ITR : क्या आपके मन में भी ये सवाल अक्सर घूमता है कि अगर इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return – ITR) समय पर फाइल नहीं किया, तो क्या सीधे जेल जाना पड़ सकता है? अक्सर लोग इस बात को लेकर डरे रहते हैं। तो आपको बता दें कि हाँ, कुछ बेहद गंभीर मामलों में जेल की सज़ा का प्रावधान है, लेकिन यह हर किसी पर लागू नहीं होता।
आइए, आज हम इनकम टैक्स न भरने से जुड़े नियमों को आसान भाषा में समझते हैं, ताकि आप किसी भी तरह की परेशानी से बच सकें।
डेडलाइन निकली तो लगेगी लेट फीस और जुर्माना
सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख आमतौर पर 31 जुलाई होती है। अगर आप इस तारीख तक अपना ITR नहीं भरते हैं, तो आपको लेट फीस देनी पड़ती है।
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लेट फीस: यह फीस ₹5000 तक हो सकती है।
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कम आय वालों के लिए राहत: अगर आपकी कुल टैक्सेबल इनकम (कर योग्य आय) बेसिक छूट सीमा से कम है, तो यह लेट फीस घटाकर ₹1000 कर दी जाती है।
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ज़्यादा देरी पर बड़ा जुर्माना: अगर आप फाइलिंग को टालते रहते हैं, तो जुर्माना दस हजार रुपये तक भी पहुँच सकता है।
सिर्फ लेट फीस ही नहीं, ब्याज और पेनल्टी भी!
अगर आपका कोई टैक्स बकाया था और आपने उसे समय पर नहीं चुकाया और ITR भी लेट फाइल किया, तो मामला सिर्फ लेट फीस तक ही सीमित नहीं रहता:
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ब्याज (Interest): आपको अपने बकाया टैक्स अमाउंट पर 1% प्रति माह की दर से ब्याज भी चुकाना होगा। यह ब्याज डेडलाइन खत्म होने के अगले दिन से ही लगना शुरू हो जाता है।
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पेनल्टी (Penalty):
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अगर आपने गलती से या अनजाने में टैक्स कम बताया या ITR नहीं भरा, तो आपके कुल टैक्स देनदारी की 50% रकम पेनल्टी के तौर पर वसूली जा सकती है।
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लेकिन, अगर यह साबित हो जाता है कि आपने जानबूझकर टैक्स छिपाया या ITR फाइल नहीं किया, तो पेनल्टी आपकी टैक्स देनदारी की 200% तक हो सकती है! यह पेनल्टी आपको बकाया टैक्स और ब्याज के ऊपर देनी होगी।
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तो फिर जेल कब हो सकती है?
अब आते हैं सबसे बड़े सवाल पर – क्या ITR फाइल न करने पर जेल भी हो सकती है? जवाब है – हाँ, लेकिन यह बहुत ही संगीन (Extreme) मामलों में होता है।
इनकम टैक्स विभाग हर किसी पर मुकदमा नहीं करता। जेल की नौबत तभी आती है जब:
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टैक्स की रकम बड़ी हो: इनकम टैक्स विभाग आमतौर पर मुकदमा (Prosecution) तभी शुरू करता है, जब जानबूझकर छिपाए गए या चोरी किए गए टैक्स की रकम ₹10,000 से ज़्यादा हो।
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जानबूझकर टैक्स चोरी: यह साबित होना ज़रूरी है कि टैक्सपेयर ने जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया है और टैक्स देने से बचने की कोशिश की है।
अगर कोर्ट में यह साबित हो जाता है कि व्यक्ति ने जानबूझकर टैक्स चोरी की है और टैक्स की रकम ₹10,000 से अधिक है, तो उसे 6 महीने से लेकर 7 साल तक की जेल की सज़ा हो सकती है।
इसलिए, इनकम टैक्स रिटर्न समय पर फाइल करना बेहद ज़रूरी है। यह न सिर्फ आपको लेट फीस, ब्याज और भारी जुर्माने से बचाता है, बल्कि उन गंभीर कानूनी कार्रवाइयों से भी दूर रखता है जिनमें जेल जाने तक का खतरा होता है। अपनी ज़िम्मेदारी निभाएं, समय पर ITR फाइल करें और चैन की नींद सोएं!