Electricity Bill Reduce Tips: आप भी हर महीने बिजली बचाने की पूरी कोशिश करते हैं? ज़रूरत न होने पर लाइट-पंखे बंद रखते हैं, पुराने बल्ब हटाकर LED लगा लिए हैं, फिर भी महीने के आखिर में बिजली का भारी-भरकम बिल देखकर सिर चकरा जाता है? आप अकेले नहीं हैं! महंगाई के इस दौर में, जब हर चीज़ महंगी हो रही है, बिजली का बढ़ा हुआ बिल आम आदमी का बजट बिगाड़ देता है।
अक्सर हम सोचते हैं कि हमने तो बिजली कम इस्तेमाल की, फिर बिल इतना ज़्यादा कैसे आ गया? कई बार इसकी वजह हमारी नज़रों से छिपी होती है। अगर आप भी कम खपत के बावजूद ज़्यादा बिल से परेशान हैं, तो आइए जानते हैं उन छिपे हुए कारणों के बारे में जो आपकी जेब ढीली कर रहे हैं:
1. कहीं आपका ‘मीटर’ ही तो नहीं कर रहा गड़बड़?
आपका बिजली बिल आपके मीटर में दर्ज रीडिंग के आधार पर ही बनता है। लेकिन क्या हो अगर आपका मीटर ही सही रीडिंग न दे रहा हो?
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मीटर की खराबी: मीटर पुराना होने या उसमें कोई अंदरूनी खराबी आने पर वह गलत रीडिंग दे सकता है, जिससे आपकी वास्तविक खपत से कहीं ज़्यादा बिल बन सकता है।
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गलत इंस्टॉलेशन: अगर मीटर ठीक से लगाया नहीं गया है, तब भी रीडिंग गलत आ सकती है।
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क्या करें: अपनी बिजली खपत का अंदाज़ा रखें और बिल पर आई रीडिंग से मिलान करें। अगर शक हो, तो तुरंत बिजली विभाग में मीटर जांच के लिए आवेदन करें। मीटर की नियमित जांच करवाना बेहद ज़रूरी है।
2. बिजली के ‘तारों का जंजाल’ तो नहीं बढ़ा रहा बिल?
आपके घर तक बिजली खंभे से मीटर तक आती है, और फिर मीटर से घर के अंदर सप्लाई होती है। इन तारों में गड़बड़ी भी ज़्यादा बिल का कारण बन सकती है।
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खराब या पुराने तार: खंभे से मीटर तक आने वाले तार अगर पुराने, कटे-फटे या खराब गुणवत्ता के हैं, तो उनमें पावर लॉस (लीकेज) हो सकता है या वे ज़्यादा बिजली खींच सकते हैं, जिससे मीटर तेज़ भागेगा।
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घर की वायरिंग: घर के अंदर की पुरानी या खराब वायरिंग भी बिजली की बर्बादी और ज़्यादा बिल का कारण बन सकती है।
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क्या करें: नियमित रूप से मीटर तक आने वाले बाहरी तारों की जांच करवाएं (यह काम बिजली विभाग के कर्मचारी ही करें)। अगर घर की वायरिंग बहुत पुरानी है, तो किसी अच्छे इलेक्ट्रीशियन से जांच करवाएं।
3. तारों को गोल-गोल लपेटकर रखना:
कई बार हम ज़रूरत से ज़्यादा लंबे तारों को गोल-गोल लपेटकर (कॉइल बनाकर) एक जगह रख देते हैं, खासकर एक्सटेंशन बोर्ड या उपकरणों के तार। यह आदत भी बिल बढ़ा सकती है!
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क्यों है गलत: तारों को इस तरह लपेटने से उनमें प्रतिरोध (Resistance) और चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) बनता है, जिससे बिजली की सप्लाई पर अतिरिक्त लोड पड़ता है। इससे तार गर्म हो सकते हैं और मीटर की रीडिंग बेवजह बढ़ सकती है।
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क्या करें: तारों को ज़रूरत के हिसाब से ही रखें। अगर तार ज़रूरत से ज़्यादा लंबा है, तो उसे लपेटकर रखने के बजाय कटवाकर छोटा करवा लें या सही लंबाई का तार इस्तेमाल करें।
4. पुराने, बिजली पीने वाले उपकरण:
आप भले ही उपकरणों का इस्तेमाल कम कर रहे हों, लेकिन अगर आपके घर में फ्रिज, AC, गीजर या अन्य उपकरण बहुत पुराने हैं, तो वे नए मॉडलों की तुलना में कहीं ज़्यादा बिजली की खपत करते हैं।
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एनर्जी रेटिंग: पुराने उपकरणों की एनर्जी एफिशिएंसी कम होती है। वे ज़्यादा बिजली खाकर कम काम करते हैं।
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क्या करें: धीरे-धीरे पुराने उपकरणों को नए, अच्छी स्टार रेटिंग वाले एनर्जी एफिशिएंट मॉडलों से बदलें। शुरुआत में यह महंगा लग सकता है, लेकिन लंबे समय में बिजली बिल में होने वाली बचत से इसकी भरपाई हो जाती है।
सिर्फ लाइट-पंखे बंद कर देना ही बिजली बचाने के लिए काफी नहीं है। अगर आपका बिल लगातार ज़्यादा आ रहा है, तो इन छिपी हुई वजहों पर गौर करें। अपने मीटर की जांच करवाएं, तारों की स्थिति देखें, तारों को सही ढंग से रखें और पुराने उपकरणों को अपग्रेड करने पर विचार करें। थोड़ी सी जागरूकता और सही कदम उठाकर आप अपने भारी-भरकम बिजली बिल पर काफी हद तक काबू पा सकते हैं!