Savings Account : बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होता है कि आयकर विभाग (Income Tax Department) की जांच या नोटिस से बचने के लिए वे एक वित्तीय वर्ष (Financial Year) में अपने बैंक सेविंग अकाउंट (Bank Savings Account) में कितनी नकदी (Cash Deposit) जमा कर सकते हैं या निकाल (Cash Withdrawal) सकते हैं? अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आइए इस खबर में विस्तार से समझते हैं नियमों को।
क्या आप जानते हैं कि आयकर विभाग (Income Tax Department) की पैनी नज़र से बचने के लिए आप अपने बैंक सेविंग अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष (Financial Year) में कितनी नकदी जमा या निकाल सकते हैं? पर्सनल फाइनेंस विशेषज्ञों के अनुसार, आयकर नियमों (Income Tax Rules) के तहत, एक वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) में सेविंग अकाउंट में कुल नकद जमा या कुल नकद निकासी 10 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
एक कारोबारी साल (Financial Year) यानी 1 अप्रैल से 31 मार्च के दौरान आपके सभी सेविंग्स अकाउंट्स (Savings Accounts) में अगर कुल मिलाकर 10 लाख रुपये से ज्यादा की कोई भी कैश जमा राशि होती है, तो इसकी जानकारी बैंक द्वारा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) को दी जानी चाहिए। बैंकों को ऐसे सभी बड़े लेन-देन (High-Value Transactions) का खुलासा करना अनिवार्य है, भले ही यह राशि ग्राहक के एक से ज्यादा खातों में क्यों न फैली हो।
10 लाख रुपये की लिमिट के बाद क्या होगा?
अगर आपके सेविंग अकाउंट में जमा या निकासी की कुल राशि एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये की लिमिट (Limit on Cash Transactions) से ज्यादा हो जाती है, तो इसे हाई-वैल्यू का लेनदेन (High-Value Transaction) माना जाता है। इनकम टैक्स एक्ट, 1962 के सेक्शन 114B के तहत, बैंकों या अन्य फाइनेंशियल कंपनियों (Financial Companies) को इस तरह के लेन-देन की सूचना अनिवार्य रूप से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होती है।
इसके अलावा, एक दिन में 50,000 रुपये (Cash Deposit Limit Per Day) से ज्यादा कैश जमा करने पर आपको बैंक में अपना परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN Number) देना अनिवार्य है। अगर आपके पास पैन नंबर नहीं है, तो आपको फॉर्म 60/61 (Form 60/61) जमा करना होगा।
इनकम टैक्स नोटिस का जवाब कैसे दें?
अगर आपको हाई-वैल्यू वाले कैश लेनदेन (High-Value Cash Transactions) के लिए इनकम टैक्स नोटिस (Income Tax Notice) आता है, तो उसका जवाब देने के लिए आपको कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी। इनमें आपके बैंक स्टेटमेंट (Bank Statement) और निवेश से जुड़े रिकॉर्ड (Investment Records) शामिल हो सकते हैं। ये दस्तावेज़ यह साबित करने में मदद करेंगे कि आपके पास नकदी का स्रोत (Source of Cash) क्या था और यह पैसा कहां से आया। यदि आप अनिश्चित हैं या नकदी के स्रोत के बारे में चिंतित हैं, तो किसी टैक्स सलाहकार (Tax Advisor) से सलाह लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
जहां तक कैश लेनदेन (Cash Transactions) का सवाल है, आयकर अधिनियम की धारा 269ST (Section 269ST) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति निम्नलिखित में से किसी भी स्थिति में किसी दूसरे व्यक्ति से 2 लाख रुपये (Cash Transaction Limit Section 269ST) से ज्यादा की नकदी प्राप्त नहीं कर सकता है:
-
एक दिन में किसी व्यक्ति से कुल मिलाकर 2 लाख रुपये से अधिक।
-
किसी एक लेनदेन के संबंध में 2 लाख रुपये से अधिक।
-
या किसी एक घटना या अवसर (जैसे शादी, प्रॉपर्टी की बिक्री) से संबंधित किसी व्यक्ति से किए गए लेनदेन के संबंध में कुल 2 लाख रुपये से अधिक।