निर्यात पिछले वित्त वर्ष के 1600 करोड़ रुपये से बढ़कर 7000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। लल्ल ने वित्त वर्ष 27 तक 11,000 करोड़ रुपये के निर्यात का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। कंपनी ने अफ्रीका में भी निर्यात शुरू कर दिया है, जहां उसे लागत लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम होने के कारण एक बड़ा अवसर दिख रहा है।
विदेशी विशेषज्ञों को टीम में किया शामिल
जैसे-जैसे कंपनी आक्रामक रूप से नई श्रेणियों में विस्तार कर रही है, डिक्सन अपनी टॉप मैनेजमेंट टीम में भी और प्रतिभाओं को शामिल कर रही है। कंपनी ने रणनीति और डिजिटल परिवर्तन के लिए एक उपाध्यक्ष और कंपोनेंट व्यवसाय का नेतृत्व करने के लिए एक अन्य शीर्ष कार्यकारी को नियुक्त किया है। लल्ल ने कहा, “हमने अपने डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस का नेतृत्व करने के लिए ताइवान से एक विशेषज्ञ और वॉशिंग मशीन और अप्लायंसेज के लिए हमारी R&D का नेतृत्व करने के लिए एक कोरियाई विशेषज्ञ को काम पर रखा है।”