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Join NowAYUSH Industry: क्या आप जानते हैं? पारंपरिक चिकित्सा उद्योग (Traditional Medicine Industry) के तेजी से बदलते परिदृश्य में, आयुष निर्यात संवर्धन परिषद (AYUSHEXCIL) ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए एक महत्वपूर्ण उद्योग इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया। आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (Rastriya Ayurved Vidyapeeth) के समर्थन से आयोजित इस सत्र का शीर्षक था – “विकास को बढ़ावा देना: आयुष उद्योग के लिए MSME योजनाएं और अवसर”। इस कार्यक्रम में सरकारी और उद्योग जगत के प्रमुख नेता एक साथ आए, ताकि आयुष-केंद्रित MSMEs के लिए विकास-उन्मुख, नवाचार-संचालित रोडमैप तैयार किया जा सके।
आयुष क्षेत्र में MSMEs की महत्वपूर्ण भूमिका: भारत बनेगा ग्लोबल लीडर!
सत्र ने एक महत्वपूर्ण मोड़ पर प्रकाश डाला: भारत का आयुष क्षेत्र, जो विरासत में गहराई से निहित है, अब बड़े पैमाने पर विकास के लिए तैयार है – और यह विकास MSME गलियारे से होकर गुजरता है। निर्यात और वेलनेस टूरिज्म में क्षेत्र के बढ़ते योगदान के साथ, वक्ताओं ने गुणवत्ता आश्वासन, वैज्ञानिक सत्यापन, और आधुनिक लॉजिस्टिक्स को एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि विकास के अगले चरण को अनलॉक किया जा सके। यह वैश्विक वेलनेस बाजार में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।
मंत्रालयों का समर्थन: MSMEs को मिलेगा बढ़ावा
आयुष मंत्रालय के सलाहकार डॉ. कौस्तुभ उपाध्याय (Dr. Kousthubha Upadhyaya) ने सत्र का उद्घाटन करते हुए MSMEs की बुनियादी भूमिका पर जोर दिया, जो आयुष उद्योग की मूल्य श्रृंखला के लोकतांत्रिकरण में महत्वपूर्ण हैं – कच्चे माल की सोर्सिंग से लेकर ब्रांडेड उपभोक्ता उत्पादों तक। उनके टिप्पणियों के बाद, MSME मंत्रालय की संयुक्त सचिव अनुजा बापट (Anuja Bapat) ने एक रणनीतिक प्रस्तुति दी, जिसमें केंद्र सरकार की उन योजनाओं का खुलासा किया गया जो वित्त, डिजिटल उपकरण, और बाजार संपर्क तक पहुंच के माध्यम से आयुष-उन्मुख उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
अवसरों की मैपिंग: समुद्री हिरन का कांटा (Sea Buckthorn) और राज्य-स्तरीय प्रोत्साहन
एक उल्लेखनीय मुख्य आकर्षण राष्ट्रीय औषधीय पौधे बोर्ड (NMPB) के सीईओ, प्रोफेसर (डॉ.) महेश कुमार दाधीच (Prof. (Dr.) Mahesh Kumar Dadhich) से आया, जिन्होंने समुद्री हिरन के कांटा (Sea Buckthorn) की अप्रयुक्त व्यावसायिक क्षमता पर प्रकाश डाला – एक उच्च-ऊंचाई वाली औषधीय जड़ी-बूटी जिसके न्यूट्रास्यूटिकल्स, त्वचाविज्ञान, और कार्यात्मक खाद्य पदार्थों में अनुप्रयोग हैं। अवसर मैपिंग की इसी भावना से, छत्तीसगढ़ के निवेश आयुक्त, ऋतु सैन (Ritu Sain) ने आयुष उत्पादों के लिए विनिर्माण और प्रसंस्करण केंद्र के रूप में क्षेत्र को स्थापित करने के उद्देश्य से उभरते राज्य-स्तरीय प्रोत्साहनों को प्रस्तुत किया।
विकास के साथ मानक: आयुष MSMEs का वैश्विक रूपांतरण
लेकिन सत्र का केंद्रीय विषय स्पष्ट था: मानकों के साथ पैमाना (Scale with Standards)। आयुष मंत्रालय के सचिव, वैद्य राजेश कोटेचा (Vaidya Rajesh Kotecha), और MSME मंत्रालय के सचिव, एस.सी.एल. दास (S.C.L. Das) ने गुणवत्ता बेंचमार्क बढ़ाने और क्षेत्र में स्केलेबिलिटी सुनिश्चित करने पर दोहरे फोकस का आह्वान किया। उनकी संयुक्त दृष्टि एक व्यापक रणनीति को दर्शाती है – भारत के आयुष MSMEs को विरासत उद्यमों से वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी, नवाचार-नेतृत्व वाली फर्मों में बदलना।
आयुष क्षेत्र का आर्थिक परिवर्तन: MSMEs बनेंगे लॉन्चपैड
समग्र कल्याण समाधानों (Holistic Wellness Solutions) की बढ़ती वैश्विक मांग और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों पर नवीनीकृत नीतिगत जोर के साथ, आयुष क्षेत्र अब भारत के आर्थिक परिवर्तन में किनारे पर नहीं है। यदि स्मार्ट तरीके से उपयोग किया जाता है, तो MSMEs इस क्षेत्र के लिए लॉन्चपैड के रूप में काम कर सकते हैं – न केवल घरेलू विकास के लिए, बल्कि वैश्विक नेतृत्व के लिए भी। यह भारत की आर्थिक वृद्धि में आयुष उद्योग के योगदान को और बढ़ाएगा।