Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में सड़कों और एक्सप्रेसवे का जाल बिछाकर योगी सरकार लगातार कनेक्टिविटी को बेहतर कर रही है। इस दिशा में अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए, राज्य के दो बेहद महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे – पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway) और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) पर यात्रियों की सुविधा के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। इन एक्सप्रेसवे पर अब आधुनिक ‘ई-वे हब’ (E-way Hubs) बनाए जाएंगे, जहां यात्रियों को यात्रा के दौरान एयरपोर्ट जैसी वर्ल्ड-क्लास सुविधाएं मिलेंगी।
योगी सरकार खासकर उन क्षेत्रों (जैसे पूर्वांचल और बुंदेलखंड) पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो पहले विकास की मुख्यधारा से पिछड़े थे। एक्सप्रेसवे नेटवर्क से जुड़ने के बाद, अब इन क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक विकास की रफ्तार तेज़ी पकड़ रही है। इस गति को बनाए रखने और यात्रियों का सफर आरामदायक बनाने के लिए ही इन ई-वे हब्स का निर्माण किया जा रहा है।
इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 425.43 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA – यूपीडा) ने इन ई-वे हब्स के निर्माण के लिए एक विस्तृत मास्टर प्लान तैयार कर लिया है।
कहां कितने बनेंगे ई-वे हब और कितनी आएगी लागत?
यूपीडा की योजना के अनुसार, दोनों एक्सप्रेसवे पर कुल 12 ई-वे हब बनाए जाएंगे:
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पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: इस पर 8 ई-वे हब बनाए जाएंगे, जिन पर 299.18 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे: इस पर 4 ई-वे हब बनाए जाएंगे, जिन पर 126.25 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
यूपीडा की कार्ययोजना में कुछ विशिष्ट स्थानों पर लगने वाले खर्च का भी उल्लेख है, जैसे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के सुल्तानपुर नोड पर हाईवे के दोनों तरफ ई-वे हब निर्माण के लिए 40.72 करोड़ रुपये और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बांदा जिले में 30.82 करोड़ रुपये की लागत से हब बनेंगे।
ई-वे हब में यात्रियों के लिए क्या-क्या खास होगा?
इन ई-वे हब को बनाते समय यात्रियों की सुविधाओं का खास ख्याल रखा गया है। यूपीडा ने इन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से डिज़ाइन करने की योजना बनाई है। यहां मिलने वाली सुविधाएं वाकई किसी आधुनिक एयरपोर्ट टर्मिनल पर मिलने वाली सुविधाओं से कम नहीं होंगी।
यात्रियों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए, इन हब्स में ये खास सुविधाएं होंगी:
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पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग और साफ-सुथरे शौचालय।
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महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनें और डिस्पोजल यूनिट्स।
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हाथ धोने के लिए सोप डिस्पेंसर।
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बच्चों वाली माताओं के लिए नर्सिंग रूम (जहां वे आराम से फीडिंग करा सकें)।
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बच्चों के डायपर बदलने के लिए फीडिंग और चेंजिंग एरिया।
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दिव्यांग यात्रियों की सुविधा के लिए अलग से विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए कमरे और उपकरण।
इन ई-वे हब्स के बनने से एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वाले लाखों लोगों का सफर न सिर्फ आरामदायक होगा, बल्कि ज़्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक भी बनेगा। यह योगी सरकार की इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की प्रतिबद्धता को दिखाता है और उत्तर प्रदेश के इन क्षेत्रों में पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा देगा।