Gold Rate : सोने की कीमतों (Gold Prices) का उतार-चढ़ाव: पिछले कुछ महीनों से सोने की कीमतों (Gold Rate) में एक अभूतपूर्व और अप्रत्याशित तेजी देखने को मिल रही है। इस साल की शुरुआत से ही पीली धातु (Yellow Metal) ने लगातार नए रिकॉर्ड (new records in gold) बनाए हैं, जिससे बाजार में हलचल मची हुई है। सोने के दाम (Gold Price India) में इस तीव्र उतार-चढ़ाव (volatility in gold price) के दौर से आम लोगों की परेशानियाँ भी बढ़ गई हैं, खासकर उन लोगों की जो शादी-ब्याह या अन्य शुभ अवसरों के लिए सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं। वहीं, निवेशक (Gold Investors) भी इस स्थिति को लेकर असमंजस और चिंता में हैं कि आगे सोने की चाल क्या रहेगी। ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल है कि क्या यह तेजी जारी रहेगी या अब कीमतों में गिरावट आएगी? आइए, जानते हैं कि विभिन्न रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों के अनुसार जुलाई महीने के अंत तक सोने के दाम (Gold Price Forecast) कितने रह सकते हैं।
क्या चल रहा है सोने का दाम? (Current Gold Rate)
नवीनतम उपलब्ध जानकारी के अनुसार, सोने के दाम (MCX Gold Rate) शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 97051 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुए हैं। यह रेट अगस्त एक्सपायरी (August expiry gold contract) वाले सोने के वायदा अनुबंध (gold futures contract) का है। शुक्रवार को सोने के दाम में 15 रुपये की मामूली बढ़ौतरी दर्ज की गई, जो कुल 0.02% की वृद्धि थी। शनिवार और रविवार को एमसीएक्स पर कारोबार बंद रहता है, इसलिए दाम अपडेट नहीं होते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि फिजिकल मार्केट (physical gold market) में सोने का भाव MCX रेट से थोड़ा भिन्न हो सकता है, जिसमें मेकिंग चार्ज और GST जैसे कारक शामिल होते हैं।
अब तक ये रिकॉर्ड बना चुका है सोना इस साल (Gold’s Records So Far This Year):
- 1 लाख का जादुई आंकड़ा: इसी साल 22 अप्रैल को सोने ने सर्राफा बाजार (Bullion Market) में पहली बार एक लाख रुपये प्रति दस ग्राम (Gold touches 1 lakh per 10 gram) का जादुई और ऐतिहासिक आंकड़ा छूकर एक नया मील का पत्थर स्थापित किया। वहीं, इसी दिन एमसीएक्स (MCX Gold High) पर भी सोने के दाम 99358 रुपये प्रति दस ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुँच गए थे, जो रिकॉर्ड के बेहद करीब था।
- सोने की खरीद में गिरावट (Decline in Gold Buying): सोने के दामों में इस बेतहाशा वृद्धि का एक अप्रत्याशित परिणाम यह भी हुआ है कि 16 साल बाद ऐसा हुआ है कि किसी साल की पहली तिमाही (Q1 Gold Demand) में सोने की भौतिक खरीद (physical gold purchase), विशेष रूप से सोने के आभूषणों की खरीद (gold jewelry buying), में भारी गिरावट आई हो। वर्ष 2025 की पहली तिमाही में सोने के आभूषणों की खरीद पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 25 प्रतिशत कम रही है, क्योंकि बढ़ती कीमतों ने उपभोक्ताओं को पीछे हटने पर मजबूर किया है।
- निवेशकों की रूचि में बढ़ोतरी (Increased Investor Interest): दूसरी ओर, ऊँची कीमतों के बावजूद निवेशकों की रूचि सोने में (Investor interest in gold) बढ़ती चली गई। पिछले 10 साल बाद ऐसा हुआ है कि किसी साल की पहली तिमाही में निवेश के लिहाज से सोना (Gold as an investment) 7 प्रतिशत बढ़ गया हो। यह दर्शाता है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों ने सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प (safe investment option) के तौर पर देखा है।
- शानदार रिटर्न (Excellent Returns from Gold): कुल मिलाकर, सोने ने इस साल अब तक निवेशकों को तगड़ा रिटर्न (High returns from gold) दिया है। सोने के दाम साल की शुरुआत में लगभग 76 हजार रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास से बढ़ने शुरू हुए थे और 22 अप्रैल को सोना अपने रिकॉर्ड हाई (Gold record high) पर जा पहुंचा। इस अवधि में, सोने ने निवेशकों को करीबन 34 प्रतिशत का शानदार रिटर्न (34% return on gold) प्रदान किया है।
सोने के दाम बढ़ने के प्रमुख कारण (Reasons for Gold Price Increase):
फिलहाल सोने के दाम (Current Gold Rate) रॉकेट की रफ्तार से क्यों बढ़ रहे हैं, इसके पीछे कई प्रमुख वैश्विक और घरेलू कारण जिम्मेदार हैं। सबसे महत्वपूर्ण कारणों में शामिल हैं:
- आर्थिक अनिश्चितता (Economic Uncertainty): वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंकाएं और विभिन्न देशों में आर्थिक विकास दर को लेकर चिंताएं निवेशकों को सुरक्षित संपत्तियों (safe haven assets) की ओर धकेल रही हैं, और सोना हमेशा से एक प्रमुख सुरक्षित ठिकाना माना जाता है।
- महंगाई की चिंता (Inflation Concerns): कई देशों में मुद्रास्फीति (Inflation) अभी भी ऊँचे स्तर पर बनी हुई है। महंगाई के कारण मुद्रा की क्रय शक्ति कम हो जाती है, ऐसे में सोना मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव (hedge against inflation) के रूप में काम करता है, जिससे इसकी मांग बढ़ती है।
- भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tensions): यूक्रेन युद्ध, मध्य पूर्व में तनाव, और विभिन्न देशों के बीच व्यापारिक या राजनीतिक खींचतान जैसी भू-राजनीतिक घटनाएँ अनिश्चितता पैदा करती हैं। ऐसे समय में निवेशक जोखिम भरी संपत्तियों (risky assets) से निकलकर सोने में निवेश करना पसंद करते हैं।
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति (US Federal Reserve Policy): अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों (interest rates) में संभावित कटौती की चर्चाएं भी सोने के लिए सकारात्मक हैं, क्योंकि कम ब्याज दरें डॉलर को कमजोर करती हैं और सोने को अधिक आकर्षक बनाती हैं।
- व्यापार नीतियां (Trade Policies): कुछ विश्लेषकों का यह भी मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की व्यापार नीतियों और टैरिफ लगाने की बयानबाजी (Trump’s tariff policy) भी वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता पैदा कर रही है, जो सोने की कीमतों को बढ़ा रही है।
जुलाई के अंत तक कितने हो जाएंगे सोने के दाम? (Gold Price Prediction by End of July):
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह तेजी जारी रहेगी या अब कीमतों में ठहराव या गिरावट आएगी? सोने के दामों (Gold Price Forecast India) को लेकर कुछ रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों के चौंकाने वाले अनुमान सामने आ रहे हैं। क्वांट म्युचुअल फंड (Quant Mutual Fund report on gold) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्तमान स्तरों से सोने के दाम (Expected Gold Price) अगले दो महीनों (यानी जुलाई के अंत तक) में 12 से 15 प्रतिशत तक कम हो सकते हैं।
वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में कमोडिटी विशेषज्ञ केडिया (Kedia’s view on gold) के हवाले से भी लिखा गया है कि सोना 85 हजार रुपये प्रति दस ग्राम (Gold below Rs 85000 per 10 gram) के स्तर से नीचे आ जाएगा। यदि हम वर्तमान एमसीएक्स दर (लगभग 97000 रुपये) से 12-15% की गिरावट का अनुमान लगाएं, तो यह लगभग 11,640 से 14,550 रुपये की कमी होगी, जिससे कीमत 82,450 से 85,360 रुपये प्रति दस ग्राम के बीच आ सकती है। यह अनुमान केडिया के 85 हजार से नीचे आने के अनुमान के काफी करीब है।
यानी, इन रिपोर्ट्स के अनुसार, यदि ये भविष्यवाणियाँ सही साबित होती हैं, तो जुलाई महीने के अंत तक सोने के दामों (Gold Price July End) में एक तगड़ी और महत्वपूर्ण गिरावट (significant fall in gold price) देखने को मिल सकती है।
यह संभावित गिरावट उन लोगों के लिए राहत की खबर हो सकती है जो ऊँची कीमतों के कारण अब तक सोना खरीदने से हिचक रहे थे। हालांकि, बाजार की चाल अप्रत्याशित होती है और विभिन्न वैश्विक घटनाएँ कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं। सोने में निवेश (Gold investment strategy) या खरीदारी करने से पहले इन सभी कारकों पर विचार करना और विशेषज्ञों की सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
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