Bank Locker New Rules : बैंक लॉकर में रखा आपका सामान कितना सुरक्षित है? जानिये नुकसान होने पर कितना मिलेगा हर्जाना 

Published On: May 27, 2025
Follow Us
Bank Locker New Rules : बैंक लॉकर में रखा आपका सामान कितना सुरक्षित है? जानिये नुकसान होने पर कितना मिलेगा हर्जाना 

Join WhatsApp

Join Now

Bank Locker New Rules : बैंक लॉकर में रखा आपका सामान कितना सुरक्षित है? जानिये नुकसान होने पर कितना मिलेगा हर्जाना  आजकल चोरी की बढ़ती वारदातों को देखते हुए लोग अपना कीमती सामान बैंक लॉकर में रखना ज्यादा सुरक्षित मानते हैं। खासकर सोने-चांदी के गहने और ज़रूरी कागज़ात (जैसे प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स) के लिए बैंक लॉकर लोगों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि लॉकर में रखा आपका कीमती सामान या संपत्ति कितनी सुरक्षित है और अगर कोई नुकसान हो जाए तो बैंक उसकी कितनी भरपाई करेगा? इसे लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ नए नियम तय किए हैं। आइए, इस खबर में विस्तार से जानते हैं इन नियमों के बारे में।

आरबीआई का नियम क्या कहता है?

आमतौर पर लोग बैंक लॉकर में हीरे-जवाहरात, सोना, चांदी और प्रॉपर्टी से जुड़े अहम कागज़ात ही रखते हैं। ग्राहक को लगता है कि अगर लॉकर में रखा यह कीमती सामान बाढ़, भूकंप, दंगा, आतंकवादी हमला या यहां तक कि ग्राहक की अपनी लापरवाही से चोरी या क्षतिग्रस्त हो जाए, तो बैंक इसकी पूरी भरपाई करेगा। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। आरबीआई के नियमों के मुताबिक, बैंक लॉकर में रखे सामान के लिए बैंक हर स्थिति में पूरी तरह से ज़िम्मेदार नहीं होता। बैंक केवल तभी नुकसान की भरपाई करने के लिए ज़िम्मेदार होता है जब नुकसान बैंक की अपनी लापरवाही या गलती के कारण हुआ हो।

कितना हर्जाना देता है बैंक?

बैंक वैसे तो ग्राहकों की संपत्ति और सामान को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव सावधानी बरतते हैं। प्राकृतिक आपदाओं (जैसे बाढ़, भूकंप) के मामले में बैंक चाहकर भी ज़्यादा कुछ नहीं कर पाते। हालांकि, अगर लॉकर में रखे सामान का नुकसान आग लगने, चोरी, डकैती या बैंक के कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी की वजह से होता है, तो बैंक इसकी भरपाई के लिए ज़िम्मेदार होगा। ऐसी स्थिति में, बैंक ग्राहक को लॉकर के सालाना किराए का 100 गुना तक हर्जाना देता है।

READ ALSO  7 Seater cars under 18 lakh: ₹18 लाख तक के बजट में ये 7 सीटर कारें बन सकती हैं आपकी पसंद, फैमिली संग खूब भाएगा सफर

ग्राहकों को क्या नुकसान हो सकता है?

भले ही ग्राहक ने लॉकर में करोड़ों रुपये का कीमती सामान रखा हो, लेकिन नुकसान होने पर उसे लॉकर के वार्षिक किराए का केवल 100 गुना ही हर्जाने के तौर पर मिलेगा। इसका सीधा नुकसान उन ग्राहकों को होता है जिन्होंने लॉकर में रखी संपत्ति की कीमत से कहीं कम वार्षिक किराया दिया हो और उनका ज़्यादा मूल्य का सामान क्षतिग्रस्त या चोरी हो गया हो। बता दें कि अलग-अलग बैंकों में लॉकर का सालाना किराया भी अलग-अलग होता है।

बैंक कब देता है मुआवज़ा?

जैसा कि बताया गया है, भूकंप, बाढ़ या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा के कारण लॉकर में रखे सामान को नुकसान पहुंचने या उसके गायब होने पर बैंक की कोई सीधी ज़िम्मेदारी नहीं होती। बैंक केवल तभी मुआवज़ा देता है जब नुकसान बैंक की अपनी लापरवाही, सुरक्षा में चूक, या कर्मचारियों की गलती के कारण हुआ हो। यानी, जहां बैंक की गलती साबित होती है, बैंक तभी हर्जाने के लिए जवाबदेह होता है।

बैंक पूरी भरपाई क्यों नहीं करते?

आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि बैंक लॉकर में रखे सामान की पूरी भरपाई क्यों नहीं करते? इसका सीधा सा कारण यह है कि बैंक को यह पता ही नहीं होता कि ग्राहक ने लॉकर के अंदर क्या रखा है। ग्राहक भी आमतौर पर लॉकर में रखे गए सामान की जानकारी बैंक को नहीं देते और न ही बैंक पूछते हैं। ऐसे में, जब बैंक को सामान की कीमत ही नहीं पता, तो वह पूरे नुकसान का आकलन करके उसकी भरपाई कैसे कर सकता है? इसलिए, नियमों के तहत बैंक लॉकर की पूरी कीमत का मुआवज़ा नहीं देता।

READ ALSO  8th pay commission : सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! DA बेसिक में जुड़ेगा, फिटमेंट फैक्टर लगेगा? 8वें वेतन आयोग से कितनी बढ़ेगी आपकी सैलरी, समझें पूरा गणित

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now