Chenab Bridge inauguration : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार (6 जून 2025, जैसा कि लेख में उल्लेखित है) को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उधमपुर से बनिहाल तक बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल, चिनाब ब्रिज (world’s highest railway bridge, Chenab Bridge) का भव्य उद्घाटन किया है। इसके तुरंत बाद, उसी महत्वपूर्ण रेल मार्ग पर बने अंजी ब्रिज (Anji Khad Bridge) का भी उन्होंने लोकार्पण किया। यह अंजी ब्रिज देश का पहला ऐसा अनोखा पुल है, जिसे खास तौर पर उन्नत केबल स्टेड तकनीक (cable-stayed bridge technology) का उपयोग करके बनाया गया है, जो भारतीय इंजीनियरिंग का एक उत्कृष्ट नमूना है।
प्रधानमंत्री द्वारा किए गए इन महत्वपूर्ण पुलों के उद्घाटन के बाद, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस (Indian National Congress) ने इस पर गंभीर सवाल उठाए हैं और एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस पार्टी का यह स्पष्ट दावा है कि इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की नींव और इनकी शुरुआती रूपरेखा कांग्रेस शासनकाल (Congress government tenure) के दौरान ही रखी गई थी, जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों या संबोधनों में जानबूझकर ज़िक्र नहीं करते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संचार प्रभारी जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने इस मुद्दे पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शासन में निरंतरता (continuity in governance) होती है, और यह एक ऐसी सच्चाई है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अपने आत्म-प्रशंसा (self-praise) के निरंतर प्रयास में जानबूझकर नजरअंदाज कर देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह बात विशेष रूप से तब और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, जब हम अत्यंत चुनौतीपूर्ण और दीर्घकालिक विकास परियोजनाओं (challenging development projects) को सफलतापूर्वक लागू करने की बात करते हैं, जिनमें कई सरकारों का योगदान होता है।
जयराम रमेश ने पेश किए विस्तृत आंकड़े और तथ्य (Jairam Ramesh presents facts and figures):
जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने इस परियोजना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों और आंकड़ों को जनता के सामने रखते हुए कहा कि 272 किलोमीटर लंबी महत्वाकांक्षी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लाइन (Udhampur-Srinagar-Baramulla Rail Link – USBRL) परियोजना को मार्च 1995 में उस समय मंजूरी दी गई थी, जब स्वर्गीय पी. वी. नरसिम्हा राव (P. V. Narasimha Rao) देश के प्रधानमंत्री थे। इसके बाद, मार्च 2002 में, जब श्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) देश के प्रधानमंत्री थे, तब इस परियोजना को एक राष्ट्रीय परियोजना (National Project) का दर्जा दिया गया, जिससे इसके महत्व और क्रियान्वयन की गति को और बल मिला।
इसके उपरांत, जयराम रमेश ने डॉ. मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार (UPA government) के कार्यकाल में इस परियोजना के तहत किए गए विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों और उद्घाटनों को विस्तार से गिनाया, जो इस प्रकार हैं:
-
13 अप्रैल 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने जम्मू और उधमपुर के बीच 53 किलोमीटर लंबी रेल लाइन (Jammu-Udhampur rail line) का उद्घाटन किया था।
-
11 अक्टूबर 2008 को डॉ. मनमोहन सिंह ने श्रीनगर के बाहर अनंतनाग और मज़होम के बीच 66 किलोमीटर की महत्वपूर्ण रेल लाइन (Anantnag-Mazhom rail line) का उद्घाटन किया था।
-
14 फरवरी 2009 को डॉ. मनमोहन सिंह ने मज़होम और बारामुला के बीच 31 किलोमीटर लंबी रेल लाइन (Mazhom-Baramulla rail line) का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया था।
-
29 अक्टूबर 2009 को डॉ. मनमोहन सिंह ने अनंतनाग और काज़ीगुंड के बीच 18 किलोमीटर लंबी रेल लाइन (Anantnag-Qazigund rail line) का उद्घाटन किया था।
-
26 जून 2013 को डॉ. मनमोहन सिंह ने काज़ीगुंड से बनिहाल तक 11 किलोमीटर लंबी चुनौतीपूर्ण रेल लाइन (Qazigund-Banihal rail line), जिसमें एशिया की सबसे लंबी सुरंगों में से एक पीर पंजाल रेलवे सुरंग भी शामिल है, का उद्घाटन किया था।
जयराम रमेश ने इस प्रकार समझाई पूरी बात (Jairam Ramesh explains the timeline):
जयराम रमेश (Jairam Ramesh on USBRL project) ने इन तथ्यों के आधार पर यह समझाया कि इसका स्पष्ट अर्थ यह है कि 26 जून 2013 तक बारामुला से काज़ीगुंड तक की 135 किलोमीटर लंबी रेल लाइन (Baramulla-Qazigund railway track) पूरी तरह से चालू हो चुकी थी और इस पर रेलगाड़ियां दौड़ने लगी थीं। उन्होंने आगे बताया कि उधमपुर से कटरा तक की 25 किलोमीटर लंबी रेल लाइन (Udhampur-Katra rail section) का उद्घाटन 2014 के लोकसभा चुनावों की आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू होने के कारण स्थगित कर दिया गया था। यह उद्घाटन बाद में नए प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की ओर से 4 जुलाई 2014 को किया गया, जो कि उनके कार्यभार संभालने के महज 39 दिन बाद की ही बात थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Congress spokesperson Jairam Ramesh) ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वर्ष 2014 के बाद से, कटरा से बनिहाल तक की शेष 111 किलोमीटर लंबी और अत्यंत चुनौतीपूर्ण रेल लाइन (Katra-Banihal challenging rail section) को पूरा किया गया है। उन्होंने दावा किया कि इस हिस्से के निर्माण के लिए अधिकांश महत्वपूर्ण ठेके (contracts for USBRL) पहले ही यूपीए शासनकाल में दिए जा चुके थे। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने प्रतिष्ठित और इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना माने जाने वाले चिनाब पुल (Chenab Rail Bridge contract) के लिए ठेके वर्ष 2005 में ही कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन (Konkan Railway Corporation), अफकॉन (Afcons Infrastructure), वीएसके इंडिया (VSK India) और दक्षिण कोरिया की अल्ट्रा कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (Ultra Construction & Engineering Ltd. of South Korea) जैसी नामी कंपनियों को दिए जा चुके थे।
चिनाब पुल के उद्घाटन पर जयराम रमेश का आधिकारिक बयान (Jairam Ramesh’s statement on Chenab Bridge inauguration):
चिनाब पुल के उद्घाटन (Chenab Bridge opening ceremony) के अवसर पर, जयराम रमेश (Jairam Ramesh’s official statement) ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जम्मू और कश्मीर (people of Jammu and Kashmir) की सम्मानित जनता को इस ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं देती है। वह भारतीय रेलवे (Indian Railways) के समर्पित कर्मियों और सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की उन सभी कंपनियों और उनके इंजीनियरों तथा श्रमिकों को भी बधाई देती है, जिन्होंने पिछले तीन दशकों की अथक मेहनत और लगन से इस महत्वाकांक्षी USBRL परियोजना (USBRL project execution) को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया है। उन्होंने अंत में कहा कि यह परियोजना हमारी सामूहिक संकल्पशक्ति, इंजीनियरिंग कौशल और कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त करने की हमारी क्षमता का एक जीवंत प्रतीक है। यह भारत की विकास गाथा (India’s development story) में एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
Dua Lipa: दुआ लिपा पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर बुरे फंसे बादशाह, इंटरनेट पर जमकर लताड़ा