New-Delhi-City-Common-Man-Issues: दिल्ली की सड़कों पर घंटों जाम में फंसना हम सबकी रोज़मर्रा की कहानी बन गई है। लेकिन अब शायद इससे कुछ राहत मिलने वाली है! दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और लोक निर्माण विभाग (PWD) मिलकर शहर की चार सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण सड़कों – रिंग रोड, नजफगढ़ रोड, महरौली-बदरपुर (MB) रोड और रोहतक रोड – को जाम के जंजाल से मुक्त करने के लिए एक नई, कारगर योजना पर काम कर रहे हैं।
क्या है ट्रैफिक पुलिस और PWD की नई प्लानिंग?
यह कोई बड़ा फ्लाईओवर बनाने की योजना नहीं है, बल्कि एक स्मार्ट और कम खर्चीला तरीका है। प्लान यह है कि इन सड़कों पर लाल बत्तियों (Traffic Signals) की संख्या को कम किया जाए और उनकी जगह सुविधाजनक यू-टर्न बनाए जाएं।
क्यों ज़रूरी है यह बदलाव?
-
लाल बत्तियों का जाल: सर्वे में पाया गया कि इन सड़कों पर लाल बत्तियों की भरमार है। उदाहरण के लिए, रिंग रोड पर हर किलोमीटर पर लगभग 10 लाल बत्तियां हैं, और रोहतक रोड पर 13 किलोमीटर में ही 14 सिग्नल हैं!
-
जाम का कारण: ये लगातार आती लाल बत्तियां ट्रैफिक के फ्लो को तोड़ती हैं, जिससे भयंकर जाम लगता है।
-
समय और ईंधन की बर्बादी: जाम में फंसने से लोगों का कीमती समय बर्बाद होता है और गाड़ियों का ईंधन भी ज़्यादा खर्च होता है।
-
बढ़ता प्रदूषण: रुक-रुक कर चलने वाले ट्रैफिक से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता है।
कैसे काम करेगी ‘यू-टर्न’ योजना?
-
सर्वेक्षण और पहचान: एक सामाजिक संस्था, सीआरआरआई (CRRI) और ट्रैफिक पुलिस ने मिलकर इन सड़कों का गहन सर्वेक्षण किया। उन जगहों की पहचान की गई जहाँ लाल बत्तियां हटाकर ट्रैफिक को सुचारु किया जा सकता है।
-
सिग्नल बंद, यू-टर्न चालू: चिन्हित लाल बत्तियों को अस्थायी रूप से बंद किया जाएगा। लोगों को मुड़ने या दिशा बदलने के लिए नज़दीक में ही सुरक्षित और सुविधाजनक यू-टर्न बनाए जाएंगे या मौजूदा यू-टर्न को बेहतर किया जाएगा।
-
विश्लेषण और स्थायी समाधान: कुछ समय तक ट्रैफिक फ्लो और लोगों की सहूलियत का विश्लेषण किया जाएगा। अगर यह ट्रायल सफल रहता है और जाम में कमी दिखती है, तो इन लाल बत्तियों को स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा, जिससे ये सड़कें काफी हद तक ‘सिग्नल-फ्री’ हो जाएंगी।
किन हिस्सों पर पड़ेगा असर?
शुरुआती दौर में इन सड़कों के कुछ ख़ास हिस्सों को सिग्नल-फ्री बनाने पर फोकस है:
-
महरौली-बदरपुर (MB) रोड: (महरौली से गुरुग्राम बॉर्डर तक का हिस्सा)
-
रोहतक रोड: (पीरागढ़ी चौक से टिकरी बॉर्डर तक)
-
नजफगढ़ रोड: (उत्तम नगर चौक से राजौरी गार्डन रिंग रोड तक)
-
रिंग रोड: (दिल्ली विधानसभा से किंग्सवे कैंप तक का हिस्सा)
आगे क्या?
ट्रैफिक पुलिस ने PWD को पत्र लिखकर इस योजना पर तेज़ी से काम करने का आग्रह किया है। PWD के अधिकारियों ने भी इस पर जल्द रणनीति बनाकर काम शुरू करने का निर्णय लिया है।
यह योजना दिल्ली के लाखों यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत ला सकती है। अगर यह सफल होती है, तो न केवल हमारा रोज़ का सफर आसान होगा, बल्कि समय, पैसा और ईंधन की बचत के साथ-साथ शहर के प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी। उम्मीद है कि यह प्लानिंग जल्द ही ज़मीन पर उतरेगी और दिल्ली की सड़कों पर ट्रैफिक का बोझ कुछ कम होगा।