Reserve Bank of India: ₹50, ₹100, ₹200 के नए नोट, महात्मा गांधी सीरीज में क्या होगा खास? पुराने नोट चलेंगे या नहीं?

Published On: June 17, 2025
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Reserve Bank of India: ₹50, ₹100, ₹200 के नए नोट, महात्मा गांधी सीरीज में क्या होगा खास? पुराने नोट चलेंगे या नहीं?

Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India – RBI), जो भारत का केंद्रीय बैंक (Central Bank) है और देश की मौद्रिक नीति (monetary policy) के संचालन तथा मुद्रा प्रबंधन (currency management) के लिए जिम्मेदार है, जल्द ही भारतीय अर्थव्यवस्था में नए बैंकनोटों का संचार करने जा रहा है। विशेष रूप से, ये नए नोट आरबीआई के नवनियुक्त गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा (new RBI Governor Sanjay Malhotra) के हस्ताक्षर से सुसज्जित होंगे। इस महत्वपूर्ण बदलाव के तहत 100 रुपये और 200 रुपये मूल्यवर्ग के नए बैंकनोट शीघ्र ही प्रचलन में लाए जाएंगे।

₹100 और ₹200 के नए नोट: डिज़ाइन और वैधता

आरबीआई द्वारा जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, इन नए ₹100 और ₹200 के नोटों का डिज़ाइन (design of new ₹100 and ₹200 notes) मौजूदा महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला (Mahatma Gandhi (New) Series) के बैंकनोटों के समान ही रहेगा। इसका अर्थ है कि नोटों के रंग, आकार, सुरक्षा सूत्र (security features) और उन पर अंकित चित्रों में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा; एकमात्र महत्वपूर्ण अंतर गवर्नर के हस्ताक्षर का होगा।

इस संबंध में आरबीआई ने यह भी स्पष्ट रूप से सूचित किया है कि बाजार में पहले से ही प्रचलन में मौजूद 100 रुपये और 200 रुपये के सभी पुराने बैंक नोट (all previously issued ₹100 and ₹200 banknotes) पूरी तरह से वैध मुद्रा (legal tender) बने रहेंगे। यह आश्वासन आम जनता के बीच किसी भी प्रकार के भ्रम या चिंता को दूर करने के लिए दिया गया है, जैसा कि कभी-कभी नोटबंदी (demonetization) जैसी घटनाओं के बाद देखा गया है। नागरिकों को अपने पुराने नोटों को लेकर किसी भी तरह से परेशान होने की आवश्यकता नहीं है; वे पहले की तरह ही लेन-देन में स्वीकार किए जाते रहेंगे।

₹50 का नया बैंकनोट भी जल्द होगा जारी

100 और 200 रुपये के नोटों के अतिरिक्त, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बहुत जल्द सेंट्रल बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा (Central Bank’s new Governor Sanjay Malhotra) के हस्ताक्षर वाला 50 रुपये का नया बैंकनोट (new ₹50 banknote) भी जारी करने की योजना बना रहा है। श्री संजय मल्होत्रा ने दिसंबर 2024 में श्री शक्तिकांत दास के स्थान पर आरबीआई गवर्नर का प्रतिष्ठित पदभार ग्रहण किया था, जब श्री दास ने अपना विस्तारित कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था।

आरबीआई द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “इन नए 50 रुपये के नोटों का डिज़ाइन भी हर तरह से महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के वर्तमान में प्रचलित 50 रुपये के बैंक नोटों के समान ही होगा।” इससे यह सुनिश्चित होता है कि नए नोटों को पहचानने या उपयोग करने में जनता को कोई असुविधा न हो।

पुराने नोटों का भविष्य: चिंता की कोई बात नहीं

जब भी नए नोट जारी किए जाते हैं, तो आम लोगों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि उनके पास मौजूद पुराने नोटों का क्या होगा (what will happen to old notes)? विशेष रूप से 50 रुपये के नए नोट के बाजार में आने की खबर के बाद, यदि आप अपने पास रखे पुराने 50 रुपये के नोटों को लेकर चिंतित हैं, तो आरबीआई ने इस पर भी स्थिति स्पष्ट कर दी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से बताया है कि 50 रुपये मूल्यवर्ग के सभी पुराने नोट (all old ₹50 notes) पूरी तरह से वैध मुद्रा बने रहेंगे (will continue to be legal tender) और उनका प्रचलन पूर्ववत जारी रहेगा। इसलिए, नागरिकों को अपने पुराने नोटों के संबंध में किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

कौन हैं नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा? (Who is Sanjay Malhotra?)

श्री संजय मल्होत्रा, जिन पर अब भारतीय मुद्रा पर हस्ताक्षर करने का महत्वपूर्ण दायित्व है, एक अत्यंत अनुभवी और प्रतिष्ठित नौकरशाह हैं। वे 1990 बैच के राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS – Indian Administrative Service) अधिकारी हैं।

उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी काफी प्रभावशाली है। उन्होंने विश्व प्रसिद्ध भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT Kanpur) से कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अमेरिका के प्रतिष्ठित प्रिंसटन विश्वविद्यालय (Princeton University, USA) से सार्वजनिक नीति (Public Policy) में स्नातकोत्तर (Master’s degree) की उपाधि भी हासिल की है, जो उन्हें आर्थिक और प्रशासनिक मामलों की गहरी समझ प्रदान करती है।

संजय मल्होत्रा का वृहद प्रशासनिक अनुभव:

अपने 33 वर्षों से अधिक के शानदार करियर के दौरान, श्री संजय मल्होत्रा ने नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक उत्कृष्टता का निरंतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी हैं, जिनमें बिजली (Power), वित्त और कराधान (Finance and Taxation), सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology), और खान (Mines) जैसे विविध और चुनौतीपूर्ण विभाग शामिल हैं।

आरबीआई गवर्नर का पद संभालने से ठीक पहले, वे भारत सरकार के वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance, Government of India) में सचिव (राजस्व) (Secretary, Revenue) के महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत थे। इस भूमिका से पहले, उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के ही तहत वित्तीय सेवा विभाग (Department of Financial Services – DFS) में सचिव का महत्वपूर्ण पद संभाला था। इन भूमिकाओं ने उन्हें भारत की वित्तीय प्रणाली, बैंकिंग क्षेत्र और राजकोषीय नीतियों की गहन जानकारी और अनुभव प्रदान किया।

श्री मल्होत्रा को राज्य सरकार (State Government) और केंद्र सरकार (Central Government) दोनों स्तरों पर वित्त और कराधान के क्षेत्र में व्यापक और गहन अनुभव प्राप्त है। अपने वर्तमान कार्यभार के तहत (और राजस्व सचिव के रूप में अपनी पिछली भूमिका में), वे प्रत्यक्ष करों (direct taxes) जैसे आयकर, कॉर्पोरेट कर और अप्रत्यक्ष करों (indirect taxes) जैसे जीएसटी (GST) के संबंध में कर नीति निर्माण (tax policy formulation) में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं।

संजय मल्होत्रा को आरबीआई गवर्नर क्यों चुना गया? (Why was Sanjay Malhotra chosen as RBI Governor?)

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव और बाद में राजस्व सचिव के रूप में उनके कार्यकाल ने श्री संजय मल्होत्रा को वित्तीय सेवाओं (financial services), बैंकिंग विनियमन, और कर मामलों (taxation matters) का एक अद्वितीय और गहरा अनुभव प्रदान किया है। केंद्र और राज्य सरकारों, दोनों स्तरों पर विभिन्न वित्तीय और प्रशासनिक भूमिकाओं में उनकी सिद्ध विशेषज्ञता और ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर (RBI Governor) जैसे वित्तीय सेवा क्षेत्र में इस अति महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण भूमिका के लिए चुना गया है। उनकी नियुक्ति देश की आर्थिक स्थिरता और विकास को गति देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में आरबीआई भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और मुद्रास्फीति नियंत्रण (inflation control) तथा वित्तीय स्थिरता (financial stability) सुनिश्चित करने में सफल रहेगा।

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