Gratuity calculation : हर महीने आने वाली सैलरी की तरह ही, नौकरी छोड़ने या रिटायरमेंट पर मिलने वाली ग्रेच्युटी (Gratuity) की रकम भी हर कर्मचारी के लिए बहुत मायने रखती है। लेकिन अक्सर हमें यह पता ही नहीं होता कि आखिर ये ग्रेच्युटी मिलती किस आधार पर है और इसका हिसाब (Calculation) कैसे लगाया जाता है।
घबराइए नहीं! यहाँ हम आपको ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का वो आसान फॉर्मूला बताएंगे, जिससे आप खुद ही पता लगा सकते हैं कि अगर आपने किसी कंपनी में लगातार 5, 7 या 10 साल काम किया है, तो आप कितनी ग्रेच्युटी के हक़दार हैं।
पहले समझें: आखिर ये ग्रेच्युटी है क्या?
सोचिए, आपने अपनी ज़िंदगी के कई साल पूरी लगन से एक कंपनी को दिए। आपकी इसी मेहनत और वफादारी के बदले, कंपनी आपको एक सम्मान और इनाम के तौर पर जो रक़म देती है, वही ग्रेच्युटी कहलाती है। यह पैसा आमतौर पर तब मिलता है जब आप नौकरी छोड़ते हैं या रिटायर होते हैं।
सबसे ज़रूरी नियम: किसी भी कंपनी में लगातार कम से कम 5 साल नौकरी पूरी करने के बाद ही आप ग्रेच्युटी पाने के हक़दार बनते हैं।
ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का जादुई फॉर्मूला!
आपकी ग्रेच्युटी कितनी बनेगी, यह एक सीधे-सरल फॉर्मूले से तय होता है:
ग्रेच्युटी = (आपकी अंतिम सैलरी) x (नौकरी के साल) x (15/26)
आइए, इस फॉर्मूले को थोड़ा और समझें:
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(आपकी अंतिम सैलरी): इसमें आपकी आखिरी महीने की बेसिक सैलरी (Basic Salary) और महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) शामिल होता है। (कुछ मामलों में पिछले 10 महीने की औसत सैलरी भी ली जा सकती है, पर सामान्यतः अंतिम सैलरी ही आधार होती है)।
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(नौकरी के साल): आपने कंपनी में कुल कितने साल लगातार काम किया है। (अगर आपने 5 साल 7 महीने काम किया है, तो इसे 6 साल गिना जाएगा)।
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(15/26): यह कहाँ से आया?
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26: महीने में औसतन 4 रविवार निकालकर, काम करने के दिन 26 माने जाते हैं।
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15: इसी 26 दिन के हिसाब से, 15 दिन यानी लगभग आधे महीने की सैलरी को हर साल की सेवा के बदले ग्रेच्युटी कैलकुलेशन का आधार माना जाता है।
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उदाहरणों से समझें पूरी कैलकुलेशन:
मान लीजिए आपकी अंतिम सैलरी (Basic + DA) अलग-अलग वर्षों की सेवा के हिसाब से इस प्रकार है:
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5 साल की नौकरी पर:
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आपकी अंतिम सैलरी: ₹35,000
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कैलकुलेशन: (35,000) x (5) x (15/26)
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आपकी ग्रेच्युटी ≈ ₹1,00,961
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7 साल की नौकरी पर:
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आपकी अंतिम सैलरी: ₹50,000
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कैलकुलेशन: (50,000) x (7) x (15/26)
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आपकी ग्रेच्युटी ≈ ₹2,01,923
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10 साल की नौकरी पर:
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आपकी अंतिम सैलरी: ₹75,000
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कैलकुलेशन: (75,000) x (10) x (15/26)
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आपकी ग्रेच्युटी ≈ ₹4,32,692
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देखा! कितना आसान है अपनी ग्रेच्युटी का अंदाज़ा लगाना।
कौन सी कंपनियां ग्रेच्युटी देने के लिए बाध्य हैं?
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ग्रेच्युटी एक्ट 1972: इस कानून के तहत आने वाली हर कंपनी या संस्थान को अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देनी होती है।
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कर्मचारियों की संख्या: आमतौर पर जिन कंपनियों में 10 या उससे ज़्यादा कर्मचारी काम करते हैं, वे इस एक्ट के दायरे में आती हैं।
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अगर कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड नहीं है? चिंता न करें! अगर कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड नहीं भी है, तब भी वह स्वेच्छा से ग्रेच्युटी दे सकती है। हालांकि, ऐसी स्थिति में कैलकुलेशन का फॉर्मूला थोड़ा बदल सकता है। वहां महीने के दिन 26 की जगह 30 माने जा सकते हैं, जिससे प्रति वर्ष आधे महीने की सैलरी के हिसाब से ग्रेच्युटी बनती है।
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ग्रेच्युटी आपकी मेहनत का हक़ है। यह जानना कि आपको कितनी ग्रेच्युटी मिल सकती है, आपको अपने वित्तीय भविष्य की योजना बनाने में मदद करता है। तो, अगली बार जब आप अपनी नौकरी के साल गिनें, तो इस आसान फॉर्मूले से अपनी ग्रेच्युटी का हिसाब लगाना न भूलें!