Yogini Ekadashi 2025: कैसे पाएं 88,000 ब्राह्मणों को भोजन कराने जितना पुण्य? योगिनी एकादशी की कथा, मंत्र और व्रत नियम जान लें अभी

Published On: June 17, 2025
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Yogini Ekadashi 2025: कैसे पाएं 88,000 ब्राह्मणों को भोजन कराने जितना पुण्य? योगिनी एकादशी की कथा, मंत्र और व्रत नियम जान लें अभी

Yogini Ekadashi 2025:  सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में एकादशी तिथि (Ekadashi Tithi) को अत्यंत शुभ शुभ फलऔर पवित्र माना जाता है। प्रत्येक महीने में दो बार एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) रखा जाता है – एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन पवित्र तिथियों पर सृष्टि के पालक भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) और धन व समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) की विशेष पूजा-अर्चना करने से भक्तों को अनंत शुभ फलों (Shubh Fal Prapti) की प्राप्ति होती है, और उनकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

इस वर्ष आषाढ़ माह (Ashadha Month) में, योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2025) और देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) जैसे महत्वपूर्ण व्रत आएंगे, जिनमें योगिनी एकादशी विशेष फलदायी मानी गई है। इस बार योगिनी एकादशी 21 जून को (Yogini Ekadashi Date) पड़ रही है।

योगिनी एकादशी का महात्म्य: 88,000 ब्राह्मणों के भोजन समान पुण्य!

विष्णु पुराण (Vishnu Purana) और पद्म पुराण (Padma Purana) के एकादशी माहात्म्य खंड में यह स्पष्ट उल्लेख है कि योगिनी एकादशी का व्रत (Yogini Ekadashi Vrat Benefits) रखने से व्यक्ति को 88 हजार ब्राह्मणों (88 Hajar Brahman Bhojan) को भोजन कराने जितना अतुलनीय पुण्य (Punya Prapti) प्राप्त होता है। यह दर्शाता है कि यह व्रत कितना अधिक पवित्र और फलदायी है। इस व्रत को सच्चे मन से करने पर व्यक्ति को समस्त प्रकार के कष्टों और पापों से मुक्ति मिल सकती है।

योगिनी एकादशी का पूरा दिन पूर्ण रूप से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की उपासना (Bhagwan Vishnu Upasana) को समर्पित होता है। पद्म पुराण (Padma Purana) में इस व्रत की एक रोचक और प्रेरणादायक कथा हैमवती और पुलस्त्य मुनि के संवाद (Pulasthya Muni and Haimavati Katha) के रूप में वर्णित है। इस कथा में राजा कुबेर के एक माली, ‘हेममाली’ के पाप से मुक्ति की गाथा बताई गई है, जिसने अपने बुरे कर्मों के कारण कोढ़ी होने के बाद योगिनी एकादशी व्रत (Yogini Ekadashi Story) का पालन करके सभी पापों से मुक्ति (Paapon Se Mukti) पाई और वापस स्वर्गलोक को प्राप्त हुआ। यह कथा मनुष्य को कर्म के महत्व और एकादशी व्रत की शक्ति का बोध कराती है।

श्लोक में भी यही बात कही गई है:
अष्टाशीतिसहस्राणि ब्राह्मणानां तु भोजनम्।
एकैका योगिनी पुण्या ततो वा अधिकं शुभम्॥

अर्थात्: योगिनी एकादशी व्रत का पुण्य 88,000 ब्राह्मणों को भोजन कराने के पुण्य से भी अधिक शुभ फलदायक होता है।

इस पवित्र योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi Significance) पर, वैष्णव समाज के भक्त (Vaishnav Samaj) पूरे विधि-विधान से भगवान लक्ष्मी नारायण (Lakshmi Narayan Puja) की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही, वे जीवन के हर शुभ कार्य में सिद्धि (Shubh Karyon Mein Siddhi) प्राप्त करने और सफलताओं के लिए विशेष धार्मिक उपाय भी करते हैं। भगवान विष्णु (Lord Vishnu Blessings) की असीम कृपा से साधक की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति सच्चे मन (Sachhe Man Se Vrat) और श्रद्धा के साथ एकादशी का व्रत रखता है, उसे जीवन में कभी भी धन की कमी (Dhan Ki Kami) का सामना नहीं करना पड़ता। इसीलिए शास्त्रों में इस व्रत को अत्यधिक महत्व देते हुए लोगों को इसका पालन अवश्य करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह मोक्ष (Moksha Prapti) और भौतिक समृद्धि दोनों प्रदान करता है।

पूरे वर्ष की 24 एकादशियां: भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा

एक वर्ष में कुल 24 एकादशी के व्रत (24 Ekadashi Vrat in a Year) रखे जाते हैं, और ये सभी जगत के पालक भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu Puja) को समर्पित होते हैं। इन दिनों भगवान विष्णु की विशेष पूजा करने से जीवन में सकारात्मक और शुभ फलों (Shubh Fal Prapti Ekadashi) की वर्षा होती है। कुछ श्रद्धालु इस दिन ‘निर्जला उपवास’ (Nirjala Upvas) भी रखते हैं, जो कि जल के बिना रखा जाने वाला एक अत्यंत कठिन व्रत है। ऐसी प्रबल मान्यता है कि जो भी एकादशी का व्रत श्रद्धापूर्वक करता है, उस पर भगवान विष्णु के साथ-साथ धन की देवी मां लक्ष्मी की असीम कृपा (Maa Lakshmi Blessings) भी सदैव बनी रहती है।

योगिनी एकादशी 2025: तिथि, मुहूर्त और पारण समय

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi Date) के नाम से जाना जाता है।
इस वर्ष यह पावन व्रत 21 जून को रखा जाएगा। ऐसी प्रबल धार्मिक मान्यता है कि योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य को उसके सभी ज्ञात-अज्ञात पापों से मुक्ति (Sins Forgiveness Ekadashi) मिलती है।

पंचांग के अनुसार (Panchang Calculation), आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि 21 जून 2025 को सुबह 7 बजकर 19 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन अगले दिन, 22 जून को सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर होगा। इस गणना के आधार पर, योगिनी एकादशी का व्रत (Yogini Ekadashi Vrat 2025) 21 जून 2025 को ही रखना शास्त्रसम्मत होगा।

व्रत का पारण (Vrat Paran Time) अगले दिन 22 जून को किया जाएगा। योगिनी एकादशी व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त (Yogini Ekadashi Paran Muhurat) 22 जून को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट से शाम 4 बजकर 35 मिनट के बीच रहेगा। पारण तिथि पर ‘हरि वासर’ (Hari Vasar) समाप्त होने का समय सुबह 9 बजकर 41 मिनट है। व्रत का पारण हमेशा हरि वासर की अवधि समाप्त होने के बाद ही किया जाता है, जो भगवान विष्णु का विशेष समय होता है।

योगिनी एकादशी पूजा विधि: करें ऐसे आराधना

योगिनी एकादशी पूजा विधि (Yogini Ekadashi Puja Vidhi): इस पावन दिन भगवान विष्णु (Vishnu Ji Ki Puja) की पूजा का विशेष विधान है। इसके साथ ही, पीपल के वृक्ष की पूजा (Peepal Tree Puja) करना भी अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है, क्योंकि पीपल वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है।

  • एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर पवित्र स्नान करें (Morning Bath on Ekadashi)।
  • स्नान के बाद, पीले रंग के स्वच्छ वस्त्र धारण (Yellow Clothes for Puja) करना अत्यधिक शुभ माना जाता है, क्योंकि पीला रंग भगवान विष्णु को प्रिय है।
  • तत्पश्चात, श्रद्धापूर्वक भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प (Vrat Sankalp) लें।
  • इसके बाद, उनकी विधि-विधान से पूजा (Vidhi Vidhan Puja) करें, जिसमें फूल, फल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
  • पूजा के साथ योगिनी एकादशी व्रत की कथा (Yogini Ekadashi Vrat Katha) का श्रवण या पाठ करना अत्यंत अनिवार्य और फलदायी है।
  • पूजा संपन्न होने के बाद, भगवान विष्णु (Vishnu Ji Ki Aarti) की आरती करें।
  • इस शुभ दिन पर आप जरूरतमंद और गरीबों को भोजन कराने (Bhojan Daan) या दान-दक्षिणा (Daan Dakshina Ekadashi) देने का भी कार्य कर सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि दान-पुण्य से भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं और साधक को विशेष आशीर्वाद देते हैं।

पूजा के दौरान करें इन विशेष मंत्रों का जाप (Mantras for Yogini Ekadashi):

भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी के दिन उनकी कृपा पाने के लिए इन शक्तिशाली मंत्रों का जाप अवश्य करें:

  • विष्णु गायत्री मंत्र (Vishnu Gayatri Mantra): “ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥”
  • विष्णु मंगल मंत्र (Vishnu Mangal Mantra): “मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः। मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥”
    यह मंत्र सुख-समृद्धि और मंगल की कामना के लिए जपें।

योगिनी एकादशी व्रत के महत्वपूर्ण नियम (Yogini Ekadashi Vrat Rules):

व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त करने के लिए कुछ नियमों का पालन आवश्यक है:

  • योगिनी एकादशी व्रत के दिन अन्न का सेवन (Avoid Grains on Ekadashi) बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
  • जो लोग एकादशी का व्रत नहीं भी रखते हैं, उन्हें भी इस दिन चावल का सेवन (No Rice on Ekadashi) भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
  • इस पावन दिन बाल, नाखून, और दाढ़ी कटवाने (Avoid Hair Cutting on Ekadashi) जैसी गलती न करें, क्योंकि यह शुभ नहीं माना जाता।
  • योगिनी एकादशी के दिन ब्राह्मणों को कुछ दान (Daan to Brahmins) अवश्य करें।
  • एकादशी व्रत का पारण (Vrat Paran Niyam) करने के बाद अन्न का दान (Annadaan after Vrat) करना अत्यंत शुभ माना गया है, जिससे व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है।


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