Income Tax Notice : प्रोपर्टी बेचते वक्त इस लिमिट से ज्यादा नहीं ले सकते कैश, वरना 100 प्रतिशत मिलेगा इनकम टैक्स का नोटिस

Published On: May 29, 2025
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Income Tax Notice : प्रोपर्टी बेचते वक्त इस लिमिट से ज्यादा नहीं ले सकते कैश, वरना 100 प्रतिशत मिलेगा इनकम टैक्स का नोटिस

Income Tax Notice : प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने (property purchase or sale) जैसे बड़े लेन-देन से पहले पैसों के लेनदेन (money transaction) से जुड़े नियमों को जानना बेहद ज़रूरी है। खासकर नकद (कैश) में होने वाले लेन-देन (cash transaction) की एक तय कानूनी सीमा (legal limit) है। अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको बाद में भारी परेशानी (heavy trouble) और पछतावा हो सकता है। अक्सर प्रॉपर्टी (property) की खरीद-बिक्री में नकद भुगतान (cash payment) का प्रस्ताव दिया जाता है, जिसे दूसरी पार्टी (other party) स्वीकार भी कर लेती है, लेकिन यह जानना बेहद ज़रूरी है कि आप नकद में केवल एक निश्चित सीमा (certain limit) तक ही लेन-देन कर सकते हैं।

आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आप कैश में प्रॉपर्टी की डील (property deal in cash) किस सीमा तक कर सकते हैं (what is the limit) और अगर आप इस नियम का उल्लंघन (violation of rule) करते हैं तो आपको किन-किन परेशानियों (problems) और दंडों (penalties) का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें इनकम टैक्स नोटिस (Income Tax notice) और भारी जुर्माना (heavy penalty) शामिल है।

कितनी है कैश लेनदेन की लिमिट? (What is the limit for cash transaction?)

आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की धारा 269SS (Section 269SS), 269T (Section 269T), 271D (Section 271D), और 271E (Section 271E) में 2015 में किए गए महत्वपूर्ण संशोधनों (amendments) के बाद, प्रॉपर्टी के संबंध में कैश लेनदेन (cash transaction related to property) की ऊपरी सीमा ₹19,999 निर्धारित (fixed) की गई है। इसका मतलब है कि प्रॉपर्टी की किसी भी खरीद-बिक्री में आप ₹20,000 या उससे अधिक का लेन-देन कैश में नहीं कर सकते। इस नियम का उल्लंघन (violation) करने पर आपको आयकर विभाग (Income Tax Department) से कड़ा नोटिस (strict notice) मिल सकता है और भारी जुर्माना (heavy penalty) लगाया जा सकता है। यह बदलाव बड़े नकद लेन-देन को रोकने (to discourage large cash transactions) और वित्तीय पारदर्शिता (financial transparency) बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था।

नियम तोड़ने पर क्या होगा? जानें 100% जुर्माने का प्रावधान

उदाहरण के तौर पर (for example), मान लीजिए आपने अपनी कोई जमीन (land) या प्रॉपर्टी (property) ₹1 लाख रुपये में बेची (sold) और उसकी पूरी पेमेंट (full payment) आपने कैश में ली। क्योंकि यह रकम ₹19,999 की सीमा से बहुत ज़्यादा है, यह सीधा-सीधा नियम का उल्लंघन है। इस स्थिति में, आयकर अधिनियम की धारा 269SS (Section 269SS) के तहत, आपको लिए गए ₹1 लाख रुपये की पूरी रकम यानी 100 प्रतिशत जुर्माने (penalty) के तौर पर सरकार को चुकानी पड़ेगी। यह जुर्माना ली गई कैश राशि के बराबर होगा।

धारा 269T के तहत वापसी पर भी लग सकता है जुर्माना (Penalty under Section 269T on Repayment)

यदि किसी कारणवश प्रॉपर्टी डील कैंसिल (property deal cancelled) हो जाती है और आपको सामने वाली पार्टी (other party) से लिया हुआ पैसा वापस (money back) करना पड़ता है, तो यहाँ भी कैश लेनदेन (cash transaction) की एक सीमा लागू होती है। आयकर अधिनियम की धारा 269T (Section 269T) के अनुसार, आप सामने वाली पार्टी को केवल ₹20,000 तक ही कैश में वापस कर सकते हैं। यदि आप इससे अधिक की रकम नकद में लौटाते हैं, तो आपको धारा 269T के तहत लौटाई गई राशि के बराबर (equal to the amount repaid) पेनल्टी (penalty) देनी पड़ सकती है।

आयकर विभाग को कैसे पता चलता है? (How does Income Tax Department know?)

आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि अगर सारा लेनदेन कैश में हो रहा है, तो भला आयकर विभाग (Income Tax Department) को इसकी खबर कैसे मिलेगी। इसका सीधा और सबसे महत्वपूर्ण जवाब है प्रॉपर्टी रजिस्ट्री (property registry)

देश में कोई भी प्रॉपर्टी (property) खरीदने पर आपको उसकी आधिकारिक रजिस्ट्री (official registry) करवानी पड़ती है। इस रजिस्ट्री के बिना प्रॉपर्टी कानूनी रूप से (legally) आपकी नहीं मानी जाती और आप उसके मालिक नहीं बनते। जब आप अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री (property registration) करवाते हैं, तो उसमें लेन-देन की पूरी जानकारी (transaction details), जिसमें भुगतान का तरीका (mode of payment) भी शामिल हो सकता है, दर्ज होती है। इस जानकारी के माध्यम से आयकर विभाग (Income Tax Department) को आपके कैश लेनदेन (cash transaction) की डिटेल्स (details) पता चल जाती हैं, खासकर यदि यह तय सीमा से अधिक है। इसके बाद आप पर कानूनी कार्रवाई (legal action) और पेनल्टी (penalty) लगाई जा सकती है।

सुरक्षित तरीके से लेनदेन कैसे करें? (How to transact safely?)

अगर आप ₹19,999 से अधिक (more than ₹19,999) का कोई भी प्रॉपर्टी संबंधित लेन-देन कर रहे हैं, तो कैश से पूरी तरह बचें। सुरक्षित विकल्पों (safe options) जैसे चेक (Cheque), डिमांड ड्राफ्ट (Demand Draft – DD), नेट बैंकिंग (Net Banking), आरटीजीएस (RTGS), एनईएफटी (NEFT) या अन्य डिजिटल तरीकों (digital methods) का उपयोग करें। ये तरीके न केवल सुरक्षित हैं बल्कि ये सभी लेनदेन का रिकॉर्ड (transaction record) भी रखते हैं, जो भविष्य में किसी भी विवाद या आयकर संबंधी पूछताछ (Income Tax queries) में आपके लिए मददगार साबित होता है।

यह जानना भी ज़रूरी है कि यह कैश लेनदेन सीमा का नियम (cash transaction limit rule) कुछ खास मामलों (specific cases) में लागू नहीं होता, जैसे कि सरकार (Government), सरकारी कंपनियों (Government companies), बैंकिंग कंपनियों (Banking companies), पोस्ट ऑफिस सेविंग्स बैंक (Post Office Savings Bank) या केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा विशेष रूप से अधिकृत (specially authorized) कुछ व्यक्तियों और संस्थानों (persons and institutions) के बीच होने वाले लेन-देन। लेकिन आम नागरिकों (common citizens) के लिए प्रॉपर्टी से जुड़े कैश लेन-देन में ₹19,999 की सीमा का पालन करना अनिवार्य है।

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