Road safety Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश अब सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर हो गया है! लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और यातायात नियमों की घोर अनदेखी को रोकने के लिए, उत्तर प्रदेश प्रशासन ने कमर कस ली है और कठोर कार्रवाई शुरू कर दी है। जो लोग बार-बार यातायात नियमों की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं, अब उन पर प्रशासन की कड़ी नज़र है। यूपी में सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा गया है, और इसी दिशा में, यातायात निदेशालय ने उन सभी वाहनों की पहचान कर ली है जिन पर पांच या उससे अधिक बार चालान हो चुका है और जिनका जुर्माना अभी तक नहीं भरा गया है। हैरानी की बात तो यह है कि कुछ बेशर्म वाहनों पर तो 100 से भी ज़्यादा बार चालान काटे गए हैं, जो प्रदेश में ट्रैफिक नियम उल्लंघन की भयावह स्थिति को दर्शाते हैं।
गाड़ियों का पंजीकरण रद्द और DL कैंसिल: नियम तोड़ने वालों की खैर नहीं
प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि यातायात नियमों का लगातार और बेपरवाह उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को अब किसी भी तरह की ढील नहीं मिलेगी। ऐसे चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस (DL) रद्द किए जा रहे हैं, और उनकी गाड़ियों का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) भी स्थायी रूप से समाप्त किया जा रहा है। यह निर्णय सड़क हादसों पर लगाम लगाने और सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
यूपी के एडीजी ट्रैफिक सत्यनारायण ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, “यह एक व्यापक और सख्त अभियान है जो उन लोगों के खिलाफ शुरू किया गया है जो बार-बार ट्रैफिक नियमों की अवहेलना करते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि परिवहन विभाग के साथ मिलकर अन्य संबंधित मामलों में भी बहुत जल्द कार्रवाई की जाएगी। आंकड़ों की मानें तो प्रदेश में अब तक 990 ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं, और 681 वाहनों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल किए गए हैं। यह कार्रवाई योगी सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाती है।
प्रमुख शहरों में तेज़ हुई DL रद्द करने की प्रक्रिया
इस सख्त अभियान के तहत, प्रदेश के प्रमुख महानगरों में ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया बेहद तेजी से चल रही है। लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, गौतमबुद्धनगर (नोएडा), गाजियाबाद, आगरा और प्रयागराज जैसे बड़े शहरों में यातायात नियमों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। अब तक इन यूपी के शहरों में कुल 596 ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य के अन्य छोटे जिलों में भी 394 डीएल रद्द किए गए हैं, जो दर्शाता है कि कार्रवाई का दायरा पूरे प्रदेश में है।
गौतमबुद्धनगर (नोएडा) सबसे आगे
परिवहन विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, पूरे उत्तर प्रदेश में अब तक 31,392 लोगों के लाइसेंस रद्द करने की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। साथ ही, 2,67,030 वाहनों के पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है, जिनके खिलाफ बार-बार नियमों के उल्लंघन की रिपोर्ट दर्ज हुई है।
यह चौंकाने वाली बात है कि नियम तोड़ने वालों में सबसे अधिक मामले गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से सामने आए हैं। यहां 2,053 चालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी गई हैं, जिनमें से 587 ड्राइविंग लाइसेंस पहले ही रद्द किए जा चुके हैं। आगरा भी इस सूची में पीछे नहीं है, जहां सौ से अधिक लोगों के डीएल रद्द किए गए हैं, और संबंधित विभागों द्वारा सख्त कार्रवाई अभी शुरुआती चरण में है। यह अभियान यूपी में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और एक सुरक्षित यातायात प्रणाली बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आम जनता से अपील की गई है कि वे यातायात नियमों का पालन करें और खुद व दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।