7th Pay Commission : अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। दरअसल, केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट और पेंशन नियमों (pension rules) में कुछ बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। सरकार की ओर से जारी इन नए नियमों से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए इस खबर को अंत तक ज़रूर पढ़ें।
अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो यह जानकारी सीधे तौर पर आपको प्रभावित कर सकती है। केंद्र सरकार ने हाल ही में पेंशन नियमों (pension rules) में अहम संशोधन किया है। इस बदलाव के बाद, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) में काम कर रहे ऐसे कर्मचारियों को अब सेवानिवृत्ति लाभ (retirement benefits) नहीं मिलेंगे जिन्हें अनुशासनहीनता या दुराचार के लिए उनकी सेवा से बर्खास्त या हटा दिया गया है। PSU द्वारा लिए गए ऐसे फैसलों की समीक्षा संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय करेगा।
कार्मिक मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन:
हाल ही में कार्मिक मंत्रालय (Ministry of Personnel) द्वारा केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम, 2025 को अधिसूचित किया गया है। इन नए नियमों के अनुसार, यदि कोई सरकारी कर्मचारी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) में शामिल होने के बाद किसी कदाचार (misconduct) के लिए बर्खास्त या सेवा से हटाया जाता है, तो उसे सेवानिवृत्ति (retired) के बाद मिलने वाले पेंशन और अन्य लाभ नहीं मिलेंगे। यह नया नियम, जिसे 22 मई को अधिसूचित किया गया था, स्पष्ट करता है कि PSU द्वारा की गई बर्खास्तगी या हटाने की कार्रवाई के फैसले की समीक्षा संबंधित मंत्रालय द्वारा की जाएगी। केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 में किए गए इस बदलाव से PSU में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए अब जवाबदेही (accountability) काफी बढ़ गई है।
पहले क्या था नियम?
पिछले नियमों के तहत, अगर किसी सरकारी कर्मचारी को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) में शामिल होने के बाद बर्खास्त या सेवा से हटा दिया जाता था, तब भी उसके सेवानिवृत्ति लाभों (retirement benefits) को पूरी तरह से जब्त करने की अनुमति नहीं थी। आपको बता दें कि केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 उन सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं जिनकी नियुक्ति 31 दिसंबर, 2003 को या उससे पहले हुई है। हालांकि, इसमें रेलवे कर्मचारियों, आकस्मिक या दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों और भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय वन सेवा (IFoS) के अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया है।
नोशनल इंक्रीमेंट पर कर्मचारी-हितैषी फैसला:
सरकार ने रिटायरमेंट के नियमों में सिर्फ सख्ती ही नहीं की है, बल्कि एक कर्मचारी-हितैषी फैसला भी लिया है। सरकार ने नोशनल इंक्रीमेंट (Notional Increment) को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब उन केंद्रीय कर्मचारियों को भी उनके वेतन वृद्धि (increment) का लाभ मिलेगा जो साल में दो बार आने वाली इंक्रीमेंट की तारीखों (1 जुलाई या 1 जनवरी) से ठीक एक दिन पहले, यानी 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर होते हैं। पहले, ऐसे कर्मचारी (employee) अपनी वेतन वृद्धि की तारीख पर सेवा में न होने के कारण इस इंक्रीमेंट से वंचित रह जाते थे। सरकार के इस नए फैसले से 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले हजारों कर्मचारियों को बड़ा वित्तीय लाभ मिलेगा।