Gold Price India: रिकॉर्ड तेजी के बाद अब सोने के दाम में भारी गिरावट के संकेत, जानें कब होगा फायदा?

Published On: June 17, 2025
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Gold Price India: रिकॉर्ड तेजी के बाद अब सोने के दाम में भारी गिरावट के संकेत, जानें कब होगा फायदा?

Gold Price India: पिछले कुछ समय से सोने के दाम (Gold Price India) में अप्रत्याशित उछाल देखने को मिल रहा है, जिसने आम खरीदारों और निवेशकों दोनों को हैरत में डाल दिया है। कीमतें ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को भी पार कर चुकी हैं। हालांकि, अब सोने के इस रिकॉर्डतोड़ सफर पर लगाम लगने वाली है, और विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सोने की कीमतों (Gold Rates in India) में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। एक विस्तृत रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मौजूदा कीमतों से सोना लगभग 25 प्रतिशत सस्ता (Gold Price Decline) हो जाएगा, जिससे इसके दाम गिरकर ₹77,000 प्रति 10 ग्राम (Gold Price ₹77,000) तक पहुँच सकते हैं। यह जानकारी उन सभी के लिए महत्वपूर्ण है जो सोने में निवेश (Gold Investment) करते हैं या इसे खरीदने की योजना बना रहे हैं।

सोने की तेजी पर लगेगा लगाम: सिटीबैंक की बड़ी भविष्यवाणी

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजार पर नज़र रखने वाली प्रमुख फर्म सिटीबैंक (Citibank Gold Forecast) ने एक सनसनीखेज़ अनुमान जारी किया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट (Bloomberg Report Gold) के अनुसार, सिटी रिसर्च (Citi Research) का कहना है कि आने वाले कुछ ही महीनों में सोने की कीमत 3,000 डॉलर प्रति औंस (Gold Price Per Ounce) से भी नीचे आ सकती है। यह भविष्यवाणी वैश्विक सराफा बाजार (Global Bullion Market) और भारतीय सोने के बाजार (Indian Gold Market) दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कीमतों का सीधा असर घरेलू दरों पर पड़ता है।

सिटी रिसर्च के आकलन के अनुसार, सोने के दाम वर्तमान में अपनी चरम सीमा पर चल रहे हैं। उम्मीद है कि वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही, यानी जुलाई से सितंबर (July-September 2025 Gold Price) के बीच, सोने की कीमतों में कुछ नरमी देखने को मिलेगी। इस अवधि में सोने का भाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करीब 3,100 से 3,500 डॉलर प्रति औंस के बीच रह सकता है। यदि इसे भारतीय मुद्रा (Gold Price in Indian Rupees) में बदलें, तो इसका मतलब है कि सोने के दाम जल्द ही ₹1 लाख से गिरकर लगभग ₹95,490 प्रति 10 ग्राम (Gold Price Decline Prediction) तक आ सकते हैं। वर्ष के अन्य महीनों में और 2026 तक इसमें और भी अधिक नरमी (Further Gold Price Softening 2026) देखने को मिल सकती है, जिससे खरीदारों के लिए यह एक सुनहरा मौका साबित होगा।

साल 2026 तक ₹77,000 प्रति 10 ग्राम तक आ जाएगा सोना (Gold Price Prediction 2026)

विशेषज्ञों और एनालिस्ट मैक्स लेटन (Max Layton) व उनकी टीम के अनुसार, वर्ष 2026 की दूसरी छमाही (Second Half of 2026 Gold Price) में सोने के दाम (Gold Rate 2026) गिरकर करीब 2,500 से 2,700 डॉलर प्रति औंस तक पहुँच सकते हैं। यदि यह अनुमान सही साबित होता है, तो भारतीय मुद्रा (Indian Rupee Gold Rate) के हिसाब से जुलाई 2026 (July 2026 Gold Price) तक सोने के दाम नाटकीय रूप से कम होकर ₹77,000 प्रति 10 ग्राम (Gold at ₹77,000) पर आ जाएंगे। यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छी खबर होगी जो शादी-ब्याह या निवेश के लिए सोना खरीदने की सोच रहे हैं।

सोने की कीमतों में गिरावट के प्रमुख कारण (Reasons for Gold Price Drop):

रिपोर्ट में इस बड़ी गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारण बताए गए हैं:

  1. निवेशकों की कम होती दिलचस्पी (Declining Investor Interest in Gold): जैसे-जैसे दुनिया भर में आर्थिक हालात (Global Economic Improvement) में सुधार होता है, निवेशक सुरक्षित माने जाने वाले सोने से हटकर इक्विटी (Equity Markets) और अन्य जोखिम भरी संपत्तियों (Risky Assets) में निवेश करना शुरू कर देते हैं, जिससे सोने की मांग कम होती है।
  2. अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की ब्याज दरों में कटौती (US Federal Reserve Interest Rate Cuts): उम्मीद है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed Interest Rate Policy) अपनी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। जब ब्याज दरें बढ़ती हैं तो सोने में निवेश की मांग घटती है क्योंकि निवेशक बॉन्ड जैसे ब्याज देने वाले विकल्पों की ओर मुड़ते हैं। दरों में कटौती का मतलब है कि अर्थव्यवस्था स्थिर हो रही है और निवेशकों को अब सुरक्षा की उतनी ज़रूरत नहीं।
  3. भू-राजनीतिक तनाव में कमी (Reduced Geopolitical Tension): अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भू-राजनीतिक अनिश्चितता (Geopolitical Uncertainty) सोने को एक ‘सुरक्षित ठिकाना’ (Safe Haven Asset) बनाती है। रिपोर्ट में इज़रायल और ईरान (Israel-Iran Talks) के बीच बातचीत की संभावनाओं का जिक्र है, जिससे मध्य पूर्व (Middle East Tensions) में तनाव कम होने की उम्मीद है। यदि वैश्विक अनिश्चितताएँ कम होती हैं, तो निवेशक सोने की ओर कम रुख करेंगे, जिससे कीमतें गिरेंगी।
  4. अन्य निवेश विकल्पों का आकर्षण (Appeal of Other Investment Options): सिटीबैंक के अनुसार, 2025 के अंत और 2026 के मध्य तक सोने में निवेश की मांग धीरे-धीरे कम हो सकती है। जैसे-जैसे अमेरिका में मध्यावधि चुनाव (US Mid-Term Elections) करीब आएंगे और ट्रम्प की लोकप्रियता (Donald Trump Popularity) या देश की आर्थिक वृद्धि दोबारा बढ़ने की उम्मीद होगी, निवेशक सोने से हटकर अधिक लाभ देने वाले अन्य विकल्पों की ओर रुख कर सकते हैं। यदि दुनिया भर में चल रही अनिश्चितताओं का अचानक कोई समाधान निकलता है, तो सोने की कीमतें बहुत तेज़ी से गिर सकती हैं।

पिछले एक साल में सोने की कीमत (Gold Price Last One Year) और मौजूदा हालात:

यह दिलचस्प है कि इन गिरावट की उम्मीदों के बीच, पिछले एक साल में सोने के दामों (Gold Price Increase) में 45% तक की ज़बरदस्त बढ़ोतरी हुई है। वहीं, अकेले वर्ष 2025 में अब तक सोना (Gold Rate 2025) लगभग 35% बढ़ चुका है। 22 अप्रैल को सोने ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब तक की सबसे ऊंची कीमत 3,500 डॉलर प्रति औंस (All Time High Gold Price) का रिकॉर्ड बनाया था। राष्ट्रीय स्तर पर, 16 जून को भारत के सर्राफा बाजार (Sarrafa Bazar Gold Rate) और एमसीएक्स (MCX Gold Price) पर सोना अपने उच्च स्तर पर था, जब कीमतें ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के ऊपर चली गईं।

हालांकि, वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने के दाम 3,400 डॉलर प्रति औंस (International Gold Rate) चल रहे हैं, जो पिछले एक महीने में सबसे ऊंचे स्तरों में से एक है। इतनी ऊंची कीमत पर ज़्यादातर लोग सोना खरीद (Less Gold Buying at High Prices) नहीं रहे हैं, जिससे बाजार में ठहराव है और मांग घट रही है। यह मौजूदा परिदृश्य भावी गिरावट का एक संकेत हो सकता है, जैसा कि विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है।

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