CIBIL Score : लोन चाहिए? पर CIBIL Score रास्ते का रोड़ा बन गया है? घबराएं नहीं! इन 6 आसान तरीकों से अपनाएं और अपना स्कोर सुधारें

Published On: April 24, 2025
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CIBIL Score
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CIBIL Score : कभी ऐसा हुआ है कि आपने बड़े अरमानों से होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन के लिए अप्लाई किया हो, और बैंक ने ‘सॉरी’ कह दिया हो? वजह? आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score)! जी हाँ, ये तीन अंकों का नंबर (300 से 900 के बीच) आजकल आपकी फाइनेंशियल ज़िंदगी का ‘रिपोर्ट कार्ड’ बन गया है।

यही स्कोर तय करता है कि बैंक आपको लोन देगा या नहीं, और अगर देगा भी, तो ब्याज कितना वसूलेगा। सोचिए, ये स्कोर आपकी लोन चुकाने की पुरानी आदतों, क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल और दूसरे लेन-देन का पूरा हिसाब-किताब रखता है। एक अच्छा सिबिल स्कोर (आमतौर पर 750 या उससे ज़्यादा) न सिर्फ लोन मिलने के दरवाज़े खोलता है, बल्कि आपको कम ब्याज दर दिलाने में भी मदद करता है।

लेकिन अगर आपका स्कोर खराब है और लोन मिलने में दिक्कत आ रही है, तो चिंता करने की ज़रूरत नहीं है! थोड़ी सी समझदारी और अनुशासन से आप इसे ठीक कर सकते हैं। आइए जानते हैं वो 6 असरदार तरीके जिनसे आप अपना बिगड़ा हुआ सिबिल स्कोर सुधार सकते हैं:

1. EMI और क्रेडिट कार्ड बिल? इन्हें हल्के में न लें, टाइम पर चुकाएं!

  • क्यों ज़रूरी: आपके स्कोर का लगभग 35% हिस्सा इसी बात पर निर्भर करता है कि आप अपने बिल और EMI समय पर चुकाते हैं या नहीं। देर से पेमेंट मतलब स्कोर पर सीधी चोट!

  • क्या करें:

    • हमेशा अपनी ड्यू डेट से पहले भुगतान करने की आदत डालें। कैलेंडर में रिमाइंडर लगाएं या बैंक में ऑटो-पे (Auto-Pay) सेट कर दें ताकि पैसा अपने आप कट जाए।

    • अगर कभी मुश्किल हो और पेमेंट में देरी होने वाली हो, तो चुप न बैठें। तुरंत अपने बैंक या लोन देने वाली कंपनी से बात करें और कोई समाधान निकालने की कोशिश करें। इससे आप डिफॉल्टर बनने से बच सकते हैं।

2. क्रेडिट कार्ड की लिमिट पूरी इस्तेमाल करने से बचें! (CUR कम रखें)

  • क्या है ये बला (CUR)? क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (CUR) का मतलब है कि आपको मिली हुई कुल क्रेडिट लिमिट (जैसे क्रेडिट कार्ड पर ₹1 लाख की लिमिट) में से आप कितना इस्तेमाल कर रहे हैं। यह आपके स्कोर का करीब 30% हिस्सा तय करता है।

  • गोल्डन रूल: कोशिश करें कि आप अपनी कुल क्रेडिट लिमिट का 30% से ज़्यादा इस्तेमाल न करें

  • उदाहरण: अगर आपके कार्ड की लिमिट ₹1 लाख है, तो कोशिश करें कि आपका बकाया बिल ₹30,000 से ज़्यादा न हो।

  • अगर खर्च ज़्यादा है? अगर आपका खर्च ज़्यादा रहता है, तो फिजूलखर्ची कम करें। या फिर, अपने बैंक से क्रेडिट लिमिट बढ़ाने का अनुरोध करें (लेकिन लिमिट बढ़ने पर भी खर्च 30% के अंदर रखने की कोशिश करें)।

3. अपनी क्रेडिट रिपोर्ट पर नज़र रखें – कहीं कोई गलती तो नहीं?

  • क्यों ज़रूरी: कई बार क्रेडिट रिपोर्ट में गलतियां हो सकती हैं (जैसे कोई लोन दिखा रहा हो जो आपने लिया ही नहीं, या कोई पेमेंट अपडेट न हुआ हो)। इन गलतियों से आपका स्कोर बेवजह खराब हो सकता है।

  • क्या करें: साल में कम से कम एक बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट ज़रूर चेक करें। आप CIBIL की वेबसाइट या अन्य अधिकृत एजेंसियों से मुफ्त में रिपोर्ट पा सकते हैं। गलती दिखे तो तुरंत उसे ठीक करवाने के लिए रिपोर्ट करें।

4. बार-बार लोन के लिए अप्लाई करने से बचें!

  • क्यों ज़रूरी: जब भी आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है, जिसे ‘हार्ड इन्क्वायरी’ कहते हैं। बहुत सारी हार्ड इन्क्वायरी कम समय में होने से आपका स्कोर थोड़ा कम हो सकता है। यह दिखाता है कि आप शायद क्रेडिट के लिए बहुत उतावले हैं।

  • क्या करें: लोन लेने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें। सिर्फ वहीं अप्लाई करें जहाँ आपके लोन अप्रूव होने की संभावना ज़्यादा हो। एक साथ कई बैंकों में अप्लाई करने से बचें।

5. थोड़ा क्रेडिट मिक्स अच्छा है, पर संभालकर!

  • मतलब क्या है? आपके पास अलग-अलग तरह के लोन (जैसे सिक्योर्ड लोन – होम लोन, कार लोन और अनसिक्योर्ड लोन – पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड) का मिश्रण होना सकारात्मक माना जाता है। यह दिखाता है कि आप विभिन्न प्रकार के क्रेडिट को जिम्मेदारी से संभाल सकते हैं।

  • सावधानी: इसका मतलब यह नहीं है कि स्कोर सुधारने के लिए आप बेवजह लोन ले लें! सिर्फ वही लोन लें जिसकी आपको वाकई ज़रूरत हो और जिसे आप आसानी से चुका सकें।

6. पुराने, बिना इस्तेमाल वाले क्रेडिट कार्ड बंद न करें (अगर फीस नहीं है तो!)

  • क्यों ज़रूरी: आपके क्रेडिट खाते जितने पुराने होते हैं, आपकी क्रेडिट हिस्ट्री उतनी लंबी और अच्छी मानी जाती है। अगर आपके पास कोई पुराना क्रेडिट कार्ड है जिसे आप इस्तेमाल नहीं करते और उस पर कोई सालाना फीस नहीं है, तो उसे बंद करने से बचें।

  • नुकसान: पुराना खाता बंद करने से आपकी औसत क्रेडिट हिस्ट्री की लंबाई कम हो सकती है और आपकी कुल उपलब्ध क्रेडिट लिमिट भी घट सकती है (जिससे आपका CUR बढ़ सकता है), जो दोनों ही स्कोर के लिए नकारात्मक हैं।

आखिरी बात:

सिबिल स्कोर सुधारना एक दिन का काम नहीं है, इसमें समय और अनुशासन लगता है। लेकिन ऊपर बताए गए तरीकों को लगातार अपनाने से आप निश्चित रूप से अपने स्कोर को बेहतर बना सकते हैं और भविष्य में आसानी से लोन पा सकते हैं। हिम्मत मत हारिए, बस अपनी फाइनेंशियल आदतों पर ध्यान दीजिए!

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