Uttar Pradesh News : UP वालों के लिए बड़ी खुशखबरी! पूर्वांचल में बनेगा चमचमाता नया फोरलेन हाईवे, इन 30 गांवों की बदलेगी किस्मत, केंद्र ने दी हरी झंडी

Uttar Pradesh News : UP वालों के लिए बड़ी खुशखबरी! पूर्वांचल में बनेगा चमचमाता नया फोरलेन हाईवे, इन 30 गांवों की बदलेगी किस्मत, केंद्र ने दी हरी झंडी

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश, खासकर पूर्वांचल के निवासियों के लिए एक ज़बरदस्त खबर है! अब सड़कों पर गाड़ियों का सफ़र और भी तेज़ और आरामदायक होने वाला है। योगी सरकार और केंद्र सरकार मिलकर पूर्वांचल की तस्वीर बदलने के लिए एक बड़ा तोहफा लेकर आए हैं – एक बिलकुल नया, चमचमाता फोरलेन ग्रीनफील्ड हाईवे!

सोचिए, गाजीपुर से चंदौली के बीच का सफ़र कितना आसान हो जाएगा! यह नया हाईवे न सिर्फ इन दो जिलों को जोड़ेगा, बल्कि इस पूरे इलाके में विकास की नई रफ्तार भरेगा।

क्यों खास है यह नया हाईवे?

  • बाय-बाय जाम, बाय-बाय वाराणसी रूट: अभी गाजीपुर से चंदौली जाने के लिए अक्सर लोगों को वाराणसी होकर जाना पड़ता है या फिर संकरी (सिर्फ 7 मीटर चौड़ी) और भीड़भाड़ वाली सड़क का इस्तेमाल करना पड़ता है, जहाँ जाम लगना आम बात है। इस नए 41.54 किलोमीटर लंबे फोरलेन हाईवे के बनने के बाद गाजीपुर से चंदौली जाने के लिए वाराणसी जाने का झंझट ही खत्म हो जाएगा!

  • बिहार जाना होगा आसान: गाजीपुर से जिन्हें बिहार की तरफ जाना होता है, वे अब सीधे चंदौली पहुंचकर आगे का रास्ता पकड़ सकेंगे। सफ़र का समय बचेगा और परेशानी भी कम होगी।

  • विकास की नई राह: यह हाईवे लगभग 30 से ज़्यादा गांवों से होकर गुज़रेगा। ज़ाहिर है, इससे इन गांवों और आसपास के इलाकों में तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे।

क्या है पूरा प्रोजेक्ट और कितना आएगा खर्च?

  • बनाने वाला: नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (NHAI) इस शानदार हाईवे का निर्माण करेगी।

  • लागत: इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग ₹3104 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।

    • ₹1686 करोड़ हाईवे के निर्माण पर खर्च होंगे।

    • बाकी बची हुई अच्छी-खासी रकम (लगभग ₹1418 करोड़) उन किसानों को मुआवजे के तौर पर दी जाएगी जिनकी ज़मीन इस हाईवे के लिए ली जाएगी।

  • ज़मीन की ज़रूरत: इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए करीब 260 हेक्टेयर ज़मीन की आवश्यकता होगी।

  • मंजूरी मिली: अच्छी खबर यह है कि इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार और पीएम गति शक्ति पोर्टल से भी हरी झंडी मिल चुकी है।

किसानों के लिए क्या?

हाईवे जिन 30 से ज़्यादा गांवों से गुज़रेगा, वहाँ के किसानों की ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा। सरकार का कहना है कि किसानों को उनकी ज़मीन का उचित मुआवज़ा दिया जाएगा। जल्द ही ज़मीन को चिन्हित करने और अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

आगे क्या होगा?

NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रवीण कुमार कटियार ने बताया है कि डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाने का काम शुरू करने की अनुमति मिल गई है। DPR तैयार होने के बाद ज़मीन अधिग्रहण और फिर निर्माण का काम तेज़ी से आगे बढ़ेगा। उम्मीद है कि जल्द ही पूर्वांचल की जनता को इस शानदार हाईवे का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

यह नया हाईवे पूर्वांचल के सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को न सिर्फ मजबूत करेगा, बल्कि लाखों लोगों की ज़िंदगी को आसान बनाकर विकास की एक नई इबारत लिखेगा!