RBI का बड़ा एक्शन, ₹5 लाख तक डूबे? इन 3 सहकारी बैंकों पर लगी रोक, जानिए आपके पैसे का क्या होगा?

Published On: July 13, 2025
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RBI का बड़ा एक्शन, ₹5 लाख तक डूबे? इन 3 सहकारी बैंकों पर लगी रोक, जानिए आपके पैसे का क्या होगा?

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RBI: चौंकाने वाली खबर! क्या आपका खाता इन बैंकों में है? भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 3 सहकारी बैंकों पर अचानक कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिससे लाखों ग्राहकों में हड़कंप मच गया है। 4 जुलाई, 2025 से ये बैंक अपना कारोबार बंद कर देंगे! जानिए आपके पैसे सुरक्षित रहेंगे या नहीं, और आप कितनी रकम निकाल पाएंगे। ये प्रतिबंध क्यों लगाए गए और क्या है पूरा मामला?

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35A और 56 के तहत तीन सहकारी बैंकों (Co-operative Banks) पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। इन बैंकों को 4 जुलाई, 2025 से अपना कारोबार बंद करने का आदेश दिया गया है। इस कड़े कदम से इन बैंकों के ग्राहकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। जारी की गई लिस्ट में शामिल दो बैंकों के ग्राहक सीमित रकम ही निकाल पाएंगे, जबकि एक बैंक के ग्राहकों को पैसे निकालने की बिल्कुल भी अनुमति नहीं दी गई है। यह RBI New Guideline कई ग्राहकों के लिए चिंता का विषय बन गई है।

किन बैंकों पर लगा प्रतिबंध? जानिए पूरा विवरण!

आरबीआई ने इनोवेटिव को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड (Innovative Co-operative Urban Bank Limited), दिल्लीद इंडस्ट्रियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (The Industrial Co-operative Bank Limited), गुवाहाटी, और द सहकारी बैंक लिमिटेड (Bhavani Sahakari Bank Limited), मुंबई पर 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगाए हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन बैंकों का लाइसेंस रद्द (Banks License Canceled) नहीं किया गया है, बल्कि उनकी खराब वित्तीय स्थिति (Poor Financial Condition) में सुधार होने तक उन पर अस्थायी पाबंदियां (Temporary Restrictions) लगाई गई हैं। आरबीआई (RBI) इन बैंकों की स्थिति की लगातार समीक्षा करेगा और आवश्यकतानुसार नए निर्देश जारी करेगा। यदि इन बैंकों की वित्तीय स्थिति में संतोषजनक सुधार होता है, तो इन प्रतिबंधों को हटा दिया जाएगा।

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कौन सी सेवाएं होंगी बंद? जानिए क्या है रोक!

तीन सहकारी बैंकों पर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा लगाए गए सख्त प्रतिबंधों का सीधा असर उनकी सेवाओं पर पड़ेगा। इन बैंकों को RBI की पूर्व अनुमति के बिना किसी भी तरह का नया ऋण (New Loan) देने या मौजूदा ऋणों को नवीनीकृत (Renew) करने की सख्त मनाही है। साथ ही, वे कोई नया निवेश (Invest) नहीं कर सकते हैं, न ही किसी से उधार (Borrowing) ले सकते हैं और न ही किसी अन्य वित्तीय लेन-देन (Financial Transaction) में शामिल हो सकते हैं, जिसमें नए जमा स्वीकार करना (Accepting New Deposits) भी शामिल है। वे अपनी वर्तमान देनदारियों या जिम्मेदारियों (Liabilities or Responsibilities) को पूरा करने के लिए कोई भी भुगतान करने में भी असमर्थ रहेंगे। इसके अलावा, किसी भी नए समझौते या व्यवस्था (Agreement or Arrangement) में प्रवेश करने पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। उनकी संपत्ति या संपत्तियों (Assets or Properties) को बेचने की अनुमति भी नहीं होगी। हालांकि, बैंक कुछ आवश्यक कार्यों (Essential Functions) जैसे कर्मचारियों की सैलरी (Employees Salary), किराया, बिजली बिल आदि पर खर्च कर सकते हैं। इसके अलावा, जमा के खिलाफ लोन को रीसेट (Resetting Loans Against Deposits) करने की अनुमति दी गई है।

ग्राहक कितनी रकम निकाल सकेंगे? जानिए सीमा!

RBI ने Innovative Co-operative Urban Bank Limited Delhi और The Industrial Cooperative Bank Limited Guwahati के ग्राहकों को राहत देते हुए, उन्हें अपने बैंक सेविंग्स अकाउंट (Savings Account)करंट अकाउंट (Current Account) या किसी अन्य अकाउंट से ₹35,000 तक निकालने की अनुमति दी है। हालांकि, Bhavani Sahakari Bank Limited Mumbai के ग्राहकों के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी और उन्हें फिलहाल पैसे निकालने की अनुमति नहीं है। यह महत्वपूर्ण है कि हर ग्राहक को DICGC Act 1961 के प्रावधानों के तहत अपनी जमा राशि पर ₹5 लाख तक का जमा बीमा दावा राशि (Deposit Insurance Claim Amount) प्राप्त करने का अधिकार है। यह जमा बीमा ग्राहकों को कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करता है।

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RBI ने यह कड़ा कदम क्यों उठाया? जानिए कारण!

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) ने हाल ही में इन तीन बैंकों के बोर्ड और वरिष्ठ प्रबंधन के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। यह बातचीत मुख्य रूप से बैंकों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने (Improving Operational Efficiency) के उद्देश्य से की गई थी। RBI ने यह कड़ा कदम इसलिए उठाया क्योंकि इन बैंकों ने निगरानी संबंधी चिंताओं (Supervisory Concerns) को दूर करने और सबसे महत्वपूर्ण, जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने (Protecting Depositors’ Interests) के लिए पर्याप्त और ठोस प्रयास नहीं किए थे। इन तीनों बैंकों को इस संबंध में 3 जुलाई को विशिष्ट निर्देश जारी किए गए थे। यह कदम वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और ग्राहकों के विश्वास की रक्षा के लिए उठाया गया है।

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