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UP Expressway News: अयोध्या में दौड़ेगा विकास! 3 तहसीलों के 52 गांवों से गुजरेगा नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, जमीन खरीद-बिक्री पर रोक

UP Expressway News :  उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है! राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए, अयोध्या जिले में एक नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रक्रिया तेज हो गई है। यह एक्सप्रेसवे जिले की तीन तहसीलों के कुल 52 गांवों से होकर गुजरेगा, जिससे न केवल क्षेत्र की कनेक्टिविटी सुधरेगी बल्कि किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए तरक्की के नए रास्ते भी खुलेंगे।

किसानों के लिए मुआवजा और क्षेत्र के लिए तरक्की

यह परियोजना अयोध्या के विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मील का पत्थर साबित होगी। एक्सप्रेसवे के लिए जिन 52 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, वहां के किसानों को उचित मुआवजा मिलेगा। इसके साथ ही, एक्सप्रेसवे बनने से आस-पास के इलाकों में जमीन की कीमतों में उछाल आने और रोजगार के नए अवसर पैदा होने की भी पूरी संभावना है।

इन गांवों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे, जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक

प्रशासन ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी करने के साथ ही, प्रभावित गांवों में जमीन की खरीद-फरोख्त पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

  • बीकापुर तहसील: सर्वाधिक 39 गांव

  • सदर तहसील: 5 गांव

  • सोहावल तहसील: 8 गांव

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (भू-अभिलेख), श्री अरुण मणि तिवारी ने संबंधित तहसीलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन 52 गांवों में भूमि के उपयोग में किसी भी प्रकार का परिवर्तन न किया जाए, ताकि अधिग्रहण प्रक्रिया में कोई बाधा न आए। यही कारण है कि इन गांवों में फिलहाल जमीन खरीदना या बेचना संभव नहीं होगा।

अयोध्या-सुल्तानपुर सफर होगा आसान, जाम से मिलेगी मुक्ति

यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे राम नगरी अयोध्या और कुश की नगरी सुल्तानपुर के बीच यात्रा को बेहद सुगम बना देगा। भविष्य में इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।

अयोध्या रिंग रोड परियोजना का हिस्सा (₹3,935 करोड़ की लागत)

यह एक्सप्रेसवे संभवतः अयोध्या रिंग रोड परियोजना का ही हिस्सा है, जिसे केंद्र सरकार ने अगस्त 2024 (संभावित रूप से अगस्त 2023 या पूर्व में) मंजूरी दी थी। इस 68 किलोमीटर लंबे, चार लेन वाले रिंग रोड का निर्माण हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) पर किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत ₹3,935 करोड़ है।

इस रिंग रोड का मुख्य उद्देश्य अयोध्या शहर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात का दबाव कम करना है। इससे अयोध्या आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का सफर आसान और तेज हो जाएगा। साथ ही, लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अयोध्या एयरपोर्ट और शहर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों तक बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को काफी सुविधा मिलेगी। यह एक्सप्रेसवे और रिंग रोड परियोजना न केवल अयोध्या की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई देगी, बल्कि पूरे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।