Electric Buses: ₹675 करोड़ की लागत से चलेगी 500 नई इलेक्ट्रिक बसें, जानें सब कुछ

Published On: June 25, 2025
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UP के इस जिले में चलेगी 500 इलेक्ट्रिक बसें, नौकरी करने वालों के लिए बड़ी राहत

Electric Buses: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के तेजी से बढ़ते औद्योगिक और शहरी क्षेत्र गौतमबुद्धनगर जिले (Gautam Buddh Nagar District) में रहने वाले और काम करने वाले लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। जिला प्रशासन ने नोएडा (Noida), ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र (Yamuna Authority Area) में 500 इलेक्ट्रिक बसों (500 Electric Buses) की व्यापक सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मंजूरी दे दी है। यह कदम क्षेत्र में प्रदूषण (Air Pollution Reduction) को कम करने, यातायात (Traffic Congestion) को सुगम बनाने और नागरिकों को आधुनिक व आरामदायक यात्रा (Comfortable Travel) का अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

बसों का वितरण और प्रारंभिक चरण (Bus Distribution and Initial Phase):

गौतमबुद्धनगर जिले (Gautam Buddh Nagar Public Transport) के तीनों प्रमुख प्राधिकरणों – नोएडा (Noida Authority), ग्रेटर नोएडा (Greater Noida Authority) और यमुना प्राधिकरण (Yamuna Expressway Industrial Development Authority – YEIDA) – के बीच इन बसों का वितरण इस प्रकार होगा:

  • नोएडा (Noida Bus Service): सर्वाधिक 300 इलेक्ट्रिक बसें (300 Electric Buses in Noida) नोएडा क्षेत्र में चलेंगी, जहाँ सबसे अधिक आबादी और वाणिज्यिक गतिविधियाँ हैं।
  • ग्रेटर नोएडा (Greater Noida Bus Service): ग्रेटर नोएडा में 100 बसें (100 Electric Buses in Greater Noida) मिलेंगी।
  • यमुना प्राधिकरण क्षेत्र (Yamuna Authority Bus Service): यमुना प्राधिकरण क्षेत्र (जेवर एयरपोर्ट और आसपास का क्षेत्र) में भी 100 बसें (100 Electric Buses in Yamuna Authority) मिलेंगी, जो इस नए विकसित क्षेत्र में कनेक्टिविटी (Connectivity for Jewar Airport Area) को मजबूत करेंगी।
    इनमें से 250 बसें नौ मीटर (9-meter E-Buses) लंबी होंगी, जिनकी यात्री क्षमता 28 यात्रियों और एक दिव्यांग यात्री की होगी। वहीं, शेष 250 बसें 12 मीटर (12-meter E-Buses) लंबी होंगी, जिनमें 36 यात्रियों (चालक व दिव्यांग यात्री को छोड़कर) के बैठने की क्षमता होगी।

सोमवार को उत्तर प्रदेश के शहरी परिवहन निदेशालय (Urban Transport Directorate UP) में इस महत्वाकांक्षी परियोजना (Project Financial Bid) का वित्तीय बिड (Financial Bid) खोला गया, जो इस प्रक्रिया का एक अहम पड़ाव है।

परियोजना लागत और संचालन मॉडल (Project Cost and Operating Model):

प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना के वित्तीय बिड (Financial Bid for 500 E-Buses) में कुल नौ कंपनियों (9 Companies Bid) ने आवेदन किया था। शुरुआती मूल्यांकन के बाद, दो कंपनियों (Two Companies Selected) को सबसे कम दर पर बसों का संचालन (Lowest Bid for Bus Operations) करने का प्रस्ताव मिला है, जो प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता (Competition and Transparency) को दर्शाता है।

  • कुल लागत (Total Project Cost): 500 इलेक्ट्रिक बसों (500 E-Buses) के संचालन और आवश्यक संसाधन (Required Resources) खरीदने पर इस परियोजना पर कुल ₹675 करोड़ (₹675 Crore Project) खर्च होंगे।
  • संचालन मॉडल (Operating Model): यह सार्वजनिक परिवहन सेवा का ग्रास कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट (GCC – Gross Cost Contract) मॉडल होगा। इसका अर्थ है कि कंपनियां प्रति किलोमीटर के हिसाब से पैसा कमाएंगी, और यात्रियों से किराया वसूलने और टिकट कलेक्शन (Ticket Collection) की जिम्मेदारी प्राधिकरण की होगी।
  • बस संचालन का लक्ष्य (Bus Operation Target): हर साल हर बस को 72,000 किलोमीटर (72,000 KM per Bus Annually) चलना होगा, जो सेवा के दायरे को सुनिश्चित करता है।
  • विशेष प्रायोजन संस्था (Special Purpose Vehicle – SPV): इस परियोजना को सफलतापूर्वक चलाने के लिए, तीनों प्राधिकरण मिलकर एक विशेष प्रायोजन संस्था (SPV for Electric Buses) बनाएंगे। यह SPV (SPV for Bus Service) इन बसों का संचालन (Bus Operations), किराया निर्धारण (Fare Fixation) और रूट निर्धारण (Route Determination) करेगा। एसपीवी (SPV Authority) को चयनित एजेंसियों से करार करने से पहले भी दरों को और कम करने (Negotiate for Lower Rates) के लिए बातचीत का मौका मिलेगा, जिससे परियोजना की लागत कम हो सके। एसपीवी बनाने का कार्य तीनों प्राधिकरण स्तर पर शुरू (SPV Formation Initiated) हो गया है, और इस परियोजना की अगुवाई नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority Lead) करेगा।

वित्तीय हिस्सेदारी और बसों की क्षमता (Financial Share and Bus Capacity):

तीनों प्राधिकरण इस परियोजना के खर्च को अपनी हिस्सेदारी के अनुपात (Proportionate Expense Sharing) में वहन करेंगे:

  • नोएडा की हिस्सेदारी (Noida’s Share): 48%
  • ग्रेटर नोएडा की हिस्सेदारी (Greater Noida’s Share): 26%
  • यमुना प्राधिकरण की हिस्सेदारी (Yamuna Authority’s Share): 26%
    तीनों प्राधिकरण इसी अनुपात में बस संचालन पर (Bus Operations Expenses) खर्च करेंगे।

बसों की क्षमता (E-Bus Capacity) भी निर्धारित की गई है:

  • नौ मीटर लंबी ई-बस (9-meter E-Bus): क्षमता 28 यात्री (28 Passengers), एक दिव्यांग यात्री (1 Disabled Passenger), और चालक।
  • 12 मीटर लंबी ई-बस (12-meter E-Bus): यात्री क्षमता चालक व दिव्यांग यात्री को छोड़कर 36 यात्रियों (36 Passengers) की होगी।

दो कंपनियों का चयन और आगे की राह (Two Companies Selected and Future Path):

वित्तीय बिड (Financial Bid) में, ट्रेवल टाइम मोबिलिटी एजेंसी (Travel Time Mobility Agency) ने सबसे कम नौ मीटर (9-meter Bus Bid) की बस को ₹54.90 प्रति किलोमीटर (₹54.90 per KM) पर चलाने का प्रस्ताव दिया। वहीं, डेलबस मोबिलिटी (Delbus Mobility) ने 12 मीटर लंबी बस (12-meter Bus Bid) को ₹67.90 प्रति किलोमीटर (₹67.90 per KM) पर चलाने का प्रस्ताव दिया।

अभी गठित होने वाली एसपीवी (Upcoming SPV Authority) को इन दरों पर बातचीत करने (Negotiate Rates) या उन्हें और कम करने का अधिकार होगा, ताकि सार्वजनिक धन (Public Funds) का अधिकतम लाभ मिल सके। तीनों प्राधिकरणों को बस संख्या के अनुपात में दरों (Proportionate Rates by Authority) और रूट पर मिलने वाले यात्रियों (Passengers on Route) से किराए (Fare Collection) का भुगतान करना होगा। यह सार्वजनिक परिवहन (Public Transport Noida) को मजबूत करेगा और गौतमबुद्धनगर (Gautam Buddh Nagar Development) को प्रदूषण मुक्त (Pollution-Free Mobility) बनाने में मदद करेगा। यह नोएडा ग्रीन मोबिलिटी (Noida Green Mobility) की दिशा में एक बड़ा कदम है।


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