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Join NowKanwar Yatra: सावन का पावन महीना शुरू हो चुका है, और भक्तों की आस्था का प्रतीक ‘कावड़ यात्रा’ (Kanwar Yatra) भी ज़ोरों पर है. जहाँ एक तरफ श्रद्धालु भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कठिन यात्रा पर निकल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ, आपसी सद्भाव और भाईचारे का एक अभूतपूर्व उदाहरण देखने को मिल रहा है. मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी (All India Muslim Jamaat National President Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi) ने कावड़ यात्रियों के स्वागत के लिए एक ऐसी पहल का आह्वान किया है, जो देश भर में चर्चा का विषय बन गई है! क्या यह कदम भारत के दो प्रमुख समुदायों के बीच सौहार्द की एक नई मिसाल कायम करेगा? आइए जानते हैं मौलाना का यह ऐतिहासिक आह्वान और इसके पीछे की प्रेरणा.
‘हम फूल बरसाएंगे, पानी पिलाएंगे’: कावड़ियों के स्वागत में मुस्लिम समुदाय!
मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी, ने एक अभूतपूर्व बयान जारी करते हुए कहा कि जैसे-जैसे कावड़ यात्रा अपने मार्ग पर आगे बढ़ रही है, मुस्लिम समुदाय के लोगों को उन रास्तों पर पुष्प वर्षा (flower shower) करनी चाहिए जहाँ से यह यात्रा गुज़र रही है. उन्होंने यह भी आह्वान किया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को कांवड़ियों को पानी पिलाकर उनका स्वागत (welcome them by offering water) करना चाहिए.
मौलाना बरेलवी ने शनिवार को अपने एक बयान में कहा कि सावन का महीना और कावड़ यात्रा दोनों शुरू हो चुके हैं. “हमारी यह इच्छा है कि यह यात्रा अच्छे से संपन्न हो,” उन्होंने कहा. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इससे पहले मुहर्रम (Moharram) और बकरा ईद (Bakra Eid) जैसे मुस्लिम त्योहार भी बहुत शानदार तरीके से सम्पन्न (completed successfully) हुए थे. इस दौरान, सरकार की गाइडलाइंस का पालन करते हुए सभी लोगों ने जिम्मेदार नागरिक (responsible citizens) होने का परिचय दिया था.
पुलिस और प्रशासन की भूमिका: व्यवस्थाओं पर मौलाना की उम्मीदें
मौलाना ने मुस्लिम त्योहारों के दौरान पुलिस और प्रशासन द्वारा की गई चुस्त-दुरुस्त व्यवस्थाओं की भी सराहना की. “हमें उम्मीद है कि अब कावड़ के दिनों में भी व्यवस्थाएं अच्छी रहेंगी,” उन्होंने कहा. यह इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि कावड़ यात्रा में लंबा सफर और काफी समय लगता है. इसलिए, इस बात पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि कहीं रास्ते में कोई अप्रिय घटना न हो और कोई विवाद उत्पन्न न हो.
भाईचारे का नया मिसाल: 32 साल पुराने विवाद का समाधान और पुलिस की तारीफ़
मौलाना ने बरेली के जोगी नवादा (Jogi Nawada) के एक 32 साल पुराने विवाद (32-year-old dispute) का भी उल्लेख किया, जिसे पुलिस और प्रशासन ने सफलतापूर्वक सुलझा दिया. इस विवाद का संबंध रास्ते को लेकर दोनों समुदायों के बीच होने वाले झगड़ों से था. मौलाना ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने दोनों समुदायों से बातचीत करके एक ऐतिहासिक समझौता (historic agreement) करवाया है. उन्होंने इस विवाद को खत्म कराने में मदद करने वाले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को धन्यवाद (thanks to the police and administration officials) भी दिया.
‘अब मुसलमानों की बारी है’: भाईचारे की मिसाल पेश करने का आह्वान
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि जब मुहर्रम का जुलूस एक विवादित स्थान से निकल रहा था, तो वहां रहने वाले हिंदू भाइयों (Hindu brothers) ने न केवल पुष्प वर्षा (flower shower) की, बल्कि जुलूस में शामिल हर व्यक्ति का हार और फूल पहनाकर स्वागत (welcomed by offering garlands and flowers) किया था. उन्होंने कहा कि “अब मुसलमानों की बारी है.”
उन्होंने स्पष्ट किया कि मुसलमानों को सिर्फ एक ही जगह पर नहीं, बल्कि जिन-जिन रास्तों से कावड़ यात्राएं निकल रही हैं, उन सभी पर फूल बरसा कर स्वागत करना चाहिए और उन्हें पानी पिलाना चाहिए. यह पहल दोनों समुदायों के बीच सद्भाव (harmony) और आपसी सम्मान (mutual respect) को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह उन मूल्यों को रेखांकित करता है जो भारत को एक अद्भुत राष्ट्र बनाते हैं.