DA Hike : सरकारी कर्मचारियों की उम्मीदों को लग सकता है झटका! क्या इस बार नहीं बढ़ेगा महंगाई भत्ता (DA)? जानें पूरी वजह

Published On: April 24, 2025
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DA Hike
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DA Hike : केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी, जो हर छह महीने में महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) में बढ़ोतरी का इंतज़ार करते हैं, उनके लिए शायद इस बार थोड़ी निराशाजनक खबर है। चारों ओर ऐसी चर्चा है कि अगली बार DA में शायद कोई बढ़ोतरी न हो, या अगर हुई भी तो नाम मात्र की! पिछली बार जब DA बढ़कर 50% (शून्य होने के बाद गणना नए सिरे से शुरू हुई, इसलिए 50% के बाद 4% बढ़कर 54% हुआ था, लेख में 55% का उल्लेख है, उसे ही मानकर चल रहे हैं) हुआ था, तो कई उम्मीदें जगी थीं। लेकिन अब कुछ ऐसे संकेत मिल रहे हैं जो चिंता बढ़ा रहे हैं।

यह खबर इसलिए भी अहम है क्योंकि यह 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत होने वाला शायद आखिरी DA रिवीजन हो सकता है। यह वेतन आयोग साल 2025 के अंत में अपने 10 साल पूरे कर रहा है। तो आखिर ऐसा क्या हो रहा है कि DA पर ब्रेक लगने की बात हो रही है? आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं।

सबसे पहले, ये महंगाई भत्ता (DA) आखिर है क्या बला?

सीधे शब्दों में कहें तो DA सरकार की तरफ से अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बढ़ती महंगाई की मार से बचाने के लिए दिया जाने वाला एक भत्ता है। जैसे-जैसे चीज़ों के दाम बढ़ते हैं, आपकी सैलरी या पेंशन की खरीदने की ताकत (Purchasing Power) कम न हो, इसलिए सरकार इसे समय-समय पर बढ़ाती है। यह भत्ता साल में दो बार (आमतौर पर जनवरी और जुलाई से लागू होता है) रिवाइज किया जाता है।

तो इस बार DA क्यों नहीं बढ़ सकता? क्या हैं कारण?

DA कितना बढ़ेगा, यह एक खास सरकारी आंकड़े पर निर्भर करता है, जिसे AICPI-IW (अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक – औद्योगिक श्रमिक) कहते हैं। इसे श्रम ब्यूरो (Labour Bureau) जारी करता है। यह आंकड़ा बताता है कि औद्योगिक मजदूरों के लिए औसतन महंगाई कितनी बढ़ी या घटी है।

  • गिरता हुआ महंगाई मीटर: हाल के महीनों (खासकर 2025 की शुरुआत में – नोट: लेख में दिए गए वर्ष के अनुसार) में यह AICPI-IW इंडेक्स लगातार नीचे आया है। फरवरी 2025 में यह 142.8 अंक पर था, जो जनवरी के 143.2 से कम है।

  • कम होती महंगाई दर: जब यह इंडेक्स गिरता है, तो इसका मतलब है कि महंगाई बढ़ने की रफ्तार कम हो रही है। साल-दर-साल महंगाई दर भी फरवरी 2025 में घटकर 2.59% रह गई, जो पिछले साल इसी महीने 4.90% थी। खुदरा महंगाई (CPI) भी मार्च में पांच साल के निचले स्तर पर आ गई।

  • फॉर्मूले का फेर: DA की गणना पिछले 12 महीनों के AICPI-IW के औसत के आधार पर एक तय फॉर्मूले से होती है। अगर इंडेक्स के आंकड़े लगातार कम आते रहेंगे, तो फॉर्मूले के हिसाब से DA में बढ़ोतरी बहुत कम या शून्य भी हो सकती है।

क्या कहता है DA कैलकुलेशन का फॉर्मूला? (संक्षेप में)

पहले DA की गणना 2001 को आधार वर्ष मानकर होती थी, लेकिन सितंबर 2020 से इसे बदलकर 2016 को आधार वर्ष कर दिया गया है। नया फॉर्मूला कुछ इस तरह है:

DA % = [(पिछले 12 महीनों के AICPI-IW का औसत (बेस 2016=100) – 261.4) / 261.4] * 100

(यहां 261.4 सातवें वेतन आयोग द्वारा निर्धारित एक आधार सूचकांक है)। अगर औसत इंडेक्स में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होती है, तो DA प्रतिशत भी नहीं बढ़ेगा।

कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर क्या होगा असर?

अगर DA में उम्मीद के मुताबिक बढ़ोतरी नहीं होती है, तो इसका सीधा असर करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की जेब पर पड़ेगा।

  • कर्मचारी: उनकी महीने की सैलरी में उतनी वृद्धि नहीं होगी जितनी वे महंगाई को देखते हुए उम्मीद कर रहे थे। इससे उनके बजट पर असर पड़ सकता है।

  • पेंशनभोगी: पेंशनभोगियों के लिए DA उनकी मासिक आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसमें वृद्धि न होने से उन्हें बढ़ती महंगाई में गुजारा करने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है।

तो कुल मिलाकर, गिरती महंगाई दर (जो वैसे आम जनता के लिए राहत की बात है) इस बार सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के DA में बढ़ोतरी की उम्मीदों पर पानी फेर सकती है। अगर आने वाले महीनों में AICPI-IW के आंकड़ों में सुधार नहीं होता है, तो जुलाई 2025 से लागू होने वाले DA में बहुत कम या शून्य वृद्धि देखने को मिल सकती है। सबकी निगाहें अब आने वाले महीनों के महंगाई आंकड़ों पर टिकी हैं।

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