8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, 8वें वेतन आयोग से सैलरी में 40% तक का बंपर उछाल

Published On: May 27, 2025
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8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, 8वें वेतन आयोग से सैलरी में 40% तक का बंपर उछाल

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8th Pay Commission : आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर इन दिनों चर्चाएं बहुत तेज़ हैं, जिससे देश के एक करोड़ से ज़्यादा केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) और पेंशनर्स (Pensioners) के मन में उत्सुकता है कि इस बार उनकी सैलरी (Salary Hike) और पेंशन (Pension Hike) में कितनी बढ़ोतरी होगी। साथ ही, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि कुछ कर्मचारियों की ‘टेक होम सैलरी’ (Take Home Salary) में 40 प्रतिशत तक का बंपर इजाफा देखने को मिल सकता है।

सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है, और उम्मीद है कि जल्द ही इस पर कोई अगला बड़ा ऐलान भी किया जाएगा। इस आयोग का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन (Salary), पेंशन और अन्य भत्तों (Allowances) में संशोधन करना है, ताकि उन्हें बढ़ती महंगाई के हिसाब से उचित लाभ मिल सके। पिछले वेतन आयोगों (Pay Commissions History) के इतिहास को देखें तो हर 10 साल में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतनमान (Pay Scale) में बदलाव किया गया है।

फिलहाल, केंद्रीय कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के आधार पर सैलरी मिल रही है। इसे 2016 में लागू किया गया था और इसके तहत न्यूनतम मूल वेतन (Minimum Basic Salary) 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया था।

आठवें वेतन आयोग में कितनी बढ़ेगी सैलरी?

आठवें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएं तेज हैं, जिससे एक करोड़ से ज़्यादा पेंशनर्स और सैलरीड क्लास (Salaried Class) उत्सुक हैं कि उनकी सैलरी इस बार कितनी बढ़ेगी। पिछली बार यानी छठे वेतन आयोग (6th Pay Commission) की सिफारिशों के तहत 2006 में न्यूनतम मूल वेतन 2,750 रुपये से बढ़ाकर 7,000 रुपये किया गया था। इस बार नई सैलरी की गणना ‘फिटमेंट फैक्टर’ (Fitment Factor) के आधार पर की जाएगी। हालांकि, बढ़ोतरी को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है और मीडिया रिपोर्ट्स में अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं।

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फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?

फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) एक तरह का मल्टीप्लायर (Multiplier) है जिसका उपयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी (New Basic Salary) तय करने के लिए किया जाता है, खासकर जब कोई नया वेतन आयोग लागू होता है। यह सुनिश्चित करता है कि पुराने से नए वेतनमान संरचना (Salary Structure) में बदलाव के दौरान सभी कर्मचारियों को समान वेतन वृद्धि (Salary Hike) मिले। कर्मचारी की पुरानी बेसिक सैलरी (Old Basic Salary) को फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके ही नई बेसिक सैलरी निर्धारित की जाती है।

उदाहरण से ऐसे समझें:

उदाहरण के लिए, सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था। अगर किसी कर्मचारी की छठे वेतन आयोग के तहत बेसिक सैलरी 10,000 रुपये थी, तो सातवें वेतन आयोग में उसकी नई बेसिक सैलरी (10,000 × 2.57) = 25,700 रुपये हो गई। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर 1.92 हो सकता है। ऐसे में सवाल यह है कि फिटमेंट फैक्टर 1.92 होने पर ‘लेवल 1’ (Level 1 Employees) के तहत आने वाले कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी? 2016 में आए सातवें वेतन आयोग ने पुराने ग्रेड-पे सिस्टम (Grade Pay System) की जगह एक नया सिस्टम शुरू किया जिसे पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) कहा गया। इस सिस्टम में नौकरियों और पदों के हिसाब से सैलरी को अलग-अलग ‘लेवल’ (Levels) में बांटा गया, जो लेवल 1 से लेकर लेवल 18 तक हैं।

फिटमेंट फैक्टर को लेकर अभी आधिकारिक ऐलान नहीं

अगर (अनुमानित) फिटमेंट फैक्टर 1.92 लागू किया जाता है और मान लीजिए किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये (जो सातवें वेतन आयोग के लेवल 1 के तहत है) है, तो उसकी नई बेसिक सैलरी कुछ इस तरह बढ़ सकती है: 18,000 (मौजूदा बेसिक सैलरी) × 1.92 (संभावित फिटमेंट फैक्टर) = 34,560 रुपये (संभावित नया बेसिक वेतन)। हालांकि, आपको बता दें कि फिटमेंट फैक्टर और सैलरी का यह आंकड़ा केवल अनुमान है। अभी आठवें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर (8th Pay Commission Fitment Factor) को लेकर सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक तौर पर ऐलान नहीं किया गया है।

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वेतन आयोग का ‘लेवल’ क्या है?

सरकारी कर्मचारियों के लिए पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) में लेवल 1 सबसे निचला पद (Lowest Post) होता है, जिसमें आमतौर पर चपरासी और क्लर्क जैसे कर्मचारी शामिल होते हैं। वहीं, लेवल 18 कैबिनेट सेक्रेटरी (Cabinet Secretary) जैसे सर्वोच्च पदों (Highest Post) के लिए है। यदि फिटमेंट फैक्टर 1.92 होता है, तो लेवल 1 के कर्मचारियों को उनकी बेसिक सैलरी में लगभग 15,000 रुपये प्रति माह की वेतन वृद्धि (Salary Increment) मिल सकती है (34,560 – 18,000 = 16,560)। इसका मतलब है कि उनकी मौजूदा ‘टेक-होम’ सैलरी (Take-Home Salary) में कुल मिलाकर करीब 40 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है (यह अन्य भत्तों पर भी निर्भर करेगा)।


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