8th Pay Commission : केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का इंतज़ार लंबा होता जा रहा है, और इस देरी से उन्हें एक बड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने इसी साल जनवरी 2025 में आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी तो दे दी थी, लेकिन इसकी प्रक्रिया में अपेक्षित गति नहीं दिखाई दे रही है। एक तरफ जहाँ कर्मचारियों को वेतन वृद्धि की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर आयोग के गठन और सिफारिशों को अंतिम रूप देने में हो रही देरी चिंता का कारण बनी हुई है।
जनवरी में मंजूरी मिलने के तुरंत बाद, सरकार ने आयोग के Terms of Reference (ToR) तय करने और इसमें शामिल होने वाले संभावित सदस्यों के चयन को लेकर विभिन्न संबंधित पक्षों (stakeholders) के साथ बातचीत शुरू कर दी थी। इसका उद्देश्य जल्द से जल्द आयोग को सक्रिय करना था ताकि वह अपना काम शुरू कर सके।
हालांकि, अभी तक आयोग के अध्यक्ष (चेयरमैन) और अन्य सदस्यों के नामों की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। मीडिया में इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है। इस बीच, आयोग के सचिवालय के लिए लगभग 35 पदों को प्रतिनियुक्ति (deputation) के आधार पर भरने हेतु योग्य सरकारी कर्मचारियों से आवेदन ज़रूर मांगे गए थे। आयोग के नियमों (टीओआर) और सदस्यों की नियुक्ति को लेकर समय-समय पर खबरें आती रही हैं, पर आधिकारिक तौर पर स्थिति साफ नहीं है।
क्या 1 जनवरी 2026 की डेडलाइन पूरी हो पाएगी?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आठवां वेतन आयोग अपनी 1 जनवरी 2026 की तय समय सीमा तक लागू हो पाएगा? मई का महीना लगभग खत्म होने वाला है, और इस तारीख को आने में अब सिर्फ कुछ ही महीने (लगभग 7 महीने) बचे हैं। यह तारीख इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मौजूदा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो जाएंगी।
अभी तक की धीमी प्रगति को देखते हुए, कई विशेषज्ञ और रिपोर्ट्स मान रहे हैं कि सरकार के लिए 8वें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू करना मुश्किल होगा। पिछले वेतन आयोगों के अनुभवों से पता चलता है कि सिफारिशें मिलने के बाद उन्हें लागू करने की प्रक्रिया में सामान्य तौर पर 12 से 18 महीने का समय लग जाता है।
रिटायर होने वाले कर्मचारियों पर क्या होगा असर?
सवाल उठता है कि इस देरी का 1 जनवरी 2026 या उसके बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? अच्छी खबर यह है कि ऐसे कर्मचारियों को भी संशोधित वेतनमान का लाभ मिलेगा। यदि आयोग की सिफारिशें उनके रिटायर होने के बाद लागू होती हैं, तो भी उन्हें नए वेतनमान के अनुसार एरियर (बकाया राशि) का भुगतान किया जाएगा। ऐसा पहले भी हो चुका है; उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) को लागू होने में भी लगभग एक वर्ष की देरी हुई थी, लेकिन पात्र कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को पूरा बकाया दिया गया था।
आठवें वेतन आयोग की अब तक की स्थिति:
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16 जनवरी 2025: केंद्रीय कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी।
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मार्च 2025: सरकार ने Terms of Reference (ToR) को रक्षा, गृह, कार्मिक जैसे प्रमुख मंत्रालयों को समीक्षा के लिए भेजा।
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अप्रैल 2025 (संभावित): इस महीने तक आयोग का गठन होने की उम्मीद थी (जो अभी तक नहीं हुआ)।
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केंद्रीय बजट के बाद (इस साल): एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने संकेत दिया कि आयोग की सिफारिशों का वित्तीय असर 2026-27 के बजट में दिखेगा, जिससे जनवरी 2026 से इसे लागू करना कठिन लग रहा है।
कुल मिलाकर, जहाँ आयोग का गठन तो हो चुका है, वहीं इसकी प्रक्रिया में हो रही देरी से कर्मचारियों में अनिश्चितता है, हालांकि एरियर का प्रावधान उन लोगों के लिए एक राहत है जो तय समय सीमा के आसपास रिटायर होने वाले हैं। सभी की निगाहें अब सरकार पर टिकी हैं कि आयोग के गठन और इसकी सिफारिशों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया कब गति पकड़ेगी।