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Join NowRahul Gandhi: देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी, कांग्रेस के नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता, राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर एक बार फिर जोरदार हमला बोला है। आज, सोमवार 7 जुलाई 2025 को, राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) मार्केट में बड़े खिलाड़ियों द्वारा की जा रही ‘हेरफेर’ (manipulation) पर चुप्पी साधे हुए है, जिसके चलते अमीर और अमीर हो रहे हैं, जबकि आम निवेशक बर्बादी की कगार पर पहुँच रहे हैं।
राहुल गांधी का ‘पहले से किया गया खुलासा’ और अब SEBI की स्वीकारोक्ति!
अपने X हैंडल पर एक पोस्ट में, राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर अपनी 2024 की भविष्यवाणी को दोहराते हुए कहा, “मैंने स्पष्ट रूप से 2024 में कहा था – F&O बाजार ‘बड़े खिलाड़ियों’ का खेल का मैदान बन गया है, और छोटे निवेशकों की जेब लगातार खाली हो रही है।” उन्होंने आगे कहा कि अब SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) स्वयं स्वीकार कर रहा है कि ‘जेन स्ट्रीट’ (Jane Street) जैसी कंपनियों ने हजारों करोड़ रुपये का हेरफेर किया है। राहुल गांधी ने तीखा सवाल दागा, “आखिर SEBI इतने लंबे समय तक खामोश क्यों रहा?” यह सीधे तौर पर नियामकीय निकायों और सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाता है।
सरकार पर ‘आँखें बंद’ रखने का आरोप: ‘किसके इशारे पर PM मोदी ने चुप्पी साधी?’
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर इस खुलासे पर “आंखें मूंद लेने” का आरोप लगाया और आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या बाज़ार में और भी ऐसे खिलाड़ी हैं जो बाजार में हेरफेर (market rigging) कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “मोदी सरकार किसके इशारे पर आँखें बंद करके बैठी थी? और ऐसे कितने बड़े मगरमच्छ (big sharks) हैं जो अभी भी खुदरा निवेशकों (retail investors) का पैसा डुबो रहे हैं?” उनके आरोप सरकार की नीतियों और बाजार पर उसके नियंत्रण को लेकर एक गंभीर चिंता पैदा करते हैं।
‘अमीर और अमीर होंगे, गरीब और गरीब’ – राहुल गांधी का दोहराया हुआ मंत्र
राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में जोर देते हुए कहा, “हर मामले में यह स्पष्ट है – मोदी सरकार अमीरों को और अमीर बना रही है और आम निवेशकों को बर्बादी की ओर धकेल रही है।” यह बयान सीधे तौर पर सरकार की आर्थिक नीतियों (economic policies) और उनके कथित परिणामों को लक्षित करता है, जिसमें कहा गया है कि सरकारी नीतियां असमानता बढ़ा रही हैं। उन्होंने अपने सितंबर 24, 2024 के उस पोस्ट को भी टैग किया जिसमें उन्होंने कहा था, “अनियंत्रित F&O ट्रेडिंग 5 वर्षों में 45 गुना बढ़ गई है। 3 वर्षों में 90% छोटे निवेशकों ने ₹1.8 लाख करोड़ खो दिए हैं।”
SEBI के खुलासे का सच: जेन स्ट्रीट का बड़ा खेल और हज़ारों करोड़ का घोटाला!
इस विवाद की जड़ में SEBI द्वारा की गई एक हालिया जांच है। सोमवार, 7 जुलाई 2025 को, SEBI चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने कहा कि कैपिटल मार्केट रेगुलेटर को जेन स्ट्रीट (New York-based hedge fund) द्वारा किए गए हेरफेर जैसे “अन्य कई जोखिम नहीं दिखते”। शुक्रवार, 4 जुलाई की सुबह जारी किए गए एक आदेश में, बाजार नियामक ने जेन स्ट्रीट को इंडेक्स में हेरफेर करने का दोषी पाया। कंपनी ने कैश मार्केट, फ्यूचर्स और ऑप्शन्स बाजारों में एक साथ दांव लगाकर भारी मुनाफा कमाया था। इसके परिणामस्वरूप, SEBI ने जेन स्ट्रीट को बाजार से निलंबित (suspended) कर दिया है और उसके द्वारा कमाए गए ₹4,843 करोड़ से अधिक के मुनाफे को जब्त (impounded) कर लिया है।
जांच में यह भी पाया गया कि जनवरी 2023 से मई 2025 की जांच अवधि के दौरान जेन स्ट्रीट ने कुल ₹36,671 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया था। यह आंकड़ा भारतीय शेयर बाजार (Indian stock market) और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए मजबूत नियामक ढांचे की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
निवेशकों के लिए बड़ा झटका और सरकार पर दबाव:
राहुल गांधी के आरोपों और SEBI के खुलासे ने खुदरा निवेशकों (retail investors) के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है। F&O बाजार, जो पहले से ही अत्यधिक सट्टा और जोखिम भरा माना जाता है, में ऐसे बड़े पैमाने पर हेरफेर का सामने आना इस बाजार की कमजोरियों को उजागर करता है। यह घटना न केवल भारत में निवेशक सुरक्षा (investor protection in India) पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकारें कैसे ऐसे ‘बड़े खिलाड़ियों’ को बचाने के लिए मूक दर्शक बनी रहती हैं, जबकि आम आदमी अपने द्वारा बचाए गए पैसों को खो देता है। इस मुद्दे पर विपक्ष का बढ़ता दबाव यह संकेत देता है कि आने वाले समय में यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है, जिसका असर भारत, अमेरिका और यूके में आर्थिक पर्यवेक्षकों और निवेशकों पर भी पड़ेगा।