Gratuity Rule : 15 साल की सर्विस पर मिलेंगे ₹6,49,038 ग्रेच्युटी, ऐसे समझें पूरा कैलकुलेशन

Gratuity Rule : 15 साल की सर्विस पर मिलेंगे ₹6,49,038 ग्रेच्युटी, ऐसे समझें पूरा कैलकुलेशन

Gratuity Rule : ग्रेच्युटी (Gratuity) कर्मचारियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ है जो उन्हें किसी कंपनी में लंबे समय तक सेवा देने के लिए दिया जाता है। ग्रेच्युटी नियम (Gratuity Rule) के अनुसार, जब कोई कर्मचारी किसी कंपनी में लगातार 5 साल या उससे ज़्यादा समय तक काम करता है, तो नौकरी छोड़ने पर उसे ग्रेच्युटी की राशि दी जाती है। यह एक तरह से कर्मचारियों की बेहतर सेवाओं और कंपनी के प्रति वफादारी के लिए दिया जाने वाला reward है।

हर कर्मचारी यह जानना चाहता है कि जब वह अपनी नौकरी छोड़ेगा या रिटायर (Retire) होगा, तो उसे ग्रेच्युटी के तौर पर कितनी राशि (Amount) मिलेगी। ग्रेच्युटी की गणना (Gratuity Calculation) एक निश्चित फॉर्मूले (Formula) के आधार पर की जाती है।

आइए, ग्रेच्युटी की गणना के लिए इस्तेमाल होने वाले फॉर्मूले (Gratuity Calculation Formula) को समझते हैं:

ग्रेच्युटी कैलकुलेशन फॉर्मूला:

(अंतिम वेतन) x (कर्मचारी की सेवा के साल – जितने साल कंपनी में काम कियाx (15/26)

यहां, अंतिम वेतन (Last Salary) का मतलब आमतौर पर पिछले 10 महीने के वेतन का औसत होता है। इसमें कर्मचारी (Employees) का मूल वेतन (Basic Salary)महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और कमीशन (यदि मिलता है) शामिल किया जाता है। फॉर्मूले में 15/26 का factor इसलिए लिया जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि एक महीने में 26 कार्य दिवस होते हैं (महीने के 30 या 31 दिनों में से 4 या 5 रविवार/छुट्टियां हटाकर)।

एक उदाहरण से समझते हैं ग्रेच्युटी की गणना (Gratuity Calculation Example):

मान लीजिए आपने किसी कंपनी में 15 साल तक नौकरी की। नौकरी छोड़ते समय आपका अंतिम वेतन (Last Salary) (मूल वेतन + महंगाई भत्ता + कमीशन का औसत) ₹75,000 था। अब हम ग्रेच्युटी (Gratuity) की गणना करते हैं:

₹75,000 x 15 x 15/26

इस कैलकुलेशन के अनुसार:

₹75,000 x 15 x 0.5769 (लगभग) = ₹6,49,038

यानी, इस उदाहरण में, जब कर्मचारी (Employees) 15 साल की सेवा के बाद नौकरी छोड़ते हैं, तो उन्हें ग्रेच्युटी के तौर पर ₹6,49,038 की राशि मिलेगी।

कब अलग हो सकती है ग्रेच्युटी की गणना?

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ऊपर दिया गया फॉर्मूला उन कंपनियों पर लागू होता है जो ग्रेच्युटी एक्ट (Gratuity Act) के तहत पंजीकृत हैं।

यदि कोई कंपनी ग्रेच्युटी एक्ट (Gratuity Act) के तहत पंजीकृत नहीं है, तो भी वह अपनी इच्छा से कर्मचारियों को ग्रेच्युटी (Gratuity) दे सकती है। इसके लिए कानूनी पंजीकरण आवश्यक नहीं है। ऐसे मामलों में, ग्रेच्युटी की गणना का फॉर्मूला थोड़ा अलग हो सकता है। कुछ कंपनियां गणना के लिए 26 की बजाय 30 दिन प्रति माह मान सकती हैं, जिससे फॉर्मूला और ग्रेच्युटी की राशि बदल जाएगी। हालांकि, ज़्यादातर संगठित क्षेत्रों की कंपनियां ग्रेच्युटी एक्ट के तहत ही आती हैं और ऊपर दिए गए फॉर्मूले का पालन करती हैं। अपने ग्रेच्युटी लाभ को जानने के लिए यह कैलकुलेशन समझना बहुत उपयोगी है।