Dearness Allowance : कोविड महामारी (COVID-19 Pandemic) ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं (Global Economy) को बुरी तरह प्रभावित किया था, और भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। इस मुश्किल दौर में, केंद्र सरकार ने देश की आर्थिक स्थिति (Economic Situation) को संभालने के लिए कई कदम उठाए थे। इन्हीं में से एक कदम था केंद्रीय सरकार के लाखों कर्मचारियों (Central Government Employees) और पेंशनभोगियों (Pensioners) को मिलने वाले महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) और महंगाई राहत (Dearness Relief – DR) के भुगतान पर 18 महीने की रोक लगाना। यह रोक जनवरी 2020 से जून 2021 तक प्रभावी रही, जिससे कर्मचारियों का एक बड़ा बकाया (DA Outstanding) जमा हो गया। अब, जब आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है, केंद्रीय कर्मचारी संगठन (Employee Unions) और पेंशनर एसोसिएशन (Pensioner Associations) लगातार इस रुके हुए बकाया (DA Arrears) की बहाली और जल्द भुगतान की मांग कर रहे हैं। वे सरकार पर इस मुद्दे को प्राथमिकता देने का दबाव बना रहे हैं, क्योंकि यह राशि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए काफी मायने रखती है।
18 महीने के DA एरियर के भुगतान की मांग: कर्मचारियों ने उठाया मुद्दा
हाल ही में, राष्ट्रीय परिषद (संयुक्त सलाहकार तंत्र – JCM) की स्थायी समिति (Standing Committee) की 63वीं बैठक (63rd Meeting) आयोजित की गई। इस बैठक में केंद्र सरकार के कर्मचारियों (Central Govt Employees) से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। इन चर्चाओं में सबसे प्रमुख मुद्दा था कोविड-19 महामारी के दौरान रोके गए 18 महीने के महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) के बकाया (Arrear Payment) का भुगतान। बैठक में कर्मचारी पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ कर्मचारी नेताओं जैसे शिवगोपाल मिश्रा (Shiv Gopal Mishra) और एम. राघवैया (M. Raghaviah) ने कर्मचारियों की इस पुरानी और महत्वपूर्ण मांग (Demand for DA arrears) को एक बार फिर पूरी मजबूती के साथ सरकार के सामने रखा। उन्होंने तर्क दिया कि महंगाई लगातार बढ़ रही है (Inflation in India) और कर्मचारियों का यह बकाया भुगतान उन्हें मौजूदा आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगा।
18 महीने के DA एरियर पर सरकार का रुख: वित्तीय स्थिति बनी बाधा
हालांकि, कर्मचारियों की इस मांग पर वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) का रुख अभी भी स्पष्ट है, लेकिन कर्मचारियों के लिए शायद बहुत उत्साहजनक नहीं। मंत्रालय ने बैठक में अपनी पुरानी बात ही दोहराई। वित्त मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) की वजह से देश की आर्थिक स्थिति (Economic Condition) बुरी तरह प्रभावित हुई थी, और सरकार को बड़े पैमाने पर वित्तीय चुनौतियों (Financial Challenges) का सामना करना पड़ा। सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं (Government Welfare Schemes) पर भारी खर्च का बोझ फाइनेंशियल ईयर 2020-21 (Financial Year 2020-21) के बाद भी महसूस किया गया। इन परिस्थितियों को देखते हुए, वित्त मंत्रालय का कहना है कि 18 महीने के DA/DR एरियर (DA DR Arrear) का एकमुश्त भुगतान (One-time Payment) करना फिलहाल सरकार के लिए वित्तीय रूप से संभव नहीं है। इस बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि कर्मचारियों की DA बकाया भुगतान की उम्मीदें फिलहाल शायद पूरी न हों।
8वें वेतन आयोग पर भी हुई महत्वपूर्ण चर्चा: गठन की प्रक्रिया जारी
बैठक में सिर्फ DA एरियर ही नहीं, बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों के भविष्य के वेतन (Salary) और पेंशन (Pension) ढांचे को निर्धारित करने वाले 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के गठन (Formation of 8th Pay Commission) पर भी विस्तार से बातचीत हुई। कर्मचारी प्रतिनिधियों ने सरकार से आग्रह किया कि 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के अध्यक्ष (Chairman) और सदस्यों (Members) की नियुक्ति (Appointment of Members) जल्द से जल्द की जाए और उसके रेफरेंस टर्म (Terms of Reference – ToR) भी शीघ्र जारी किए जाएं ताकि आयोग अपनी सिफारिशें (Recommendations) तैयार करने का काम शुरू कर सके। कर्मचारी चाहते हैं कि आयोग जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट (Pay Commission Report) सौंपे।
सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर सकारात्मक जवाब दिया। सरकार ने बताया कि आयोग के कुछ सदस्यों की नियुक्ति के लिए अधिसूचना (Notification) पहले ही जारी की जा चुकी है, और बाकी सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया (Appointment Process) अभी चल रही है। केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी उम्मीद है कि 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 (Effective from Jan 1, 2026) से लागू होंगी। कर्मचारी संघों (Employee Unions) ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि आयोग की रिपोर्ट लागू होने में किसी भी कारण से देरी होती है, तो कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बकाया (Arrears) के साथ भुगतान किया जाना चाहिए। यह मांग सुनिश्चित करती है कि विलंब होने पर भी कर्मचारियों को उनका हक मिले।
कर्मचारी बीमा योजना (CGEGIS) का प्रस्ताव भी किया गया पेश
बैठक में चर्चा किया गया एक और अहम मुद्दा सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉई ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम (Central Government Employees Group Insurance Scheme – CGEGIS) से संबंधित था। यह योजना केंद्रीय कर्मचारियों (Central Employees) को सेवाकाल के दौरान और सेवानिवृत्ति (Retirement) के बाद कुछ बीमा लाभ (Insurance Benefits) प्रदान करती है। व्यय विभाग (Department of Expenditure) के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने इस इंश्योरेंस स्कीम (CGEGIS Scheme) को लेकर एक नया प्रस्ताव (New Proposal) तैयार किया है। विभाग ने आश्वस्त किया कि इस प्रस्ताव को जल्द ही कर्मचारी पक्ष (Employee Side) के प्रतिनिधियों के साथ साझा किया जाएगा ताकि वे इसका अध्ययन कर सकें और इस पर अपनी राय (Feedback) और सुझाव (Suggestions) दे सकें। यह कदम दिखाता है कि सरकार कर्मचारियों के कल्याण (Employee Welfare) से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी ध्यान दे रही है।
कुल मिलाकर, राष्ट्रीय परिषद की इस बैठक से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों से जुड़े दो सबसे बड़े मुद्दों, DA एरियर (DA Arrears Latest News) और 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission Latest Update), पर सरकार का वर्तमान रुख स्पष्ट हुआ है। जहां 18 महीने के DA एरियर भुगतान पर फिलहाल वित्तीय बाधाएं बताई गई हैं, वहीं 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू होने से कर्मचारियों को भविष्य में वेतन वृद्धि (Salary Hike) और बेहतर वित्तीय लाभों (Financial Benefits) की उम्मीद बंधी है। कर्मचारी संगठन इन मुद्दों पर अपनी पैरवी जारी रखेंगे और सरकार के अंतिम निर्णय का इंतजार करेंगे।