CIBIL Score Rule

CIBIL Score Rule : लोन लेना होगा आसान या मुश्किल? बदल गए सिबिल स्कोर के नियम! जानें अब कितनी जल्दी अपडेट होगी आपकी रिपोर्ट और क्या है इसका मतलब?

CIBIL Score Rule : लोन का नाम सुनते ही ‘सिबिल स्कोर‘ (CIBIL Score) याद आता है, है ना? बैंक का दरवाज़ा खटखटाने से पहले यही स्कोर आपकी फाइनेंशियल कुंडली बन जाता है, जो बताता है कि आप कर्ज़ चुकाने में कितने भरोसेमंद हैं। एक अच्छा सिबिल स्कोर लोन मिलने की राह आसान बनाता है, तो वहीं खराब स्कोर रास्ते में रोड़े अटका सकता है।

अब ध्यान देने वाली बात ये है कि आपके इसी सिबिल स्कोर से जुड़े नियमों में एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव आया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) के लिए सिबिल स्कोर अपडेट करने को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं। लेकिन इस बदलाव का आप पर, यानी लोन लेने वालों पर क्या असर पड़ेगा? आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं।

क्या बदला है नियम? अब और जल्दी अपडेट होगी आपकी क्रेडिट हिस्ट्री!

पहले बैंक और NBFCs आपकी क्रेडिट जानकारी (जैसे आपने लोन की EMI समय पर चुकाई या नहीं, क्रेडिट कार्ड का बिल भरा या नहीं) महीने में एक बार क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों (CICs – जैसे सिबिल, इक्विफैक्स आदि) को भेजते थे। इसी जानकारी के आधार पर आपका सिबिल स्कोर बनता और अपडेट होता था।

लेकिन अब RBI के नए नियम के मुताबिक:

  • बैंकों और NBFCs को हर 15 दिन में आपकी क्रेडिट जानकारी CICs को भेजनी होगी।

  • इसका मतलब है कि आपकी क्रेडिट रिपोर्ट और सिबिल स्कोर अब महीने में एक बार नहीं, बल्कि दो बार अपडेट हो सकता है – महीने की 15 तारीख के आसपास और महीने के अंत में। (बैंक/कंपनियां इसके लिए अपनी कोई और फिक्स तारीख भी तय कर सकती हैं)।

इस बदलाव का आप पर क्या असर पड़ेगा? (फायदे ही फायदे!)

यह नया नियम लोन लेने वालों और बैंकों, दोनों के लिए कई तरह से फायदेमंद है:

  1. जल्दी दिखेगा सुधार: अगर आपने हाल ही में अपना कोई पुराना लोन चुकाया है या अपनी क्रेडिट आदतें सुधारी हैं (जैसे समय पर बिल भरना शुरू किया है), तो इसका पॉजिटिव असर आपकी सिबिल रिपोर्ट में बहुत जल्दी, यानी 15 दिनों के अंदर ही दिख सकता है। आपको महीनों इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।

  2. खराब स्कोर सुधारने वालों को मदद: अगर आपका स्कोर पहले खराब (Bad CIBIL Score) था और आप उसे सुधारने के लिए मेहनत कर रहे हैं, तो आपको जल्दी-जल्दी पता चलेगा कि आपकी कोशिशें कितनी कामयाब हो रही हैं।

  3. बेहतर लोन ऑफर्स की संभावना: जैसे ही आपका स्कोर सुधरकर अपडेट होगा, आपको बेहतर ब्याज दरों पर लोन मिलने या क्रेडिट कार्ड अप्रूव होने की संभावना भी जल्दी बढ़ सकती है।

  4. ताज़ा जानकारी: आपको अपनी क्रेडिट हेल्थ की ज़्यादा ताज़ा और सटीक जानकारी मिलेगी, जिससे आप बेहतर वित्तीय फैसले ले पाएंगे।

  5. बैंकों के लिए भी अच्छा: बैंकों को भी जल्दी पता चल जाएगा कि कौन सा ग्राहक समय पर पेमेंट कर रहा है और कौन डिफॉल्ट कर रहा है। इससे वे लोन देने का फैसला ज़्यादा बेहतर तरीके से कर पाएंगे। अगर कोई डिफॉल्ट करता है, तो 15 दिन में ही रिपोर्ट अपडेट होने से दूसरे बैंकों को भी समय पर अलर्ट मिल जाएगा।

कुल मिलाकर, RBI का यह नया नियम क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम को ज़्यादा तेज, सटीक और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे जहां बैंकों को जोखिम समझने में आसानी होगी, वहीं आप जैसे ग्राहकों को भी अपनी क्रेडिट स्थिति की ताज़ा जानकारी मिलेगी और अच्छे क्रेडिट व्यवहार का फायदा पहले से ज़्यादा जल्दी मिल सकेगा।

इसलिए, अपना सिबिल स्कोर नियमित रूप से चेक करते रहें और सबसे ज़रूरी, हमेशा समय पर अपने लोन की EMI और क्रेडिट कार्ड का भुगतान करें!